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कुंड सरकार मंदिर मेलाः धार्मिक धुनों पर बुंदेली लोक नृत्य का आयोजन - छतरपुर न्यूज

कर्री गांव में कुंड सरकार मेले के समापन में धार्मिक धुनों पर बुंदेली लोक नृत्य का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में भारी संख्या में क्षेत्रवासी शामिल हुए. हर साल बसंत पंचमी को कुंड सरकार मेले का आयोजन किया जाता है.

Kund Sarkar Temple Fair
कुंड सरकार मंदिर मेला
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Published : Feb 18, 2021, 2:32 AM IST

छतरपुर। जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर कर्री गांव में आस्था के केंद्र कुंड सरकार मंदिर में लगे दो दिवसीय मेले का समापन हुआ. इस समापन में धार्मिक धुनों पर किया गया लोकनृत्य राई आकर्षण का केंद्र रहा. यह दो दिवसीय मेला हर साल बसंत पंचमी से आयोजित होता है.

कुंड सरकार मंदिर मेले का आयोजन
  • कुंड सरकार मंदिर में मेला

हर साल ये मेला कर्री में बसंत पंचमी से दो दिन तक लगता है. जहां सभी क्षेत्रवासी उत्साह से शामिल होते हैं. इस दो दिवसीय मेले का लोग सालभर इंतजार करते हैं. इस साल भी कुंड सरकार मेले में धार्मिक धुनों पर बुंदेली लोक नृत्य का आयोजन किया गया. जहां ढोलक और नगरिया की धुन पर नृत्यांगना जमकर थिरकी और दर्शकों ने इसका खूब आनंद उठाया.

  • 70 साल पुराना है इतिहास

यह सिद्ध धाम अपने आप में अनूठा है. यहां की प्राकृतिक चट्टानों के बीच पूरे साल तक जल भरा रहता है. जो हजारों लोगों की प्यास बुझाने के बाद भी खत्म नहीं होता. अब इसे सिद्ध स्थान का चमत्कार कहें या इस कम पानी वाले क्षेत्र के लिए कुदरत का वरदान. ये बात भी सच है कि इस क्षेत्र में जहां दूर-दूर तक जल की एक बूंद की कल्पना करना मुश्किल है, वहीं महज एक चट्टान पर भरा जल हजारों लोगों की प्यास बुझाता है. लोगों का कहना है कि इस पवित्र स्थान का इतिहास 70 साल पुराना है. जहां एक कॉन्स्टेबल को हनुमानजी ने दर्शन दिए थे. उसके बाद ग्रामीणों के सहयोग से इस स्थान पर हनुमान जी की स्थापना कराई गई.

बसंत पंचमी: इंदौर की देसी दुल्हन ने थामा विदेशी दूल्हे का हाथ

  • बसंत पंचमी का होता है विशेष महत्व

बसंत पंचमी के दिन इस पवित्र स्थान को विशेष रूप से सजाया जाता है. यहां देवी-देवताओं का श्रृंगार देखते ही बनता है. मेले में खानपान के आयोजन के साथ सभी आवश्यक सामग्री उपलब्ध रहती है. मेला आयोजकों का कहना है कि मेले में हर साल हजारों लोग आते हैं, इसके चलते मेले में हर जरूरी व्यवस्था की जाती है.

छतरपुर। जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर कर्री गांव में आस्था के केंद्र कुंड सरकार मंदिर में लगे दो दिवसीय मेले का समापन हुआ. इस समापन में धार्मिक धुनों पर किया गया लोकनृत्य राई आकर्षण का केंद्र रहा. यह दो दिवसीय मेला हर साल बसंत पंचमी से आयोजित होता है.

कुंड सरकार मंदिर मेले का आयोजन
  • कुंड सरकार मंदिर में मेला

हर साल ये मेला कर्री में बसंत पंचमी से दो दिन तक लगता है. जहां सभी क्षेत्रवासी उत्साह से शामिल होते हैं. इस दो दिवसीय मेले का लोग सालभर इंतजार करते हैं. इस साल भी कुंड सरकार मेले में धार्मिक धुनों पर बुंदेली लोक नृत्य का आयोजन किया गया. जहां ढोलक और नगरिया की धुन पर नृत्यांगना जमकर थिरकी और दर्शकों ने इसका खूब आनंद उठाया.

  • 70 साल पुराना है इतिहास

यह सिद्ध धाम अपने आप में अनूठा है. यहां की प्राकृतिक चट्टानों के बीच पूरे साल तक जल भरा रहता है. जो हजारों लोगों की प्यास बुझाने के बाद भी खत्म नहीं होता. अब इसे सिद्ध स्थान का चमत्कार कहें या इस कम पानी वाले क्षेत्र के लिए कुदरत का वरदान. ये बात भी सच है कि इस क्षेत्र में जहां दूर-दूर तक जल की एक बूंद की कल्पना करना मुश्किल है, वहीं महज एक चट्टान पर भरा जल हजारों लोगों की प्यास बुझाता है. लोगों का कहना है कि इस पवित्र स्थान का इतिहास 70 साल पुराना है. जहां एक कॉन्स्टेबल को हनुमानजी ने दर्शन दिए थे. उसके बाद ग्रामीणों के सहयोग से इस स्थान पर हनुमान जी की स्थापना कराई गई.

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  • बसंत पंचमी का होता है विशेष महत्व

बसंत पंचमी के दिन इस पवित्र स्थान को विशेष रूप से सजाया जाता है. यहां देवी-देवताओं का श्रृंगार देखते ही बनता है. मेले में खानपान के आयोजन के साथ सभी आवश्यक सामग्री उपलब्ध रहती है. मेला आयोजकों का कहना है कि मेले में हर साल हजारों लोग आते हैं, इसके चलते मेले में हर जरूरी व्यवस्था की जाती है.

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