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90 फीसदी बर्बाद फसलों का अब तक 0% मुआवजा, न सर्वे, न मदद, सिर्फ मिल रहा आश्वासन

अतिवृष्टि से बर्बाद फसलों का सर्वे करने के लिए अब तक कोई सरकारी नुमाइंदा नहीं पहुंचा है, जिसके चलते किसान परेशान हैं.

मुआवजा नहीं मिलने से किसान परेशान
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Published : Nov 19, 2019, 10:14 AM IST

छतरपुर। बुंदेलखंड में अतिवृष्टि के चलते किसानों की खरीफ की फसल लगभग बर्बाद हो चुकी है. किसानों ने सोयाबीन, उड़द और तिल की करीब 90 फीसदी फसल का नुकसान हुआ है. छतरपुर जिले के आला अधिकारी लगातार ये बात कह रहे हैं कि पटवारी, RI को भेजकर बर्बाद फसलों का सर्वे करा लिया गया है. जल्द ही किसानों के नुकसान की भरपाई कर दी जाएगी, जबकि अब तक सर्वे के लिए कोई सरकारी नुमाइंदा अब तक किसानों के यहां नहीं पहुंचा है.

किसानों का कहना है कि उनकी उड़द और सोयाबीन की फसल लगभग खराब हो गई है. खेत में जो फसल बोई थी, उससे बीज भी नहीं मिल सका है. खराब फसलों का सर्वे करने के लिए न तो सरकार का कोई नुमाइंदा आया और ना ही RI और पटवारी ने फसलों का सर्वे किया. अत्यधिक वर्षा के चलते खराब फसलों के मामले में एडीएम प्रेम सिंह चौहान का कहना है कि कलेक्टर मोहित बुंदस ने RI और पटवारियों को भेजकर किसानों की बर्बाद फसलों का सर्वे करा दिया है और जल्द ही उन्हें मुआवजे की राशि मिल जाएगी.

छतरपुर। बुंदेलखंड में अतिवृष्टि के चलते किसानों की खरीफ की फसल लगभग बर्बाद हो चुकी है. किसानों ने सोयाबीन, उड़द और तिल की करीब 90 फीसदी फसल का नुकसान हुआ है. छतरपुर जिले के आला अधिकारी लगातार ये बात कह रहे हैं कि पटवारी, RI को भेजकर बर्बाद फसलों का सर्वे करा लिया गया है. जल्द ही किसानों के नुकसान की भरपाई कर दी जाएगी, जबकि अब तक सर्वे के लिए कोई सरकारी नुमाइंदा अब तक किसानों के यहां नहीं पहुंचा है.

किसानों का कहना है कि उनकी उड़द और सोयाबीन की फसल लगभग खराब हो गई है. खेत में जो फसल बोई थी, उससे बीज भी नहीं मिल सका है. खराब फसलों का सर्वे करने के लिए न तो सरकार का कोई नुमाइंदा आया और ना ही RI और पटवारी ने फसलों का सर्वे किया. अत्यधिक वर्षा के चलते खराब फसलों के मामले में एडीएम प्रेम सिंह चौहान का कहना है कि कलेक्टर मोहित बुंदस ने RI और पटवारियों को भेजकर किसानों की बर्बाद फसलों का सर्वे करा दिया है और जल्द ही उन्हें मुआवजे की राशि मिल जाएगी.

Intro: मध्य प्रदेश में सत्ता का परिवर्तन किसानों की समस्याओं को लेकर हुआ कांग्रेस ने किसानों की समस्याओं के दम पर मध्यप्रदेश में भले ही सत्ता बना ली हो लेकिन मध्य प्रदेश का किसान आज भी परेशान हैं मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड में अति वर्षा के चलते किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है जिसको लेकर भले ही मध्य प्रदेश सरकार मुआवजा देने की बात कर रही हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है!


Body:बुंदेलखंड में अति वर्षा के चलते किसानों की खरीफ की फसल लगभग बर्बाद हो चुकी है किसानों ने अपने खेत में जो सोयाबीन उड़द और तिल जैसी फसलों को बोला था इन फसलों में किसानों को लगभग 90% का नुकसान हुआ है हालांकि अब किसान दूसरी फसल की तैयारी करने लगा है लेकिन बुंदेलखंड में किसानों को अभी तक मुआवजा राशि नहीं दी गई है छतरपुर जिले के आला अधिकारी लगातार यह बात कह रहे हैं कि पटवारी आर आई को भेजकर किसानों की फसलों को जो नुकसान हुआ है उसका सर्वे करा लिया गया है और जल्द ही किसानों को उनकी नुकसान की राशि मिल जाएगी!


लेकिन अब हम आपको सरकारी तंत्र की हकीकत के बारे में बताएंगे बुंदेलखंड के कुछ किसानों को आज भी मुआवजे के नाम पर सिर्फ वादा ही मिला है छतरपुर जिले से महज कुछ किलोमीटर दूर देवी गांव में किसानों को मुआवजे के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही दिया गया है किसानों की माने तो उनकी उड़द एवं सोयाबीन की फसल लगभग खराब हो गई है खेत में जो फसल बोई थी उससे बीज भी नहीं मिल सका है खराब फसलों का सर्वे करने के लिए ना तो सरकार का कोई नुमाइंदा आया और ना ही आर आई पटवारी ने फसलों का सर्वे किया!

किसानों की मानें तो अति वर्षा के चलते जब उनकी फसलें खराब हुई तो उन्होंने आर आई पटवारी से बात की सभी ने आकर सर्वे करने की बात भी कही थी लेकिन खरीफ की फसल पूरी तरह से खराब हो गई अगली फसल आने वाली है और अभी तक ना तो सर्वे किया गया है और ना ही किसी ने मौजा देने की बात कही है!

बाइट_एडीएम प्रेम सिंह चौहान

वही अति वर्षा के चलते खराब फसलों के मामले में एडीएम प्रेम सिंह चौहान बार-बार कह रहे हैं कि जिला कलेक्टर मोहित बुंदस ने आर आई एवं पटवारियों को भेजकर किसानों की बर्बाद फसलों का सर्वे करा दिया है और जल्द ही उन्हें मुआवजे की राशि मिल जाएगी लेकिन हकीकत इसके ठीक विपरीत है किसान आज भी अपनी खराब फसलों के नाम पर रो रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि शायद थोड़ा बहुत ही सरकार उन्हें कुछ हुआ वह दे दे!

बाइट_घनश्याम किसान
बाइट_हरिलाल प्रजापति किसान
बाइट_रतिराम किसान
बाइट_शंकर लाल किसान पुत्र
बाइट_सोभा लाल साहू

देरी गांव के कई और किसान भी इसी तरह परेशान है कि किसानों की मानें तो उन्होंने कई एकड़ फसल में खरीफ की फसल हुई थी जो अतिवृष्टि के चलते खराब हो गई लेकिन जिला प्रशासन ने अभी तक इस ओर किसी भी प्रकार का कोई ध्यान नहीं दिया है!



Conclusion:स्थानीय प्रशासन भले ही लगातार सर्वे की बात कह रही हो लेकिन हकीकत इसके ठीक विपरीत है जमीनी स्तर पर किसानों का कहना है कि ना तो उनके पास सरकार का कोई नुमाइंदा है और ना ही आ रही पटवारी ने आकर खराब हुई फसलों का सर्वे किया है अब सवाल उठता है कि अगर जिले के अधिकारियों ने सर्वे कर लिया है तो फिर किसान इस बात को क्यों नकार रहे हैं!
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