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मतदाताओं को जागरूक करने निकाली गई रैली में बोली महिलाएं, 'नहीं पता क्यों बुलाया गया'

खजुराहो लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं को जागरूक करने के लिए एक रैली निकाली गई. जहां नगर पालिका खजुराहो में काम करने वाली महिलाएं भी शामिल हुईं, लेकिन यह रैली विवादों में आ गई, क्योंकि महिलाओं को यही मालूम नहीं था कि उन्हें इस रैली में क्यों बुलाया गया है.

मतदाता जागरूक रैली
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Published : May 4, 2019, 2:38 PM IST

छतरपुर। लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को जागरूक करने और मतदान प्रतिशत बढ़ाने निर्वाचन आयोग रोज नए प्रयास कर रहा है. इसी कड़ी में खजुराहो लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं को जागरूक करने के लिए एक रैली निकाली गई, जहां नगर पालिका खजुराहो में काम करने वाली महिलाएं भी शामिल हुईं, लेकिन यह रैली विवादों में आ गई, क्योंकि उन्हें यह मालूम नहीं था कि उन्हें इस रैली में क्यों बुलाया गया है.

महिलाओं का कहना था कि वे सभी नगर परिषद में काम करती हैं. उन्हें किसी अधिकारी ने बुलाया था, इसलिए सभी महिलाएं यहां चली आईं, तो वहीं कुछ पुरुष कर्मचारियों का भी इसी तरह का कहना था. ज्यादातर लोग यह जानते भी नहीं थे कि जिस रैली में उन्हें बुलाया गया है, वह क्यों और किसलिए निकाली जा रही है.

मतदाता जागरूक रैली

नगर परिषद सीएमओ जावेद खान से मामले की जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने इस बात को मानने से इनकार कर दिया. उनका कहना था कि माइक और लाउड स्पीकर से लगातार नारे लगाए गए, इसके बावजूद उन्हें समझ नहीं आया कि उन्हें क्यों बुलाया गया है. वहीं इस संबंध में राजनगर जनपद की सीईओ से बात करनी चाहिए, तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया.

बता दें कि 6 मई को खजुराहो लोकसभा सीट पर मतदान होना है. इसके लिए यह जागरूकता रैली निकाली गई थी.

छतरपुर। लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को जागरूक करने और मतदान प्रतिशत बढ़ाने निर्वाचन आयोग रोज नए प्रयास कर रहा है. इसी कड़ी में खजुराहो लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं को जागरूक करने के लिए एक रैली निकाली गई, जहां नगर पालिका खजुराहो में काम करने वाली महिलाएं भी शामिल हुईं, लेकिन यह रैली विवादों में आ गई, क्योंकि उन्हें यह मालूम नहीं था कि उन्हें इस रैली में क्यों बुलाया गया है.

महिलाओं का कहना था कि वे सभी नगर परिषद में काम करती हैं. उन्हें किसी अधिकारी ने बुलाया था, इसलिए सभी महिलाएं यहां चली आईं, तो वहीं कुछ पुरुष कर्मचारियों का भी इसी तरह का कहना था. ज्यादातर लोग यह जानते भी नहीं थे कि जिस रैली में उन्हें बुलाया गया है, वह क्यों और किसलिए निकाली जा रही है.

मतदाता जागरूक रैली

नगर परिषद सीएमओ जावेद खान से मामले की जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने इस बात को मानने से इनकार कर दिया. उनका कहना था कि माइक और लाउड स्पीकर से लगातार नारे लगाए गए, इसके बावजूद उन्हें समझ नहीं आया कि उन्हें क्यों बुलाया गया है. वहीं इस संबंध में राजनगर जनपद की सीईओ से बात करनी चाहिए, तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया.

बता दें कि 6 मई को खजुराहो लोकसभा सीट पर मतदान होना है. इसके लिए यह जागरूकता रैली निकाली गई थी.

Intro:लोकसभा क्षेत्र खजुराहो में मतदाताओं को जागरूक करने के लिए निकाली गई रैली विवादों में रही जो महिलाएं थी वह ज्यादातर नगर पालिका खजुराहो में काम करती थी और उन्हें यह मालूम नहीं था कि उन्हें इस रैली में क्यों बुलाया गया है!


Body: लोकसभा क्षेत्र खजुराहो में निकाली गई मतदाता जागरूक रैली सवालों के घेरे में है! इस रैली में जो महिलाएं आई थी उन्हें यह भी नहीं पता था कि उन्हें इस रैली में क्यों बुलाया गया है महिलाओं का कहना था कि वे सभी नगर परिषद में काम करती हैं उन्हें किसी अधिकारी ने बुलाया था इसलिए सभी महिलाएं एकत्र होकर चली आई तो वही कुछ पुरुष कर्मचारियों का भी इसी तरह का कहना था ज्यादातर लोग यह जानते भी नहीं थे कीज इस रैली में उन्हें बुलाया गया है वह क्यों और किस लिए निकाली जा रही हैं!

इस संबंध में जो हमने राजनगर जनपद की सीईओ से बात करनी चाहिए तो उन्होंने कुछ भी कहने पर मना करते हुए बात को टाल दिया सीयू का कहना था कि क्योंकि मामला नगर परिषद क्षेत्र का है इसलिए आप सीएमओ एवं एसडीएम से बात करिए!!राजनगर जनपद सीईओ प्रतिपाल सिंह बागरी और नगर परिषद जाबिर सीएमओ काफी देर तक इस मामले एक दूसरे से बात कर मामले को शांत करने की कोशिश करते रहे!

लेकिन जब हमने नगर परिषद सीएमओ जावेद खान से मामले की जानकारी लेनी चाही तो पहले कह देने से साफ इंकार कर दिया उसके बाद रता रता या जवाब देते हुए कैमरे पर भागते हुए नजर आए!

बाइट_जाबिर खान

रैली में ज्यादातर जो महिलाएं थी वे सभी नगर परिषद की सफाई कर्मचारी या चतुर्थ श्रेणि कर्मचारी थे मामले में जैसे ही हमने अधिकृत कर्मचारियों से बात करनी शुरू की तो अधिकारियों ने बात करने से ही इनकार कर दिया आपको बता दें कि 6 मई को खजुराहो में मतदान होना है जिसके लिए यह जागरूक रैली निकाली गई थी हालांकि यह बात अलग है कि इस रैली में आए सफाई कर्मचारी खुद जागरूक नहीं थे!






Conclusion:जिले के बड़े अधिकारियों को दिखाने के लिए एवं चुनाव आयोग तक अपना रिपोर्ट कार्ड ठीक करने के लिए अधिकारी इस प्रकार की रैलियां करते हैं और यह दिखाने की कोशिश करते हैं कि वह ग्रामीण अंचल क्षेत्रों एवं नगर परिषदों में लोगों के लिए मतदाता जागरूक अभियान चला रहे हैं लेकिन अधिकारी कर्मचारियों पर दबाव बना सिर्फ भीड़ इकट्ठा कर अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहे हैं!
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