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उपेक्षा के शिकार 'बुंदेली कलाकार', काम भरपूर लेकिन सम्मान से दूर - अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव

खजुराहो में अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें बुंदेली कलाकारों ने अपनी आप बीती बताई.

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खजुराहो में अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव आयोजन
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Published : Dec 20, 2019, 9:05 AM IST

Updated : Dec 20, 2019, 2:18 PM IST

छतरपुर। खजुराहो में अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें देश-विदेश के कलाकर अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं. वहीं राजा बुंदेला इस फिल्म फेस्टिवल का आयोजन पिछले 4 सालों से लगातार करते आ रहे हैं. ये पांचवा साल है जो की हास्य कलाकारों को समर्पित है. लेकिन बुंदेली कलाकारों को हमेशा उपेक्षा का शिकार होना पड़ता है.

खजुराहो में अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव आयोजन

महोत्सव को पांचवा साल पर नहीं मिला सम्मान

खजुराहो अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल के आयोजक लगातार पांच साल से इस आयोजन के माध्यम से बुंदेली कलाकारों को और स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान करते हैं. लेकिन बुंदेली कलाकार इस बात पर इत्तेफाक नहीं रखते, उनका कहना है कि पिछले पांच सालों से इस महोत्सव का वो हिस्सा हैं लेकिन अभी तक उन्हें न तो सम्मान दिया गया है, और न ही अब तक कोई काम मिला है.

यादगार किरदार के बाद भी नहीं मिला काम

बुंदेलखंड के प्रसिद्ध कलाकार ने बताया कि वो आज से लगभग 20 साल पहले बुंदेलखंड की पहली फिल्म ' जीजा आओ रे' में हरिया का किरदार निभाया था, जिसे आज भी लोग याद करते हैं लेकन उन्हें कोई सम्मान नहीं दिया गया और ना ही उनकी किसी फिल्म को थियेटर में जगह मिली है. जिसके चलते अब उनकी उमीदे टूटने लगी है.

स्थानीय कलाकारों ने बताया अपना दर्द

स्थानीय कलाकार राजेंद्र सिंह ने बताया कि भले ही बुंदेला कलाकारों के नाम पर इतना बड़ा कार्यक्रम आयोजित होता हो लेकिन पूरे महोत्सव में बुंदेली कलाकार ही नजर नहीं आते हैं, और ना ही उन्हें बुलावा भेजा जाता है. उन्होनें कहा हम जैसे कलाकारों के लिए इस महोत्सव में कोई जगह नहीं है.

स्थानीय हास्य कलाकार चंदू रैकवार बताते हैं कि उन्हें नहीं लगता है कि ये फिल्म फेस्टिवल उनके किसी काम का है. ना तो उन्हें इस फेस्टिवल में बुलाया जाता है और ना ही उनकी किसी फिल्म को फेस्टिवल में दिखाया जाता है. उनका कहना है कि राजा बुंदेली उनकी किसी भी फिल्म को कार्यक्रम में नहीं दिखाते हैं और ना ही उन्होंने मुंबई जाकर इस फेस्टिवल को बड़े स्तर पर आयोजित करने की कोशिश करते हैं, बुंदेली फिल्में सिर्फ यूटयूब तक सीमित हैं

छतरपुर। खजुराहो में अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें देश-विदेश के कलाकर अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं. वहीं राजा बुंदेला इस फिल्म फेस्टिवल का आयोजन पिछले 4 सालों से लगातार करते आ रहे हैं. ये पांचवा साल है जो की हास्य कलाकारों को समर्पित है. लेकिन बुंदेली कलाकारों को हमेशा उपेक्षा का शिकार होना पड़ता है.

खजुराहो में अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव आयोजन

महोत्सव को पांचवा साल पर नहीं मिला सम्मान

खजुराहो अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल के आयोजक लगातार पांच साल से इस आयोजन के माध्यम से बुंदेली कलाकारों को और स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान करते हैं. लेकिन बुंदेली कलाकार इस बात पर इत्तेफाक नहीं रखते, उनका कहना है कि पिछले पांच सालों से इस महोत्सव का वो हिस्सा हैं लेकिन अभी तक उन्हें न तो सम्मान दिया गया है, और न ही अब तक कोई काम मिला है.

यादगार किरदार के बाद भी नहीं मिला काम

बुंदेलखंड के प्रसिद्ध कलाकार ने बताया कि वो आज से लगभग 20 साल पहले बुंदेलखंड की पहली फिल्म ' जीजा आओ रे' में हरिया का किरदार निभाया था, जिसे आज भी लोग याद करते हैं लेकन उन्हें कोई सम्मान नहीं दिया गया और ना ही उनकी किसी फिल्म को थियेटर में जगह मिली है. जिसके चलते अब उनकी उमीदे टूटने लगी है.

स्थानीय कलाकारों ने बताया अपना दर्द

स्थानीय कलाकार राजेंद्र सिंह ने बताया कि भले ही बुंदेला कलाकारों के नाम पर इतना बड़ा कार्यक्रम आयोजित होता हो लेकिन पूरे महोत्सव में बुंदेली कलाकार ही नजर नहीं आते हैं, और ना ही उन्हें बुलावा भेजा जाता है. उन्होनें कहा हम जैसे कलाकारों के लिए इस महोत्सव में कोई जगह नहीं है.

स्थानीय हास्य कलाकार चंदू रैकवार बताते हैं कि उन्हें नहीं लगता है कि ये फिल्म फेस्टिवल उनके किसी काम का है. ना तो उन्हें इस फेस्टिवल में बुलाया जाता है और ना ही उनकी किसी फिल्म को फेस्टिवल में दिखाया जाता है. उनका कहना है कि राजा बुंदेली उनकी किसी भी फिल्म को कार्यक्रम में नहीं दिखाते हैं और ना ही उन्होंने मुंबई जाकर इस फेस्टिवल को बड़े स्तर पर आयोजित करने की कोशिश करते हैं, बुंदेली फिल्में सिर्फ यूटयूब तक सीमित हैं

Intro: खजुराहो में अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है कार्यक्रम में देश विदेश के कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं राजा बुंदेला अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल का आयोजन पिछले 4 सालों से लगातार करते हुए आ रहे हैं और यह फिल्म फेस्टिवल का पांचवा साल राजा बुंदेला लगातार बुंदेली कलाकारों को मंच देने एवं उन्हें काम देने की बात करते हैं लेकिन बुंदेली कलाकार एवं स्थानीय कलाकार इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते हैं!


Body: पांचवी साल मे भी खजुराहो में अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है राजा बुंदेला खजुराहो अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल के आयोजक हैं और लगातार इस आयोजन के माध्यम से बुंदेली कलाकारों एवं स्थानीय कलाकारों को काम देने एवं उचित मंच देने की बात करते हैं लेकिन बुंदेलखंड के स्थानी कलाकार उनकी इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते हैं स्थानीय बुंदेली कलाकारों का कहना है कि हम पिछले 5 सालों से इस महोत्सव को देखते आ रहे हैं लेकिन अभी तक किसी भी स्थानीय कलाकार को ना तो उचित सम्मान दिया गया है और ना ही उन्हें काम मिला है बुंदेलखंड के प्रसिद्ध कलाकार हिमालय यादव बताते हैं कि उन्होंने आज से लगभग 20 वर्ष पहले बुंदेलखंड की सबसे पहली मूवी जीजा आओ रे में हरिया नाम का किरदार निभाया था बुंदेलखंड की यह पहली बुंदेली मूवी थी जिसे लोग आज भी याद करते हैं जीजा आओ रे मूवी में हर्ष आत्मक तरीके से फिल्माए गए किरदार एवं उनके द्वारा किया गया चरित्र आज भी लोग याद करते हैं हिमालय यादव बताते हैं कि लगभग 20 वर्षों से लगातार व फिल्म लाइन में सक्रिय हैं बुंदेली में कई फिल्में बनाई हैं लाखों रुपए खर्च किए हैं लेकिन आज तक ना कोशिश सम्मान मिला और ना ही उनकी किसी फिल्म को थिएटर में जगह मिल पाई है ऐसे में बुंदेलखंड के कलाकार एवं डायरेक्शन से संबंधित लोग ना सिर्फ परेशान हैं बल्कि धीरे-धीरे उनकी उम्मीदें भी टूटने लगे हैं!

एक और स्थानीय कलाकार राजेंद्र सिंह बताते हैं कि भले ही बुंदेली कलाकारों एवं स्थानीय कलाकारों के नाम पर इतना बड़ा आयोजन किया जा रहा हो लेकिन स्थानीय एवं बुंदेली कलाकार इस पूरे महोत्सव में दूर-दूर तक नहीं दिखाई देते हैं ना तो कोई बुलावा भेजा जाता है और ना ही सम्मान दिया जाता है! राजेंद्र सिंह की मानें तो कलाकारों के नाम पर बनेगी करोड़ों रुपए खर्च हो रही हो लेकिन इस कार्यक्रम में हम जैसे कलाकारों के लिए कोई स्थान नहीं है!

इस वर्ष का फेस्टिवल हास्य कलाकारों को समर्पित है एक और स्थानीय हास्य कलाकार चंदू रैकवार बताते हैं कि उन्हें नहीं लगता है कि यह फिल्म फेस्टिवल उनके लिए किसी काम का है ना तो उन्हें इस फेस्टिवल में बुलाया जाता है और ना ही उनकी किसी फिल्म को फेस्टिवल में दिखाया जाता है!




Conclusion:स्थानीय बुंदेलखंड के कलाकारों का कहना है कि राजा बुंदेला हमारी किसी भी फिल्मों को ना तो अपने कार्यक्रम में प्रदर्शित करते हैं और अगर प्रदर्शन भी करते हैं तो वह फिल्म उपेक्षा का शिकार रहती है आज तक बुंदेलखंड की किसी भी फिल्म को ना ही कोई थिएटर मिला है और ना ही राजा बुंदेला ने मुंबई जाकर फिल्म को बड़े स्तर पर प्रायोजित करने की कोशिश की है लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी बुंदेलखंड की बनी फिल्में सिर्फ यूट्यूब पर ही सिमट कर रह जाती हैं!
Last Updated : Dec 20, 2019, 2:18 PM IST
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