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छतरपुरः किताबों की जगह बच्चों के हाथ में थमाई झाड़ू, कर रहे स्कूल की साफ-सफाई

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Published : Feb 28, 2019, 8:55 PM IST

छतरपुर जिले के गढ़ी मलहरा गांव के शासकीय स्कूल में सफाई कर्मचारी मौजूद न होने की वजह से बच्चों को खुद ही झाडू लगाना पड़ रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल में चल रही लापरवाही पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

स्कूली बच्चे

छतरपुर| सरकार भले ही सरकारी स्कूलों के बच्चों को तमाम सुविधाएं मुहैया कराने का दावा करती हो. लेकिन, छतरपुर जिले के गढ़ी मलहरा गांव के शासकीय स्कूल में सरकार के सारे दावे फेल होते नजर आते हैं. आलम यह है कि जिन बच्चों के हाथों से कलम चलनी चाहिए, वह बच्चे स्कूल में झाड़ू लगाने को मजबूर हैं. जबकि स्कूल भी तय समय से नहीं खुलता है. जिससे छात्रों को परेशान होना पड़ रहा है.

पैकेज

गढ़ी मलहरा गांव में मिडिल क्लास सरकारी स्कूल है. जिसमें पहली कक्षा से आठवी कक्षा तक बच्चों को शिक्षा दी जाती है. लेकिन, इस स्कूल में शिक्षकों और प्रशासन की घोर लापरवाही देखने को मिल रही है. क्योंकि न तो स्कूल समय से खुल रहा है और न ही बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जा रही है. टीचरों के देर से पहुंचने के कारण स्कूल साढ़े दस बजे के बाद ही खुलता है. जिससे बच्चें घंटों स्कूल के बाहर ही खड़े रहते हैं. वही स्कूल में सफाई कर्मी न होने की वजह से विद्यार्थियों को खुद ही झाडू और साफ-सफाई करनी पड़ती है. ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल में चल रही लापरवाही पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

इस पूरे मामले पर जब स्कूल के प्रधानाध्यापक बात करने की कोशिश की गयी, तो वेकुछ भी बोलने से बचते नजर आए. हालांकि जिले के डीपीसी अधिकारी एचएस त्रिपाठी का कहना है कि अगर इस स्कूल में इस तरह की गड़बड़ियां हैं तो उनकी जांच कराई जाएगी. उन्होंने ये भी कहा कि अगर किसी छात्र से स्कूल के काम करवाएजा रह हैं, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी.

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छतरपुर| सरकार भले ही सरकारी स्कूलों के बच्चों को तमाम सुविधाएं मुहैया कराने का दावा करती हो. लेकिन, छतरपुर जिले के गढ़ी मलहरा गांव के शासकीय स्कूल में सरकार के सारे दावे फेल होते नजर आते हैं. आलम यह है कि जिन बच्चों के हाथों से कलम चलनी चाहिए, वह बच्चे स्कूल में झाड़ू लगाने को मजबूर हैं. जबकि स्कूल भी तय समय से नहीं खुलता है. जिससे छात्रों को परेशान होना पड़ रहा है.

पैकेज

गढ़ी मलहरा गांव में मिडिल क्लास सरकारी स्कूल है. जिसमें पहली कक्षा से आठवी कक्षा तक बच्चों को शिक्षा दी जाती है. लेकिन, इस स्कूल में शिक्षकों और प्रशासन की घोर लापरवाही देखने को मिल रही है. क्योंकि न तो स्कूल समय से खुल रहा है और न ही बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जा रही है. टीचरों के देर से पहुंचने के कारण स्कूल साढ़े दस बजे के बाद ही खुलता है. जिससे बच्चें घंटों स्कूल के बाहर ही खड़े रहते हैं. वही स्कूल में सफाई कर्मी न होने की वजह से विद्यार्थियों को खुद ही झाडू और साफ-सफाई करनी पड़ती है. ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल में चल रही लापरवाही पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

इस पूरे मामले पर जब स्कूल के प्रधानाध्यापक बात करने की कोशिश की गयी, तो वेकुछ भी बोलने से बचते नजर आए. हालांकि जिले के डीपीसी अधिकारी एचएस त्रिपाठी का कहना है कि अगर इस स्कूल में इस तरह की गड़बड़ियां हैं तो उनकी जांच कराई जाएगी. उन्होंने ये भी कहा कि अगर किसी छात्र से स्कूल के काम करवाएजा रह हैं, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी.

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एमपी_छतरपुर
रिपोर्ट_जयप्रकाश
स्टोरी स्लग_पढ़ाई छोड़ झाड़ू लगा रहे मासूम|
डेट|28/02/2019
छतरपुर| वैसे तो मध्य प्रदेश के तमाम शासकीय स्कूलों में बच्चों को शिक्षा मुहैया कराई जाती है लेकिन मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के अंतर्गत आने वाला एक स्कूल इन दिनों चर्चाओं में हैं जहां कुछ मासूमों से झाड़ू लगवाई जाती है तस्वीरों में आप जिस बच्ची को झाड़ू लगाते हुए देख रहे हैं गढ़ी मलहरा संकुल केंद्र के अंतर्गत आने वाले शासकीय प्राथमिक शाला शिवपुरा का है जहां आए दिन इस प्रकार से इन बच्चों को झाड़ू लगाते हुए देखा जा सकता है| 

वैसे तो इस स्कूल का समय 10:00 बजे से है लेकिन यह स्कूल अधिकांश था शिक्षकों की लापरवाही के कारण इस समय के बाद में ही खुलता है इस दरमियान कई बच्चे अपना बस्ता लेकर स्कूल खुलने का इंतजार करते हुए नजर आते हैं|

स्कूल प्राइमरी है इसलिए कक्षा 1 से लेकर 8वीं तक के बच्चे हैं पढ़ते हैं लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि इस प्रकार की तस्वीरें आम तौर पर देखने को मिल जाती हैं| स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापक से जब हमने सामने बात करने की कोशिश की तो किसी ने कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया|

हालांकि जिला डीपीसी अधिकारी एचएस त्रिपाठी का कहना है कि आपके द्वारा मामले को संज्ञान में लाया गया है मामले की जांच कराई जाएगी और अगर किसी एक छात्र या छात्रा से ही इस प्रकार के कामों की पुनरावृति लगातार हो रही है तो निश्चित तौर पर कार्यवाही की जाएगी|


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