छतरपुर। जिले में बाल मजदूरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जिला प्रशासन और श्रम विभाग के अधिकारी इस ओर किसी भी प्रकार का कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. शादियों का मौसम शुरू होते ही शादियों में लाइट का काम करने वाले बाल मजदूर सड़कों पर आसानी से देखने को मिल जाते हैं.
शादी समारोह में सिर पर लाइट उठाकर और हाथ ठेले में लाइट लेकर बाल मजदूरों को आसानी से देखा जा सकता है. यह बाल मजदूर दो सौ से लेकर तीन सौ रूपए में काम करने को तैयार रहते हैं.
एक बच्चे से जब हमने बात की, तो उसने बताया कि वो पास के ही गांव से आता है और उसे शादी में लाइट उठाने और ले जाने के लिए 300 रुपए दिए जाते हैं, लेकिन कभी-कभी ये पैसे ना देकर उन्हें डांट-डपट कर भी भगा दिया जाता है.
मामले में जब हमने छतरपुर जिले के एडीएम प्रेम सिंह चौहान से बात की, तो उनका कहना है कि बाल मजदूरी निश्चित तौर पर अपराध है, अगर कहीं पर भी इस प्रकार की कोई शिकायत मिलती है, तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.