छतरपुर। कोरोना काल में जहां इस महामारी से लोगों की मौत हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ एक मरा हुआ शख्स जिंदा हो गया. ये खबर फैलते ही एक तरफ जहां प्रशासन परेशान है तो वहीं दूसरी तरफ पूरा गांव हैरान है. मामला थोड़ा अजीब जरूर लग रहा हो पर बिजावर में ऐसा ही कुछ हुआ है, जहां 3 साल पहले जिस शख्स का अंतिम संस्कार कर दिया गया वो अचानक जिंदा हो गया.
3 साल पहले हुई थी मौत
दरअसल, मामला तीन साल पहले का है. जब बिजावर के मौनासईया के जंगल में एक कंकाल मिला था. डिलारी गांव में रहने वाले भगोला आदिवासी ने कंकाल की पहचान अपने बेटे के रूप में उसके कपड़ों से की थी. जिसके बाद उसके परिजनों ने अंतिम संस्कार भी कर दिया था और उसके वापस लौटने या फिर जिंदा होने की उम्मीद हमेशा के लिए खो दी थी, लेकिन तीन साल बाद जब भगोला आदिवासी का बेटा घर पहुंचा तो उसे देख सब हक्के-बक्के रह गए.
कोरोना वायरस के चलते किए गए लॉकडाउन के बाद मजदूर वापस अपने घर लौट रहे हैं. ऐसे में जब भगोला का बेटा उदय 3 साल बाद अचानक घर लौटा तो पूरा गांव उसे देख हैरान रह गया, क्योंकि गांव वालों के सामने उसका अंतिम संस्कार किया गया था. उदय के पिता उसे लेकर पुलिस के पास पहुंचे तो पुलिस भी हैरान रह गई.
अब पुलिस भी हैरान है कि जिस युवक को मरा हुआ समझा जा रहा था वो जिंदा कैसे हो गया. 3 साल पहले जो कंकाल पुलिस को मिला था अब वो फाइल भी बंद हो चुकी है. ऐसे में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं. पुलिस कंकाल मिलने वाले केस की फाइल दोबारा खोलने की तैयारी कर रही है.