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छतरपुर: प्रमाण पत्र के लिए दिव्यांगों को चढ़नी पड़ती है 20 से 25 सीढ़ियां - ADM, Chhatarpur

छतरपुर जिला अस्पताल में दिव्यांगों को प्रमाण पत्र बनवाने के लिए खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिला अस्पताल के सिविल सर्जन बिल्डिंग में अपना प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दिव्यांगों को 20 से 25 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं.

प्रमाण पत्र बनवाने के लिए परेशान दिव्यांग
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Published : Sep 4, 2019, 11:51 PM IST

छतरपुर। जिला अस्पताल में हर मंगलवार को दिव्यांगों के प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं, जिला अस्पताल में जिन दिव्यांगों के प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं. वह काम ऑफिस की पहली मंजिल पर किया जाता हैं. इस दौरान सभी दिव्यांगों को बार-बार से बुलाया जाता हैं. लेकिन दिव्यांगों के लिए ये सीढ़ियां किसी पहाड़ से कम नहीं है. ऐसे ही हजारों दिव्यांग है, जिन्हें 25 से ज्यादा सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं. तब कहीं जाकर उन्हें उनका प्रमाण पत्र मिल पाता है.

प्रमाण पत्र के लिए 20 से 25 सीढ़ियां चढ़ते है दिव्यांग

दिव्यांगों का कहना है, कि ऊपर चढ़ने में उन्हें बेहद दर्द और परेशानी होती है अगर बेसमेंट पर ही डॉ. प्रमाण पत्र बनाने लगे या ऊपर जाने के लिए सीढ़ियों पर रेलिंग लग जाए तो दिव्यांगों को आसानी हो जाएगी.

दिव्यांग इसके लिए कई बार अस्पताल प्रंबधन से बोले चुके है. लेकिन इतनी बार शिकायत के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है.
दिव्यांग बालकिशन बताते हैं, कि उनके दोनों पैर खराब है. ऊपर चढ़ने में बेहद दर्द होता है, लेकिन वे कहते है कि उनकी यह मजबूरी है.

वहीं मामले पर एडीएम प्रेम सिंह चौहान का कहना है कि अगर दिव्यांगों को इस प्रकार की समस्या है, तो जल्द से जल्द सीढ़ियों में रेलिंग लगा दी जाएगी या फिर प्रमाण पत्र बनाने का अलाउड नीचे खोल दिया जाएगा, ताकि दिव्यांगों को किसी प्रकार की कोई समस्या का सामना ना करना पड़े.

छतरपुर। जिला अस्पताल में हर मंगलवार को दिव्यांगों के प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं, जिला अस्पताल में जिन दिव्यांगों के प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं. वह काम ऑफिस की पहली मंजिल पर किया जाता हैं. इस दौरान सभी दिव्यांगों को बार-बार से बुलाया जाता हैं. लेकिन दिव्यांगों के लिए ये सीढ़ियां किसी पहाड़ से कम नहीं है. ऐसे ही हजारों दिव्यांग है, जिन्हें 25 से ज्यादा सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं. तब कहीं जाकर उन्हें उनका प्रमाण पत्र मिल पाता है.

प्रमाण पत्र के लिए 20 से 25 सीढ़ियां चढ़ते है दिव्यांग

दिव्यांगों का कहना है, कि ऊपर चढ़ने में उन्हें बेहद दर्द और परेशानी होती है अगर बेसमेंट पर ही डॉ. प्रमाण पत्र बनाने लगे या ऊपर जाने के लिए सीढ़ियों पर रेलिंग लग जाए तो दिव्यांगों को आसानी हो जाएगी.

दिव्यांग इसके लिए कई बार अस्पताल प्रंबधन से बोले चुके है. लेकिन इतनी बार शिकायत के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है.
दिव्यांग बालकिशन बताते हैं, कि उनके दोनों पैर खराब है. ऊपर चढ़ने में बेहद दर्द होता है, लेकिन वे कहते है कि उनकी यह मजबूरी है.

वहीं मामले पर एडीएम प्रेम सिंह चौहान का कहना है कि अगर दिव्यांगों को इस प्रकार की समस्या है, तो जल्द से जल्द सीढ़ियों में रेलिंग लगा दी जाएगी या फिर प्रमाण पत्र बनाने का अलाउड नीचे खोल दिया जाएगा, ताकि दिव्यांगों को किसी प्रकार की कोई समस्या का सामना ना करना पड़े.

Intro:जिला अस्पताल में दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दिव्यांगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जिला अस्पताल के सिविल सर्जन बिल्डिंग में अपने प्रमाण पत्र बनवाने के लिए 1 मंजिला सीढ़ियों से चढ़कर ऊपर जाना पड़ता है जिससे पैरों से दिव्यांग दिव्यांगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है!


Body:छतरपुर जिले के जिला अस्पताल में हर मंगलवार को दिव्यांग जनों के प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं प्रमाण पत्र बनाने वाला ऑफिस एवं डॉ सिविल सर्जन बिल्डिंग के 1 मंजिला ऊपर बैठते हैं और वहीं पर सभी दिव्यांगों को बारी-बारी से बुलाते हैं जिस वजह से दिव्यांगों को सीढ़ियां चढ़कर ऊपर जाना पड़ता है शिवन्या लगभग 25 से 30 है जिसे चढ़ने में दिव्यांगों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है!

दिव्यांगों का कहना है कि ऊपर चढ़ने में उन्हें बेहद दर्द एवं परेशानी होती है अगर बेसमेंट पर ही डॉ प्रमाण पत्र बनाने लगे या ऊपर जाने के लिए सीढ़ियों पर रेलिंग लग जाए जिससे दिव्यांग जनों को आसानी हो जाएगी लेकिन कई बार बोले जाने एवं शिकायत किए जाने के बाद भी जिला अस्पताल प्रबंधन इसकी व्यवस्था नहीं कर पाया और आए दिन दूर दराज से आने वाले दिव्यांगना सिर्फ परेशान होते हैं बल्कि उन्हें ऊपर चढ़ने में काफी दर्द भी झेलना पड़ता है!

सीढ़ी चढ़कर ऊपर पहुंचे दिव्यांग बालकिशन बताते हैं कि उनके दोनों पैर खराब है ऊपर चढ़ने में बेहद दर्द होता है लेकिन मजबूरी है काम तो कर आना ही है इसलिए ऊपर मजबूरी में जाना पड़ता है!

बाइट_बाल किसन_दिव्यांग


बिजावर के छोटे से गांव से आए पंकज बताते हैं कि उनके दोनों पैर खराब है चल नहीं पाते हैं उनके पिताजी उन्हें गोद में उठा कर ऊपर छोड़ गए हैं तब से लेकर अभी तक वह अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं और यहीं बैठे हुए हैं पंकज का कहना है कि ऊपर चढ़ना और नीचे करना उनके बस में नहीं है उनके पिताजी ही गोद में लेकर उन्हें ऊपर चढ़ाते और उतारते हैं!

बाइट_पंकज दिव्यांग

छतरपुर जिले के बड़ा मलहरा क्षेत्र से आए परमानंद बताते हैं कि 1 सीढ़ी चढ़ने में ही उन्हें मुश्किल होती है फिर इतनी सीढ़ियां चढ़कर ऊपर जाना लगभग असंभव है इसलिए नीचे ही अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं!

बाइट_परमानंद

मामले में छतरपुर जिले के एडीएम प्रेम सिंह चौहान का कहना है कि अगर दिव्यांगों को इस प्रकार की समस्या है तो जल्द से जल्द सीढ़ियों में रेलिंग लगा दी जाएगी या फिर प्रमाण पत्र बनाने का अलाउड नीचे खोल दिया जाएगा ताकि दिव्यांगों को किसी प्रकार की कोई समस्या का सामना ना करना पड़े


Conclusion:एडीएम प्रेम सिंह चौहान ने दिव्यांगों के लिए जल्द से जल्द रेलिंग बनवाने की बात कही है अब देखने वाली बात यह है कि महीनों से परेशान होते आ रहे दिव्यांगों को स्थानीय प्रशासन कब तक राहत दिला पाता है!
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