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खाट पर सिस्टम! शिव'राज' में रास्ते को तरसते ग्रामीण, कंधों पर बीमार को लेकर खोज रहे 'वाशिंगटन' की सड़कें

छतरपुर के गांव मनुरिया पंचायत के लोग रास्ता न होने की वजह से परेशान हैं. आलम यह है गांव में किसी के बीमार होने पर उसे खटिया से अस्पताल पहुंचाया जाता है. आवेदनों के बावजूद कोई भी समस्या पर संज्ञान लेने को तैयार नहीं है.

roads in chhatarpur
छतरपुर में सड़क
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Published : Aug 7, 2021, 10:25 AM IST

Updated : Aug 7, 2021, 11:48 AM IST

छतरपुरः जिले के ग्रामीण अंचल क्षेत्रों में आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. स्वास्थ्य सेवाएं खटिए पर हैं. दरअसल, चंदला विधानसभा क्षेत्र के गांव मनुरिया पंचायत के लोग रास्ता न होने की वजह से परेशान हैं.

छतरपुर में सड़कों की खस्ता हालत.

आजादी के सात दशक बाद भी नहीं है गांव में सड़क
ग्रामीणों का कहना है कि आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी गांव में न तो कोई सड़क है और न ही कोई रास्ता. अगर कोई बीमार हो जाए तो उसे खटिये पर लेटाकर ले जाना पड़ता है. बारिश के मौसम में हालात और बदतर हो जाते हैं. गांव में रहने वाले घनश्याम बताते है कि हालात बेहद खराब है बीमार होने पर मरीजों का इलाज कराना तक मुश्किल हो जाता है.

सड़क के लिए दो वर्षों से दे रहे हैं आवेदन
बता दें कि गांव की आबादी लगभग 600 है. बरसात के दिनों में हालात इतने खराब हो जाते हैं कि लोग निकल भी नहीं पाते हैं. 2 सालों में अब तक कई आवेदन दिए जा चुके हैं. इसके बावजूद न तो किसी जनप्रतिनिधि ने और न ही किसी अधिकारी ने इस ओर ध्यान दिया है. यही वजह रही कि गांव के 60 से 70 लोग छतरपुर कलेक्ट्रेट पहुंचे और दो दिनों तक वहीं रुके रहे. ग्रामीण इस बात पर अड़े रहे कि वह बिना कलेक्टर से मिले नहीं जाएंगे.

सड़क से अछूता गांव, गर्भवती को झोली में डालकर आठ किमी पैदल चले परिजन

इस मामले में एडीएम अविनाश रावत का कहना है कि ग्रामीणों की समस्याएं उन्होंने सुनी हैं. फिलहाल, बारिश का मौसम है आने वाले समय में जल्द से जल्द उनके इलाके में सड़क निर्माण का कार्य शुरू करा दिया जाएगा.

छतरपुरः जिले के ग्रामीण अंचल क्षेत्रों में आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. स्वास्थ्य सेवाएं खटिए पर हैं. दरअसल, चंदला विधानसभा क्षेत्र के गांव मनुरिया पंचायत के लोग रास्ता न होने की वजह से परेशान हैं.

छतरपुर में सड़कों की खस्ता हालत.

आजादी के सात दशक बाद भी नहीं है गांव में सड़क
ग्रामीणों का कहना है कि आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी गांव में न तो कोई सड़क है और न ही कोई रास्ता. अगर कोई बीमार हो जाए तो उसे खटिये पर लेटाकर ले जाना पड़ता है. बारिश के मौसम में हालात और बदतर हो जाते हैं. गांव में रहने वाले घनश्याम बताते है कि हालात बेहद खराब है बीमार होने पर मरीजों का इलाज कराना तक मुश्किल हो जाता है.

सड़क के लिए दो वर्षों से दे रहे हैं आवेदन
बता दें कि गांव की आबादी लगभग 600 है. बरसात के दिनों में हालात इतने खराब हो जाते हैं कि लोग निकल भी नहीं पाते हैं. 2 सालों में अब तक कई आवेदन दिए जा चुके हैं. इसके बावजूद न तो किसी जनप्रतिनिधि ने और न ही किसी अधिकारी ने इस ओर ध्यान दिया है. यही वजह रही कि गांव के 60 से 70 लोग छतरपुर कलेक्ट्रेट पहुंचे और दो दिनों तक वहीं रुके रहे. ग्रामीण इस बात पर अड़े रहे कि वह बिना कलेक्टर से मिले नहीं जाएंगे.

सड़क से अछूता गांव, गर्भवती को झोली में डालकर आठ किमी पैदल चले परिजन

इस मामले में एडीएम अविनाश रावत का कहना है कि ग्रामीणों की समस्याएं उन्होंने सुनी हैं. फिलहाल, बारिश का मौसम है आने वाले समय में जल्द से जल्द उनके इलाके में सड़क निर्माण का कार्य शुरू करा दिया जाएगा.

Last Updated : Aug 7, 2021, 11:48 AM IST
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