छतरपुर। बुंदेलखंड का किसान एक बार फिर असमंजस में है. इस बार असमंजस की स्थिति मौसम को लेकर नहीं, बल्कि सरकार के मंत्री एवं अधिकारियों को लेकर है. अतिवृष्टि के कारण पिछली फसल में किसानों को भारी नुकसान हुआ था. मध्यप्रदेश शासन के अधिकारी एवं मंत्री लगातार बोल रहे हैं कि जो नुकसान हुआ है उसका सर्वे करा दिया गया है और जल्द ही किसानों के खाते में नुकसान की राशि पहुंच जाएगी. वहीं बुंदेलखंड के ज्यादातर किसान इस बात को लेकर हैरान हैं कि जब फसल नुकसान का कोई आकलन किया ही नहीं गया है तो मुआवजा कैसे आएगा.
वहीं सहकारिता मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह भी इस बात को कह रहे हैं कि सर्वे करा लिया गया है. अतिवृष्टि में किसानों को जो नुकसान हुआ है उसका पैसा भी उन्हें जल्द दे दिया जाएगा. छतरपुर जिले के आसपास के गांवों के किसान खरीफ की फसल में हुए नुकसान से खासे चिंतित हैं. किसानों को अब इस बात की उम्मीद नहीं है कि उन्हें खराब हुई फसल का कोई मुआवजा मिलेगा.
किसान रतिराम बताते हैं कि उन्होंने उड़द, सोयाबीन और तिल की फसल बोई थी. अतिवृष्टि के चलते फसल खराब हो गई और काफी नुकसान भी हुआ. फसल के नुकसान को लेकर वो पटवारी के पास भी गए थे, लेकिन कोई भी सर्वे नहीं किया गया है.
वहीं छतरपुर जिले के एडीएम प्रेम सिंह चौहान लगातार इस बात को कह रहे हैं कि उन्होंने पटवारी और आर आई को भेजकर सर्वे करा लिया है और जल्द ही जो अतिवृष्टि में नुकसान हुआ है उसका मुआवजा किसानों को दे दिया जाएगा.