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एक ऐसा परिवार जो दे रहा पर्यावरण बचाने का संदेश, बिना पेड़ काटे बनाया अपना घर

पेड़ों की घटती संख्या एवं लगातार पृथ्वी पर कम हो रहे हरे भरे पेड़ मानव जाति के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं लेकिन आज हम आपको एक ऐसे परिवार के बारे में बताएंगे जिसने एक आम के पेड़ को बचाने के लिए न सिर्फ अपने घर का नक्शा बदला बल्कि उस पेड़ को बिना काटे अपने मकान का निर्माण करा लिया.

एक ऐसा परिवार जो दें रहा पर्यावरण बचाने का संदेश
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Published : Nov 10, 2019, 1:31 PM IST

छतरपुर। जिले के जवाहर रोड पर रहने वाला महतों परिवार पर्यावरण के प्रति इतना सजग है कि उन्होंने अपने घर के अंदर लगे एक आम के पेड़ को बिना कोई नुकसान पहुंचाए अपने घर का निर्माण किया. आपको बता दें कि महतों परिवार के घर में आम का एक पेड़ है जोकि घर की ऊंचाई तक लंबा हो गया लेकिन जब बात घर बनाने की आई तो लोगों ने पेड़ को काटने की बातें कहीं लेकिन महतों परिवार इस पेड़ को काटने के लिए कतई तैयार नहीं हुआ और फिर परिवार के लोगों ने आम के पेड़ को ना काटते हुए छत पर एक छेद करते हुए पेड़ को ऊपर निकाल दिया और पेड़ को सुरक्षित रखते हुए अपने मकान का निर्माण कार्य करा दिया, कई साल बीत जाने के बाद भी अब यह आम का पेड़ जैसे का तैसा बना हुआ है और परिवार के लोग उसे अपने परिवार का एक हिस्सा मानते हैं.

एक ऐसा परिवार जो दे रहा पर्यावरण बचाने का संदेश


महतों परिवार मुखिया मालती महतों और उनके बड़े बेटे प्रशांत और बताते हैं कि उनकी घर में 8 साल पहले यह आम का पेड़ लगा था लेकिन धीरे-धीरे यह पेड़ बड़ा हो गया पेड़ इतना बड़ा हुआ कि आसमान छूने लगा लेकिन जब मकान बनने की बारी आई तो लोगों ने इस पेड़ को काटने की बात कही लेकिन हमारे परिवार के लोगों ने पेड़ काटने से साफ मना कर दिया और मकान का ऐसा निर्माण कराया कि पेड़ भी ना कटे और मकान भी बन जाए और आखिरकार हमने पेड़ को न गिरते हुए मकान का निर्माण कार्य करा लिया और अभी यह पेड़ हमारे लिए परिवार का हिस्सा है.


एक ओर जहां आधुनिकता के नाम पर लोग अंधाधुन्ध हरे भरे पेड़ों को काट रहे हैं ऐसे में इस परिवार ने एक आम के पेड़ को ना सिर्फ सुरक्षित रखा है बल्कि यह परिवार उस पेड़ को अपने परिवार का हिस्सा मानते हुए उसकी देखरेख भी कर रहा है.

छतरपुर। जिले के जवाहर रोड पर रहने वाला महतों परिवार पर्यावरण के प्रति इतना सजग है कि उन्होंने अपने घर के अंदर लगे एक आम के पेड़ को बिना कोई नुकसान पहुंचाए अपने घर का निर्माण किया. आपको बता दें कि महतों परिवार के घर में आम का एक पेड़ है जोकि घर की ऊंचाई तक लंबा हो गया लेकिन जब बात घर बनाने की आई तो लोगों ने पेड़ को काटने की बातें कहीं लेकिन महतों परिवार इस पेड़ को काटने के लिए कतई तैयार नहीं हुआ और फिर परिवार के लोगों ने आम के पेड़ को ना काटते हुए छत पर एक छेद करते हुए पेड़ को ऊपर निकाल दिया और पेड़ को सुरक्षित रखते हुए अपने मकान का निर्माण कार्य करा दिया, कई साल बीत जाने के बाद भी अब यह आम का पेड़ जैसे का तैसा बना हुआ है और परिवार के लोग उसे अपने परिवार का एक हिस्सा मानते हैं.

एक ऐसा परिवार जो दे रहा पर्यावरण बचाने का संदेश


महतों परिवार मुखिया मालती महतों और उनके बड़े बेटे प्रशांत और बताते हैं कि उनकी घर में 8 साल पहले यह आम का पेड़ लगा था लेकिन धीरे-धीरे यह पेड़ बड़ा हो गया पेड़ इतना बड़ा हुआ कि आसमान छूने लगा लेकिन जब मकान बनने की बारी आई तो लोगों ने इस पेड़ को काटने की बात कही लेकिन हमारे परिवार के लोगों ने पेड़ काटने से साफ मना कर दिया और मकान का ऐसा निर्माण कराया कि पेड़ भी ना कटे और मकान भी बन जाए और आखिरकार हमने पेड़ को न गिरते हुए मकान का निर्माण कार्य करा लिया और अभी यह पेड़ हमारे लिए परिवार का हिस्सा है.


एक ओर जहां आधुनिकता के नाम पर लोग अंधाधुन्ध हरे भरे पेड़ों को काट रहे हैं ऐसे में इस परिवार ने एक आम के पेड़ को ना सिर्फ सुरक्षित रखा है बल्कि यह परिवार उस पेड़ को अपने परिवार का हिस्सा मानते हुए उसकी देखरेख भी कर रहा है.

Intro: आप सभी ने पेड़ों की सुरक्षा एवं पर्यावरण को बचाने वाले कई एक्टिविस्टओ बारे में सुना एवं पढ़ा होगा घटती पेड़ों की संख्या एवं लगातार पृथ्वी पर कम हो रहे हरे भरे पेड़ नसीर मानव जाति के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं लेकिन आज हम आपको एक ऐसे परिवार के बारे में बताएंगे जिसने एक आम के पेड़ को बचाने के लिए न सिर्फ अपने घर का नक्शा बदल लिया बल्कि उस पेड़ को बिना काटे अपने मकान का निर्माण करा लिया और पेड़ आज भी घर के अंदर मौजूद है!


Body: छतरपुर जिले के जवाहर रोड पर रहने वाला महत्व परिवार पर्यावरण के प्रति कितना सजग है कि उन्होंने अपने घर के अंदर लगे एक आम के पेड़ को बिना कोई नुकसान पहुंचा है अपने घर का निर्माण कार्य शुरू करा दिया!

आपको बता दें कि आज से लगभग 8 वर्ष पहले महत्व परिवार के घर में आम का एक छोटा सा पेड़ था धीरे-धीरे यह पेड़ बड़ा हुआ तो घर की ऊंचाई तक निकल गया लेकिन जब बात घर बनाने की आई तो लोगों ने पेड़ को काटने की बातें लेकिन महत्व परिवार इस पेड़ को काटने के लिए कतई तैयार नहीं था फिर क्या था परिवार के लोगों ने आम के पेड़ को ना काटते हुए छत पर एक छेद करते हुए पैर को ऊपर निकाल दिया और पेड़ को सुरक्षित रखते हुए अपने मकान का निर्माण कार्य शुरू कर दिया कई साल बीत जाने के बाद भी अब यह आम का पेड़ जैसे का तैसा बना हुआ है और परिवार के लोग उसे अपने परिवार का एक हिस्सा मानते हुए उसके साथ चहल कर्मी करते हुए नजर आते हैं!

मेहता परिवार के बड़े बेटे प्रशांत महत्व बताते हैं कि उनकी घर में 8 साल पहले यह आम का पेड़ लगा था लेकिन धीरे-धीरे यह पेड़ बड़ा हो गया पेड़ इतना बड़ा हुआ कि आसमान छूने लगा लेकिन जब मकान बनने की बारी आई तो लोगों ने इस पेड़ को काटने की बात नहीं लेकिन हमारे परिवार के लोगों ने पेड़ काटने से साफ मना कर दिया और मकान का ऐसा निर्माण कराया कि पेड़ भी ना कटे और मकान भी बन जाए और आखिरकार हमने पेड़ को गिरते हुए मकान का निर्माण कार्य करा लिया और अभी है पेड़ हमारे लिए परिवार का हिस्सा है!

बाइट_प्रशांत महतों

महतो परिवार की मुखिया श्रीमती मालती महत्व बताती हैं कि यह पेड़ लगभग 8 वर्षों से लगा हुआ है आम का पेड़ मीठे आम देता है हर वर्ष हम लोग आम के फलों को खाते हैं साथ में लोगों को भी खिलाते हैं अमित के माध्यम से लोगों को यह संदेश देना चाहते हैं कि हम अगर कोशिश करें तो हरे भरे पेड़ों की सुरक्षा कर सकते हैं जरूरी नहीं है कि आधुनिक सुख सुविधा के नाम पर पेड़ों को काटा जाए!

बाइट_श्रीमती मालती कुशवाहा




Conclusion:एक ओर जहां आधुनिकता के नाम पर लोग अदा धुन हरे भरे पेड़ों को काट रहे हैं ऐसे में इस महत्व परिवार ने एक आम के पेड़ को ना सिर्फ सुरक्षित रखा है बल्कि या परिवार उस पेड़ को अपने परिवार का हिस्सा मानते हुए उसकी देखरेख भी कर रहा है पेड़ के आसपास ही यह परिवार रहता है और वहीं पर किचन बनाकर खाना बनाने के अलावा अन्य कामों को भी करता है!
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