छतरपुर। सरकार के लाख दावों के बाद भी किसानों की हालत नहीं सुधर रही है. किसानों को कुदरत से लेकर शासन के हर सिस्टम की मार झेलनी पड़ रही है. छतरपुर जिले के बिजावर के किसान खरीदी केंद्र गहोई वेयर हाउस में समिति प्रबंधक किशन राजपूत की मनमानी से परेशान हैं. जहां तीन-तीन दिन तक किसानों को बारदाना नहीं होने के नाम पर चक्कर लगवाए जा रहे हैं.
![committee manager at the wheat purchasing center is doing arbitrary IN Chhatarpur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-chr-01-kharidi-kendra-samiti-prabandhak-bharrashashi-mpc10030_16052020071328_1605f_1589593408_792.png)
किसानों के गेहूं का नहीं हो रहा तौल
गहोई वेयर हाउस में खुले आसमान के नीचे किसानों का गेहूं रखवाया जा रहा है. किसानों को खुले आसमान के नीचे कई रातें गुजारनी पड़ रही हैं. जबकि लगभग एक हजार बोरी का बारदाना वहां मौजूद है, जो कैमरे में कैद हुआ है. वहां काम कर रहे कुछ लोगों ने ऑफ कैमरा पर बताया कि, कुछ हजार बोरी छुपाकर रखी गई हैं, जो समिति प्रबंधक अपनी पहचान और रिश्तेदारों को मुहैया कराता है. जहां शाम होते ही पहचान और रिश्तेदार का गेहूं बिना जांच के ही शासकीय बोरी में भर लिया जाता है.
किसानों से लगवाए जा रहे हैं गेहूं का ढेर
आलम ये है कि, किसानों के लिए नियम बदल जाता हैं और उनसे खुद ही गेहूं का ढेर लगवाया जा रहा है. किसानों से ही शासकीय बोरियों में गेहूं की पचास किलो तीन सौ ग्राम की तौल करवाकर भरवाया जा रहा है, जिसकी तस्वीरें कैमरे में कैद हो चुकी है. कई बार शासन से शिकायत करने के बाद भी, कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
तीन दिनों से भटक रहे किसान
किसानों द्वारा अधिकारियों से की गई शिकायत के बाद भी सरकार और शासन प्रशासन का कोई डर नजर नहीं आ रहा है. वहां मौजूद कुछ किसानों ने बताया कि, वे तीन दिन से भटक रहे हैं, लेकिन अनाज नहीं तौला गया है. अब उनसे कहा जा रहा है कि, तीन दिन पहले आपका मैसेज आया, अब आप किसी दूसरे केन्द्र पर जाइए. जबकि किसान का कहना है कि मैसेज जिस तारीख को आया वे उसी दिन से अनाज लेकर पहुंचे हैं.
प्रशासन की नहीं मिल रही मदद
किसान ने कहा कि, वे अनाज लेकर यही सो रहे हैं और यही खा-पी रहे हैं. समिति प्रबंधक की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है. समिति प्रबंधक की तानाशाही के सामने किसान परेशान हो रहे है और शासन प्रशासन ऐसे तानाशाह समिति प्रबंधक पर नजर रखने में नाकाम साबित हो रहा है.