छतरपुर। मातगंवा गांव के एक किसान पर बिजली विभाग का 88 हजार रुपये का बिजली बिल बकाया था. बिल की राशि वसूलने के लिए बिजली विभाग के कर्मचारी उसे लगातार प्रताड़ित कर रहे थे. प्रताड़ना से परेशान किसान ने घातक कदम उठा लिया है. उसका शव पेड़ से लटका मिला है. एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें किसान ने खुदकुशी की वजह का जिक्र किया है.
'मेरे शरीर का अंग-अंग बेचकर पैसे वसूल ले शासन'
सुसाइड नोट में किसान ने तमाम परेशानियों का जिक्र किया है. उसने लिखा है कि 'बकाया बिजली बिल के लिए विभाग के कर्मचारी लगातार परेशान कर रहे हैं. यहां तक कि मेरी बाइक भी उठा ले गए. मेरे मरने के बाद मेरा शरीर सरकार को सौंप दिया जाए. ताकि मेरे शरीर का एक-एक अंग बेचकर बिजली विभाग का बकाया पैसा वसूल हो सके.'
फसल खराब हो जाने की वजह से नहीं भर पाया बिल
दरअसल मृतक किसान को बिजली विभाग का ₹50000 का बकाया बिल देना था. जिसके ऊपर ₹38000 की पेनल्टी भी लगाई गई थी. मृतक किसान ने अपने सुसाइड नोट में इस बात का जिक्र किया है कि फसल खराब होने की वजह से बिल नहीं चुका पाया.
किसान के चार बच्चे हैं
किसान ने अपने सुसाइड नोट में यह भी लिखा कि उसकी तीन बेटियां हैं और एक बेटा है. जिनमें से कोई भी अभी 16 साल से अधिक उम्र का नहीं है. उसकी मौत के बाद से परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है. मामले में पुलिस के आलाधिकारी कह रहे हैं कि किसान की आत्महत्या की हर पहलू पर जांच की जा रही है.
पुलिस का कहना
एडिशनल एसपी समीर सौरभ का कहना है कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है. किसान के पिता रिटायर्ड बिजली कर्मचारी हैं. बिजली बिल न देने पर विभाग के लोग कुर्की की कार्रवाई करते हुए इसकी बाइक ले गए थे. ऐसे में ये कारण हो सकता है लेकिन अभी तक ये स्पष्ट नहीं है. जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.छतरपुर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह ने मृतक किसान के परिवार को 50 हजार राहत राशि देने की बात कही है.