छतरपुर। जिले में आर्थिक तंगी से जूझ रहे सैकड़ों की संख्या में सरकारी चौकीदार कलेक्ट्रेट पहुंचे. यहां उन्होंने अपनी मांगों को लेकर कमलनाथ सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
चौकीदारों ने कहा कि कमलनाथ सरकार उन्हें हर माह 4 हजार रुपए ही देती है. उनका कहना है कि आज के समय में शिक्षा बहुत महंगी हो गई है, जिसकी वजह से उनके परिवार का ठीक तरीके से भरण-पोषण नहीं हो पाता. कई बार इन पैसों के लिए भी तरसना पड़ता है.
आर्थिक परेशानियों से घिरे चौकीदार पहुंचे कलेक्ट्रेट, मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की दी चेतावनी - watchman protested against government
जिले में आर्थिक संकट से जूझ रहे चौकीदारों ने कमलनाथ सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन्होंने मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए चौकीदार
छतरपुर। जिले में आर्थिक तंगी से जूझ रहे सैकड़ों की संख्या में सरकारी चौकीदार कलेक्ट्रेट पहुंचे. यहां उन्होंने अपनी मांगों को लेकर कमलनाथ सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
चौकीदारों ने कहा कि कमलनाथ सरकार उन्हें हर माह 4 हजार रुपए ही देती है. उनका कहना है कि आज के समय में शिक्षा बहुत महंगी हो गई है, जिसकी वजह से उनके परिवार का ठीक तरीके से भरण-पोषण नहीं हो पाता. कई बार इन पैसों के लिए भी तरसना पड़ता है.
Intro:आरती तंगी से जूझ रहे सैकड़ों सरकारी चौकीदार कलेक्ट्रेट पहुंचे और अपनी मांगों को लेकर आवेदन दिया चौकीदारों का आरोप है कि चुनाव के पहले कमलनाथ सरकार ने उनकी मांगों को पूरा करने की बात नहीं थी लेकिन सत्ता में आ जाने के बाद सरकार उन्हें भूल गई है चौकीदारों का कहना है कि महीने में ₹4000 सरकार की तरफ से मिलते हैं जिससे परिवार का भरण पोषण करना लगभग असंभव होता है!
Body: छतरपुर जिले के तमाम कोटवार एवं चौकीदार जिला कलेक्ट्रेट में इकट्ठे हुए और उन्होंने कमलनाथ सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की चौकीदारों का आरोप है कि उन्हें महीने में केवल 4 हजार ही मिलते हैं जिससे उनका परिवार का ठीक से भरण-पोषण नहीं हो पा रहा है वर्तमान में शिक्षा बहुत महंगी है 4 हजार में परिवार का भरण पोषण करना एवं बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाना नामुमकिन है!
जिले के बिजावर से से आए प्रेम लाल बंसल बताते हैं कि पीढ़ी दर पीढ़ी उनके परिवार में लोग यही काम करते आ रहे हैं शुरुआत में ₹25 मिलता था उसके बाद ₹400 हुए और अब सरकार के द्वारा 4 हजार रुपये दिए जाते हैं महंगाई के इस दौर में चार हजार रुपए में परिवार का भरण पोषण नहीं हो पा रहा है! बीच में परिवार में कभी-कभी बीमारी या अन्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है और कई बार यही चार हजार रुपे समय पर भी नहीं आते हैं!
वहीं कोटवार संघ के अध्यक्ष बाबूलाल बताते हैं कि कमलनाथ सरकार ने चुनाव के पहले वादा किया था कि हम सभी को नियमित कर दिया जाएगा लेकिन आज तक ऐसा नहीं हो सका हम लोग तीन पीढ़ियों से यही काम कर रहे हैं लेकिन सरकार ने हमारी कोई सुध नहीं ली हमें सरकार के द्वारा जो जमीन में दी गई थी उन पर भी कब्जा नहीं दिलाया गया केवल नाम के लिए सरकार के द्वारा हम लोगों को जमीनों का आवंटन किया गया था लेकिन आज तक कब्जा हमें नहीं मिल सका!
बाइट_बाबू लाल कोटवार संघ अध्य्क्ष
वही बीजेपी के पूर्व विधायक आदि प्रजापति का कहना है कि यह सब असली चौकीदार हैं और अगर वास्तविकता में देखा जाए तो यही लोग हैं जो देश में सच्ची सेवा कर रहे हैं ₹4000 के लिए पूरे गांव की रखवाली करना गांव की देखभाल करना पुलिस के पहले यह लोग लोगों की समस्या को सुलझाते हैं गांव में अगर किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो पूरी रात यही लोग क्लास के पास बैठकर उसकी रक्षा भी करते हैं!
वैसे तो सभी लोग लिखते हैं बताते हैं कि मैं भी चौकीदार मैं भी चौकीदार लेकिन देश के असली चौकीदार यही है लेकिन सरकार इनकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है ऑडी प्रजापत ने कहा कि जब हम विधायक थे तो उन्होंने विधानसभा में इसको लेकर सवाल भी किया था!
बाइट_आरडी प्रजापति पूर्व विधायक बीजेपी
वही मामले में डिप्टी कलेक्टर प्रियांशी भंवर का कहना है कि इन लोगों के द्वारा जो आवेदन दिया गया है वह मुख्यमंत्री कमलनाथ तक पहुंचा दिया जाएगा !
बाइट_प्रियांशी भंवर डिप्टी कलेक्टर
Conclusion: सैकड़ों की संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचे कोटवार एवं चौकीदार आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं चौकीदारों का कहना है कि इतने कम पैसे में इस दौर में परिवार का भरण पोषण करना असंभव है अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है जल्द ही हम सब मिलकर एक बड़ा आंदोलन करेंगे!
Body: छतरपुर जिले के तमाम कोटवार एवं चौकीदार जिला कलेक्ट्रेट में इकट्ठे हुए और उन्होंने कमलनाथ सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की चौकीदारों का आरोप है कि उन्हें महीने में केवल 4 हजार ही मिलते हैं जिससे उनका परिवार का ठीक से भरण-पोषण नहीं हो पा रहा है वर्तमान में शिक्षा बहुत महंगी है 4 हजार में परिवार का भरण पोषण करना एवं बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाना नामुमकिन है!
जिले के बिजावर से से आए प्रेम लाल बंसल बताते हैं कि पीढ़ी दर पीढ़ी उनके परिवार में लोग यही काम करते आ रहे हैं शुरुआत में ₹25 मिलता था उसके बाद ₹400 हुए और अब सरकार के द्वारा 4 हजार रुपये दिए जाते हैं महंगाई के इस दौर में चार हजार रुपए में परिवार का भरण पोषण नहीं हो पा रहा है! बीच में परिवार में कभी-कभी बीमारी या अन्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है और कई बार यही चार हजार रुपे समय पर भी नहीं आते हैं!
वहीं कोटवार संघ के अध्यक्ष बाबूलाल बताते हैं कि कमलनाथ सरकार ने चुनाव के पहले वादा किया था कि हम सभी को नियमित कर दिया जाएगा लेकिन आज तक ऐसा नहीं हो सका हम लोग तीन पीढ़ियों से यही काम कर रहे हैं लेकिन सरकार ने हमारी कोई सुध नहीं ली हमें सरकार के द्वारा जो जमीन में दी गई थी उन पर भी कब्जा नहीं दिलाया गया केवल नाम के लिए सरकार के द्वारा हम लोगों को जमीनों का आवंटन किया गया था लेकिन आज तक कब्जा हमें नहीं मिल सका!
बाइट_बाबू लाल कोटवार संघ अध्य्क्ष
वही बीजेपी के पूर्व विधायक आदि प्रजापति का कहना है कि यह सब असली चौकीदार हैं और अगर वास्तविकता में देखा जाए तो यही लोग हैं जो देश में सच्ची सेवा कर रहे हैं ₹4000 के लिए पूरे गांव की रखवाली करना गांव की देखभाल करना पुलिस के पहले यह लोग लोगों की समस्या को सुलझाते हैं गांव में अगर किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो पूरी रात यही लोग क्लास के पास बैठकर उसकी रक्षा भी करते हैं!
वैसे तो सभी लोग लिखते हैं बताते हैं कि मैं भी चौकीदार मैं भी चौकीदार लेकिन देश के असली चौकीदार यही है लेकिन सरकार इनकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है ऑडी प्रजापत ने कहा कि जब हम विधायक थे तो उन्होंने विधानसभा में इसको लेकर सवाल भी किया था!
बाइट_आरडी प्रजापति पूर्व विधायक बीजेपी
वही मामले में डिप्टी कलेक्टर प्रियांशी भंवर का कहना है कि इन लोगों के द्वारा जो आवेदन दिया गया है वह मुख्यमंत्री कमलनाथ तक पहुंचा दिया जाएगा !
बाइट_प्रियांशी भंवर डिप्टी कलेक्टर
Conclusion: सैकड़ों की संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचे कोटवार एवं चौकीदार आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं चौकीदारों का कहना है कि इतने कम पैसे में इस दौर में परिवार का भरण पोषण करना असंभव है अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है जल्द ही हम सब मिलकर एक बड़ा आंदोलन करेंगे!