छतरपुर: (MP) मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक परिवार पिछले 6 माह से अपनी नाबालिग बेटी की तलाश में है मामला मध्य प्रदेश के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद बीडी शर्मा के संसदीय क्षेत्र का है. मामले में स्थानीय पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
किसी 'अपने' पर है शक
पीड़ित परिवार का कहना है कि 6 माह से उनकी 14 साल की बेटी आशू (परिवर्तित नाम) घर से लापता है. उन्हें शक है कि किसी जान पहचान वाले ने ही बेटी का अपहरण किया है. लेकिन पुलिस इस मामले में ना तो कोई ठोस कार्रवाई कर रही है और ना ही बेटी को ढूंढ पाई है.
मांगी मदद मिली धमकी
पीड़ित परिवार ने मामले की शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर की थी. आरोप है कि सीएम हेल्पलाइन करने के बाद राजनगर थाना प्रभारी पंकज शर्मा ने लापता बेटी के पिता के साथ गाली गलौज की. फिर जबरन सीएम हेल्पलाइन की शिकायत रद्द करा दी.
पूरा मामला राजनगर थाना क्षेत्र के पाए गांव का है. पीड़ित परिवार का आरोप है कि राजनगर थाना प्रभारी पंकज शर्मा ने उनके साथ अभद्रता की जिसकी लिखित शिकायत उन्होंने अब एसपी ऑफिस को कर दी है.
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कराई थी FIR पर नतीजा 'सिफर'
बेटी की गुमशुदगी का दर्द झेल रहे परिवार का कहना है कि उन्होंने FIR पहले ही करा दी थी.अब 6 महीने बीत गए हैं लेकिन नतीजा सिफर ही है. पुलिस किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंची हालांकि पीड़ित पक्ष ने उस शख्स का नाम भी लिखवाया था जिस पर उन्हें शक है. जब स्थानीय स्तर पर कुछ भी हासिल नहीं हुआ था उन्होंने सीएम हेल्पलाइन का सहारा लिया.
सीएम हेल्पलाइन में गुहार लगाना ही मानो की जान के लिए आफत बन गया. इसकी जानकारी जैसे ही थाना प्रभारी पंकज शर्मा को हुई उन्होंने बच्ची के पिता को जबरन गाड़ी में बैठा कर अभद्रता की और धमकाया. सहमे परिवार ने थाना प्रभारी के दबाव में आकर अपनी शिकायत को वापस ले लिया.
अब और नहीं
बेटी का गम इतना बड़ा है कि पीड़ित परिजनों ने दोबारा हिम्मत जुटाई और इस बार एसपी दफ्तर में गुहार लगाई है. परिवार ने शिकायती आवेदन देते हुए छतरपुर पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा से मदद मांगी है. एसपी ने आवेदन स्वीकार कर भरोसा दिलाया है कि वो इस मामले में पीड़ितों की मदद जरूर करेंगे.
सवाल- क्या ऐसे ही बढ़ेंगी बेटिया?
बीजेपी भले ही 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' जैसे अभियान को संचालित करती हो. लेकिन प्रदेश के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद वीडी शर्मा के संसदीय क्षेत्र में हालात बड़ा निराशाजनक है. एक नाबालिग बेटी को तलाशते परिवार के साथ पुलिस का इस तरह का रवैया न सिर्फ निन्दनीय है बल्कि पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े करता है.