छतरपुर। कहते हैं कि 'श्रद्धा पत्थर में भी भगवान खोज लेती है' ऐसा ही कुछ मामला जिले के मानकपुरा पुरवा का है. जहां 500 फीट की ऊंचाई पर मां शारदा और मां विष्णु का मंदिर है. जहां लोगों की मान्यता है कि यहां है कि इस मंदिर में आने वाले की हर मनोकामना पूरी होती है.साथ ही यहां विराजमान देवी स्वयं गंभीर बीमारियों का इलाज करती हैं. जिससे यहां आने वाले भक्तों का तांता लगा रहता है.
मां शारदा के मंदिर में हर श्रद्धालु की होती है मनोकामना पूरी, दूर दूर से दर्शन करने आते हैं लोग
जिले की उंची पहाड़ों पर मां शारदा का मंदिर है. जहां लोगों की मान्यता है कि यहां मन की हर मुराद यहां पूरी होती है.
मां शारदा के मंदिर में भक्तों का तांता
छतरपुर। कहते हैं कि 'श्रद्धा पत्थर में भी भगवान खोज लेती है' ऐसा ही कुछ मामला जिले के मानकपुरा पुरवा का है. जहां 500 फीट की ऊंचाई पर मां शारदा और मां विष्णु का मंदिर है. जहां लोगों की मान्यता है कि यहां है कि इस मंदिर में आने वाले की हर मनोकामना पूरी होती है.साथ ही यहां विराजमान देवी स्वयं गंभीर बीमारियों का इलाज करती हैं. जिससे यहां आने वाले भक्तों का तांता लगा रहता है.
Intro:छतरपुर जिले से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम कर्री के पास मानकपुरा पुरवा है. जहां 500 फिट उची पहाड़ी पर माँ शारदा और माँ विष्णु का मंदिर है. इस मंदिर में देवी आशीष ही नहीं देती बल्कि कई गंभीर बीमारियों के इलाज का दावा किया जाता है. यहां होने वाले इलाज का तरीका लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है. जिन लोगों को इस इलाज से लाभ पहुंच रहा है, वह इसे एक चमत्कार मान रहे हैं.Body:*स्लग-"भविष्य देवी"आस्था या अंधविश्वास*
छतरपुर जिले से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम कर्री के पास मानकपुरा पुरवा है. जहां 500 फिट उची पहाड़ी पर माँ शारदा और माँ विष्णु का मंदिर है. इस मंदिर में देवी आशीष ही नहीं देती बल्कि कई गंभीर बीमारियों के इलाज का दावा किया जाता है. यहां होने वाले इलाज का तरीका लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है. जिन लोगों को इस इलाज से लाभ पहुंच रहा है, वह इसे एक चमत्कार मान रहे हैं.
दरअसल इस मंदिर के भक्त का कहना है की मां शारदा ही सभी बीमारी का इलाज करती हैं. लोगों की मान्यता है कि मरीजों को ठीक मां शारदा ही करती हैं. उन्हीं के आर्शीवाद से लोग रोग मुक्त हो जाते हैं.
जिन माताओं की गोद खाली थी मां शारदा की कृपा से उनकी गोद भरी जो बोल नहीं पाते थे वह धीरे,धीरे बोलने लगे
*चमत्कार की कई कहानियां हैं प्रचलित*
भक्त रवि शंकर अवस्थी का कहना है कि 2010 से हम माँ शारदा की सेवा करने लगे पहले हम आदिम जाति कल्याण विभाग में कार्यरत थे जैसे ही हमने यहां लोगों का आना-जाना देखा तो हम भी यहां आए हमारे कुछ काम थे तो मां की कृपा से हमारी मनोकामनाएं पूरी हुई धीरे-धीरे मां की ऐसी कृपा हुई की हम यही मां के चरणों में रहने लगे मां की भक्ति में हम ऐसे खोए कि हमने सब कुछ छोड़ दिया और मां ने हमसे सपने में कहा कि जो भी यहां आएगा उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी यहां के भक्त का दावा है की यहा मां शारदा भविष्य में होने वाली घटनाओं को बताती हैं
गौरतलब है भक्ति में बहुत शक्ति होती,लोगो की आस्था का विषय है इसलिए कुछ भी कह पाना मुश्किल है
वाइट- भक्त रवि शंकर अवस्थी
वाइट- श्रद्धालु
वाइट- श्रद्धालुConclusion:भक्त रवि शंकर अवस्थी का कहना है कि 2010 से हम माँ शारदा की सेवा करने लगे पहले हम आदिम जाति कल्याण विभाग में कार्यरत थे जैसे ही हमने यहां लोगों का आना-जाना देखा तो हम भी यहां आए हमारे कुछ काम थे तो मां की कृपा से हमारी मनोकामनाएं पूरी हुई धीरे-धीरे मां की ऐसी कृपा हुई की हम यही मां के चरणों में रहने लगे मां की भक्ति में हम ऐसे खोए कि हमने सब कुछ छोड़ दिया और मां ने हमसे सपने में कहा कि जो भी यहां आएगा उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी यहां के भक्त का दावा है की यहा मां शारदा भविष्य में होने वाली घटनाओं को बताती हैं
गौरतलब है भक्ति में बहुत शक्ति होती,लोगो की आस्था का विषय है इसलिए कुछ भी कह पाना मुश्किल है
छतरपुर जिले से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम कर्री के पास मानकपुरा पुरवा है. जहां 500 फिट उची पहाड़ी पर माँ शारदा और माँ विष्णु का मंदिर है. इस मंदिर में देवी आशीष ही नहीं देती बल्कि कई गंभीर बीमारियों के इलाज का दावा किया जाता है. यहां होने वाले इलाज का तरीका लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है. जिन लोगों को इस इलाज से लाभ पहुंच रहा है, वह इसे एक चमत्कार मान रहे हैं.
दरअसल इस मंदिर के भक्त का कहना है की मां शारदा ही सभी बीमारी का इलाज करती हैं. लोगों की मान्यता है कि मरीजों को ठीक मां शारदा ही करती हैं. उन्हीं के आर्शीवाद से लोग रोग मुक्त हो जाते हैं.
जिन माताओं की गोद खाली थी मां शारदा की कृपा से उनकी गोद भरी जो बोल नहीं पाते थे वह धीरे,धीरे बोलने लगे
*चमत्कार की कई कहानियां हैं प्रचलित*
भक्त रवि शंकर अवस्थी का कहना है कि 2010 से हम माँ शारदा की सेवा करने लगे पहले हम आदिम जाति कल्याण विभाग में कार्यरत थे जैसे ही हमने यहां लोगों का आना-जाना देखा तो हम भी यहां आए हमारे कुछ काम थे तो मां की कृपा से हमारी मनोकामनाएं पूरी हुई धीरे-धीरे मां की ऐसी कृपा हुई की हम यही मां के चरणों में रहने लगे मां की भक्ति में हम ऐसे खोए कि हमने सब कुछ छोड़ दिया और मां ने हमसे सपने में कहा कि जो भी यहां आएगा उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी यहां के भक्त का दावा है की यहा मां शारदा भविष्य में होने वाली घटनाओं को बताती हैं
गौरतलब है भक्ति में बहुत शक्ति होती,लोगो की आस्था का विषय है इसलिए कुछ भी कह पाना मुश्किल है
वाइट- भक्त रवि शंकर अवस्थी
वाइट- श्रद्धालु
वाइट- श्रद्धालुConclusion:भक्त रवि शंकर अवस्थी का कहना है कि 2010 से हम माँ शारदा की सेवा करने लगे पहले हम आदिम जाति कल्याण विभाग में कार्यरत थे जैसे ही हमने यहां लोगों का आना-जाना देखा तो हम भी यहां आए हमारे कुछ काम थे तो मां की कृपा से हमारी मनोकामनाएं पूरी हुई धीरे-धीरे मां की ऐसी कृपा हुई की हम यही मां के चरणों में रहने लगे मां की भक्ति में हम ऐसे खोए कि हमने सब कुछ छोड़ दिया और मां ने हमसे सपने में कहा कि जो भी यहां आएगा उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी यहां के भक्त का दावा है की यहा मां शारदा भविष्य में होने वाली घटनाओं को बताती हैं
गौरतलब है भक्ति में बहुत शक्ति होती,लोगो की आस्था का विषय है इसलिए कुछ भी कह पाना मुश्किल है
Last Updated : Sep 29, 2019, 12:48 PM IST