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छत्रसाल यूनिवर्सिटी में 4 साल पहले निकली थीं वैकेंसी, आज तक नहीं हुई भर्ती, अभ्यर्थी परेशान - Vice Chancellor TR Thapak

महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी की तरफ से साल 2016-17 में ग्रेड तीन और चार के लिए लगभग 125 भर्तियां निकाली गई थीं. लेकिन अब तक इन पदों पर भर्ती नहीं हो पाई है. आवेदन कर चुके अभ्यर्थियों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है.

Maharaja Chhatrasal Bundelkhand University
महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी
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Published : Jun 20, 2020, 8:01 PM IST

छतरपुर। सत्र 2016-17 में महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी की तरफ से लगभग 125 भर्तियां निकाली गई थीं. ये सभी भर्तियां तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के लिए थीं. इसमें कुल 4 हजार अभ्यार्थियों ने आवेदन किया था, लेकिन 4 साल बीत जाने के बाद भी न तो अभ्यर्थियों की नियुक्ति की गई है और न ही उनका इंटरव्यू लिया गया है. 4 साल बीत जाने के बाद भी यूनिवर्सिटी प्रबंधन इस बात की ठीक से जानकारी नहीं दे पा रहा है कि, आखिर ये मामला कब तक निपटेगा.

चार साल से परेशान हो रहे अभ्यर्थी

आवेदन करने वाले अभ्यार्थी के चक्कर लगाते-लगाते थक गए हैं. उन्हें किसी तरह की सूचना नहीं मिल पा रही है. अगर एक्जॉम नहीं होना है, तो अभ्यर्थियों को उनका आवेदन शुल्क लौटाना चाहिए. विश्वविद्यालय प्रबंधन ने वो भी नहीं किया है. इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.

अभ्यार्थी वीरेंद्र सिंह राजपूत बताते हैं कि, 4 साल पहले उन्होंने यूनिवर्सिटी में निकले पदों में से कंप्यूटर ऑपरेटर के लिए आवेदन किया था. जिसके लिए करीब 1100 रुपए खर्च किए थे. लेकिन 4 साल बीत जाने के बाद भी, इस मामले को लेकर किसी प्रकार की कोई सूचना नहीं आई है.

कुलपति टीआर थापक का कहना है कि, जब तक केंद्र सरकार और राज्य सरकार यूनिवर्सिटी को सहयोग नहीं करती है, तब तक इन पदों पर भर्ती हो पाना लगभग असंभव है. ये मामला उनके पदभार ग्रहण करने से पहले का है. लेकिन वे इतना जरुर कह सकते हैं कि, आगे जब भी रिक्तियां भरी जाएंगी, तो इन अभ्यर्थियों के आवेदन स्वीकृत माने जाएंगे और उन्हें अलग से शुल्क नहीं देना पड़ेगा.

छतरपुर। सत्र 2016-17 में महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी की तरफ से लगभग 125 भर्तियां निकाली गई थीं. ये सभी भर्तियां तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के लिए थीं. इसमें कुल 4 हजार अभ्यार्थियों ने आवेदन किया था, लेकिन 4 साल बीत जाने के बाद भी न तो अभ्यर्थियों की नियुक्ति की गई है और न ही उनका इंटरव्यू लिया गया है. 4 साल बीत जाने के बाद भी यूनिवर्सिटी प्रबंधन इस बात की ठीक से जानकारी नहीं दे पा रहा है कि, आखिर ये मामला कब तक निपटेगा.

चार साल से परेशान हो रहे अभ्यर्थी

आवेदन करने वाले अभ्यार्थी के चक्कर लगाते-लगाते थक गए हैं. उन्हें किसी तरह की सूचना नहीं मिल पा रही है. अगर एक्जॉम नहीं होना है, तो अभ्यर्थियों को उनका आवेदन शुल्क लौटाना चाहिए. विश्वविद्यालय प्रबंधन ने वो भी नहीं किया है. इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.

अभ्यार्थी वीरेंद्र सिंह राजपूत बताते हैं कि, 4 साल पहले उन्होंने यूनिवर्सिटी में निकले पदों में से कंप्यूटर ऑपरेटर के लिए आवेदन किया था. जिसके लिए करीब 1100 रुपए खर्च किए थे. लेकिन 4 साल बीत जाने के बाद भी, इस मामले को लेकर किसी प्रकार की कोई सूचना नहीं आई है.

कुलपति टीआर थापक का कहना है कि, जब तक केंद्र सरकार और राज्य सरकार यूनिवर्सिटी को सहयोग नहीं करती है, तब तक इन पदों पर भर्ती हो पाना लगभग असंभव है. ये मामला उनके पदभार ग्रहण करने से पहले का है. लेकिन वे इतना जरुर कह सकते हैं कि, आगे जब भी रिक्तियां भरी जाएंगी, तो इन अभ्यर्थियों के आवेदन स्वीकृत माने जाएंगे और उन्हें अलग से शुल्क नहीं देना पड़ेगा.

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