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शादी में बाल मजदूरी, जिला प्रशासन ने दिया कार्रवाई का भरोसा

शादियों के सीजन में बाल मजदूरी के मामले बढ़ जाते हैं, दो- तीन सौ रुपए में मासूम बच्चे सिर पर लाइट उठाकर मजदूरी करते हैं.

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Published : Feb 3, 2020, 9:15 PM IST

Child laborers in Chhatarpur
छतरपुर में बाल मजदूर

छतरपुर। जिले में बाल मजदूरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जिला प्रशासन और श्रम विभाग के अधिकारी इस ओर किसी भी प्रकार का कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. शादियों का मौसम शुरू होते ही शादियों में लाइट का काम करने वाले बाल मजदूर सड़कों पर आसानी से देखने को मिल जाते हैं.

छतरपुर में शादियों के मौसम में बढ़ जाते हैं बाल मजदूर

शादी समारोह में सिर पर लाइट उठाकर और हाथ ठेले में लाइट लेकर बाल मजदूरों को आसानी से देखा जा सकता है. यह बाल मजदूर दो सौ से लेकर तीन सौ रूपए में काम करने को तैयार रहते हैं.

एक बच्चे से जब हमने बात की, तो उसने बताया कि वो पास के ही गांव से आता है और उसे शादी में लाइट उठाने और ले जाने के लिए 300 रुपए दिए जाते हैं, लेकिन कभी-कभी ये पैसे ना देकर उन्हें डांट-डपट कर भी भगा दिया जाता है.

मामले में जब हमने छतरपुर जिले के एडीएम प्रेम सिंह चौहान से बात की, तो उनका कहना है कि बाल मजदूरी निश्चित तौर पर अपराध है, अगर कहीं पर भी इस प्रकार की कोई शिकायत मिलती है, तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

छतरपुर। जिले में बाल मजदूरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जिला प्रशासन और श्रम विभाग के अधिकारी इस ओर किसी भी प्रकार का कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. शादियों का मौसम शुरू होते ही शादियों में लाइट का काम करने वाले बाल मजदूर सड़कों पर आसानी से देखने को मिल जाते हैं.

छतरपुर में शादियों के मौसम में बढ़ जाते हैं बाल मजदूर

शादी समारोह में सिर पर लाइट उठाकर और हाथ ठेले में लाइट लेकर बाल मजदूरों को आसानी से देखा जा सकता है. यह बाल मजदूर दो सौ से लेकर तीन सौ रूपए में काम करने को तैयार रहते हैं.

एक बच्चे से जब हमने बात की, तो उसने बताया कि वो पास के ही गांव से आता है और उसे शादी में लाइट उठाने और ले जाने के लिए 300 रुपए दिए जाते हैं, लेकिन कभी-कभी ये पैसे ना देकर उन्हें डांट-डपट कर भी भगा दिया जाता है.

मामले में जब हमने छतरपुर जिले के एडीएम प्रेम सिंह चौहान से बात की, तो उनका कहना है कि बाल मजदूरी निश्चित तौर पर अपराध है, अगर कहीं पर भी इस प्रकार की कोई शिकायत मिलती है, तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Intro:छतरपुर जिले में बाल मजदूरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है जिला प्रशासन एवं श्रम विभाग के अधिकारी इस और किसी भी प्रकार का कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं शादियों का मौसम शुरू होते ही शादियों में लाइट का काम करने वाले बाल मजदूर सड़कों पर आसानी से देखने को मिल जाते हैं!


Body:शादियों का मौसम शुरू होते ही छतरपुर जिले में बाल मजदूरों की संख्या बढ़ने लगती है शादी समारोह में सिर पर लाइट उठाकर एवं हाथ ठेले में लाइट लेकर बाल मजदूरों को आसानी से देखा जा सकता है यह बाल मजदूर ₹200 से लेकर ₹300 में अपनी जान का जोखिम उठाते हैं शादियों में जलने वाली इन लाइटों में करंट होता है और यह बच्चे इन्हीं लाइटों को लेकर बारात के आगे पीछे चलते हैं!

एक बार फिर शादियों का मौसम शुरू हो गया है और नाबालिक मजदूर शादियों में लाइट लेकर दिखने लगे हैं पिछले कई वर्षों से जिले में इस प्रकार की मजदूरी का चलन बढ़ा है लेकिन छतरपुर जिले के जिला कलेक्टर एवं श्रम विभाग के अधिकारी अभी तक किसी भी प्रकार का कोई बड़ा फैसला नहीं ले पाए हैं यही वजह है कि बैंड एवं शादियों में लाइट का काम करने वाले बाल मजदूरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है!

बाल मजदूर से जब हमने बात की तो उसने बताया कि वह पास के ही गांव से आता है और उसे शादी में लाइट उठाने एवं ले जाने के लिए 200 से 300 रुपए दिए जाते हैं लेकिन कभी-कभी यह पैसे ना देकर उन्हें डांट डपट कर भी भगा दिया जाता है!

मामले में जब हमने छतरपुर जिले के एडीएम प्रेम सिंह चौहान से बात की तो उनका कहना था कि बाल मजदूरी निश्चित तौर पर अपराध है अगर कहीं पर भी इस प्रकार की कोई शिकायत मिलती है तो सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी!

बाइट_एडीएम प्रेम सिंह चौहान


Conclusion:जिला प्रशासन सूचना मिलने पर कार्यवाही की बात कह रहा है लेकिन ऐसा नहीं है कि शादियों में छतरपुर जिले के आला अधिकारी ना जाते हो शादी समारोह में बाल मजदूरों को आसानी से देखा जा सकता है लेकिन जिला प्रशासन एवं उनके अधिकारी और किसी भी प्रकार का कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं!
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