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मरीजों को नहीं होगी फ्लोमीटर की कमी, संकटमोचन बनी डॉक्टर की ये जुगाड़ - फ्लोमीटर

कोरोना काल में ऑक्सीजन सिलेंडर में लगने वाले फ्लोमीटर की काफी कमी देखी जा रही है. ऐसे में डॉक्टर एमपीएन खरे ने एक जुगाड़ के जरिए फ्लोमीटर तैयार किए हैं, जो मरीजों के लिए काफी कारगर साबित हो रहे हैं.

ऑक्सीजन सिलेंडर फ्लोमीटर
ऑक्सीजन सिलेंडर फ्लोमीटर
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Published : May 3, 2021, 7:43 AM IST

छतरपुर। प्रदेश के कई जिलों में इन दिनों मेडिकल पार्ट्स की कमी होने लगी है. इस बीच जिले में ऑक्सीजन सिलेंडर में लगने वाले फ्लोमीटर की कमी के चलते कई मरीजों के परिजनों को परेशान का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में एक डॉक्टर एमपीएन खरे की फ्लोमीटर को लेकर की गई जुगाड़ काफी कारगर साबित हो रही है. खरे ने फ्लोमीटर बनाकर न सिर्फ आम लोगों को राहत पहुंचाई है, बल्कि जरूरतमंद लोगों को इसकी सप्लाई निशुल्क की है.

ऑक्सीजन सिलेंडर फ्लोमीटर


डॉक्टर की जुगाड बनी मरीजों के लिए संजीवनी

दरअसल, पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए ऑक्सीजन में लगने वाले फ्लोमीटर की मांग तेजी से बढ़ने लगी. वहीं मेडिकल की दुकानों से भी फ्लोमीटर अचानक से गायब हो गए. ऐसे में लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ी और फ्लोमीटर को लेकर लोग भटकते हुए देखे गए. कई लोगों की जान पर भी बन आई.


मेडिकल ऑक्सीजन संयंत्र लगाने पर एमपी सरकार करेगी मदद, उद्योग नीति में किया संशोधन

मरीजों की परेशानी को देख लिया निर्णय

डॉक्टर एमपीएन खरे कुछ सालों पहले तक जिला अस्पताल में अपनी स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे थे, लेकिन फिर उन्होंने अपना एक निजी नर्सिंग होम खोल लिया. डॉक्टर खरे बताते हैं कि उन्होंने यूट्यूब पर एक वीडियो देखा था. जिसके माध्यम से उन्होंने यह डिवाइस बनाई है. हालांकि, इस डिवाइस को काफी पहले से काफी बेहतर किया गया है. मरीजों के लिए ये डिवाइस किसी भी संजीवनी से कम साबित नहीं हो रही है. डॉ. खरे बताते हैं कि छतरपुर जिले में ऑक्सीजन के फ्लोमीटर की बड़ी दिक्कतें आ रही थी, तो कई जगहों पर लोग इसे औने पौने दामों में भी बेंच रहे थे.

छतरपुर। प्रदेश के कई जिलों में इन दिनों मेडिकल पार्ट्स की कमी होने लगी है. इस बीच जिले में ऑक्सीजन सिलेंडर में लगने वाले फ्लोमीटर की कमी के चलते कई मरीजों के परिजनों को परेशान का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में एक डॉक्टर एमपीएन खरे की फ्लोमीटर को लेकर की गई जुगाड़ काफी कारगर साबित हो रही है. खरे ने फ्लोमीटर बनाकर न सिर्फ आम लोगों को राहत पहुंचाई है, बल्कि जरूरतमंद लोगों को इसकी सप्लाई निशुल्क की है.

ऑक्सीजन सिलेंडर फ्लोमीटर


डॉक्टर की जुगाड बनी मरीजों के लिए संजीवनी

दरअसल, पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए ऑक्सीजन में लगने वाले फ्लोमीटर की मांग तेजी से बढ़ने लगी. वहीं मेडिकल की दुकानों से भी फ्लोमीटर अचानक से गायब हो गए. ऐसे में लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ी और फ्लोमीटर को लेकर लोग भटकते हुए देखे गए. कई लोगों की जान पर भी बन आई.


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मरीजों की परेशानी को देख लिया निर्णय

डॉक्टर एमपीएन खरे कुछ सालों पहले तक जिला अस्पताल में अपनी स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे थे, लेकिन फिर उन्होंने अपना एक निजी नर्सिंग होम खोल लिया. डॉक्टर खरे बताते हैं कि उन्होंने यूट्यूब पर एक वीडियो देखा था. जिसके माध्यम से उन्होंने यह डिवाइस बनाई है. हालांकि, इस डिवाइस को काफी पहले से काफी बेहतर किया गया है. मरीजों के लिए ये डिवाइस किसी भी संजीवनी से कम साबित नहीं हो रही है. डॉ. खरे बताते हैं कि छतरपुर जिले में ऑक्सीजन के फ्लोमीटर की बड़ी दिक्कतें आ रही थी, तो कई जगहों पर लोग इसे औने पौने दामों में भी बेंच रहे थे.

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