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टमाटर के बाद अब पान भी नहीं जाएगा पाकिस्तान, MP के किसानों ने लिया संकल्प

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद देशवासियों में आक्रोश है. हर कोई अपने-अपने स्तर पर पाकिस्तान का विरोध कर रहा है. वहीं मध्यप्रदेश के किसान भी इसमें पीछे नहीं हैं. टमाटर के बाद अब छतरपुर के किसानों ने पाकिस्तान पान नहीं भेजने का संकल्प लिया है.

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Published : Mar 1, 2019, 3:11 PM IST

छतरपुर| जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद देशवासियों में आक्रोश है. हर कोई अपने-अपने स्तर पर पाकिस्तान का विरोध कर रहा है. वहीं मध्यप्रदेश के किसान भी इसमें पीछे नहीं हैं. टमाटर के बाद अब छतरपुर के किसानों ने पाकिस्तान पान नहीं भेजने का संकल्प लिया है.

बता दें कि छतरपुर के बड़े हिस्से में पान की बंपर खेती होती है. यह पान की सबसे अच्छी किस्म मानी जाती है. यहां का पान देश के कई हिस्सों में जाने के साथ ही पाकिस्तान भी निर्यात किया जाता है. बताया जा रहा है कि यहां का पान मुंह में जाते ही बिना चबाए घुल जाता है. यह विशेष पान पाकिस्तान में काफी मशहूर है. लेकिन अब पान की खेती करने वाले किसानों ने इसे पाकिस्तान भेजने से साफ इंकार कर दिया है.

14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में देश के 40 जवान शहीद हो गए थे. इस घटना के बाद से ही लोगों में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्से का माहौल है. किसानों का कहना है कि चाहे हमें कितना भी अर्थिक नुकसान क्यों न उठाना पड़े, लेकिन हम पान पाकिस्तान को नहीं बेचेंगे.

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छतरपुर

मलहरा और महाराजपुर क्षेत्र से हफ्ते में दो बार पान को पाकिस्तान भेजा जाता था. किसानों के अनुसार हर दिन करीब 45 से 50 बंडल पान खेतों में से निकलता है और एक बंडल की कीमत लगभग 30 हजार रुपए है. ऐसे में अगर अनुमान लगाया जाए, तो किसानों को करीब 13 से 15 लाख रुपए का नुकसान होगा. लेकिन किसानों का कहना है कि उन्हें अर्थिक नुकसान की कोई चिंता नहीं है. पाकिस्तान हमारे जवानों का खून बहा रहा है, ऐसे में हम अपनी फसलों को पाकिस्तान नहीं भेजेंगे.

छतरपुर| जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद देशवासियों में आक्रोश है. हर कोई अपने-अपने स्तर पर पाकिस्तान का विरोध कर रहा है. वहीं मध्यप्रदेश के किसान भी इसमें पीछे नहीं हैं. टमाटर के बाद अब छतरपुर के किसानों ने पाकिस्तान पान नहीं भेजने का संकल्प लिया है.

बता दें कि छतरपुर के बड़े हिस्से में पान की बंपर खेती होती है. यह पान की सबसे अच्छी किस्म मानी जाती है. यहां का पान देश के कई हिस्सों में जाने के साथ ही पाकिस्तान भी निर्यात किया जाता है. बताया जा रहा है कि यहां का पान मुंह में जाते ही बिना चबाए घुल जाता है. यह विशेष पान पाकिस्तान में काफी मशहूर है. लेकिन अब पान की खेती करने वाले किसानों ने इसे पाकिस्तान भेजने से साफ इंकार कर दिया है.

14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में देश के 40 जवान शहीद हो गए थे. इस घटना के बाद से ही लोगों में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्से का माहौल है. किसानों का कहना है कि चाहे हमें कितना भी अर्थिक नुकसान क्यों न उठाना पड़े, लेकिन हम पान पाकिस्तान को नहीं बेचेंगे.

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मलहरा और महाराजपुर क्षेत्र से हफ्ते में दो बार पान को पाकिस्तान भेजा जाता था. किसानों के अनुसार हर दिन करीब 45 से 50 बंडल पान खेतों में से निकलता है और एक बंडल की कीमत लगभग 30 हजार रुपए है. ऐसे में अगर अनुमान लगाया जाए, तो किसानों को करीब 13 से 15 लाख रुपए का नुकसान होगा. लेकिन किसानों का कहना है कि उन्हें अर्थिक नुकसान की कोई चिंता नहीं है. पाकिस्तान हमारे जवानों का खून बहा रहा है, ऐसे में हम अपनी फसलों को पाकिस्तान नहीं भेजेंगे.

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