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छोटे-छोटे बच्चों से कराया जा रहा है खतरनाक काम, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान - एडीएम प्रेम सिंह चौहान

छतरपुर में बच्चों से बाल मजदूरी कराई जा रही है. जहां बच्चे जरा सी मजदूरी के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं.

नाबालिग से कराया जा रहा बाल श्रम
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Published : Jun 18, 2019, 11:34 PM IST

छतरपुर। बाल श्रम और बाल मजदूरी रोकने को लेकर प्रशासन भले ही बड़े-बड़े दावे कर रहा है, लेकिन हकीकत कुछ और है. जिले में शादी समारोह में छोटे छोटे बच्चों से खुलेआम खतरनाक काम कराया जा रहा है. छोटे-छोटे बच्चों से काम कराकर उनकी जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है. स्थानीय प्रशासन एवं जिले के आला अधिकारी आंख बंद किए इन बच्चों को काम करते हुए देख रहे हैं.

बच्चों की जान को होता है खतरा
शादी के सीजन में काम कराने के लिए आस-पास के गांवों से बच्चों को लाया जाता है और पैसे कमाने का लालच देकर बच्चों को बाल मजदूरी में धकेल दिया जाता है. बच्चों को मजदूरी के एवज में महज 200 से 300 रुपए दिए जाते हैं. बच्चों से लाइट ले जाने का जो काम कराया जाता है वह बेहद खतरनाक होता है. करंट लगने से जान जाने का भी खतरा रहता है.

नाबालिग से कराया जा रहा बाल श्रम

ADM ने दी टीम गठन करने की बात कही
कुछ महीनों पहले ही शादी समारोह के दौरान हादसा हो गया था. हादसे में एक मासूम की जान चली गई थी. डीएम प्रेम सिंह चौहान ने मामले को बेहद गंभीर मानते हुए श्रम विभाग के अधिकारियों से बात करने की बात कही. उन्होंने जल्द ही एक टीम का गठन कर बाल श्रम पर बैन लगाने की बात कही है.

छतरपुर। बाल श्रम और बाल मजदूरी रोकने को लेकर प्रशासन भले ही बड़े-बड़े दावे कर रहा है, लेकिन हकीकत कुछ और है. जिले में शादी समारोह में छोटे छोटे बच्चों से खुलेआम खतरनाक काम कराया जा रहा है. छोटे-छोटे बच्चों से काम कराकर उनकी जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है. स्थानीय प्रशासन एवं जिले के आला अधिकारी आंख बंद किए इन बच्चों को काम करते हुए देख रहे हैं.

बच्चों की जान को होता है खतरा
शादी के सीजन में काम कराने के लिए आस-पास के गांवों से बच्चों को लाया जाता है और पैसे कमाने का लालच देकर बच्चों को बाल मजदूरी में धकेल दिया जाता है. बच्चों को मजदूरी के एवज में महज 200 से 300 रुपए दिए जाते हैं. बच्चों से लाइट ले जाने का जो काम कराया जाता है वह बेहद खतरनाक होता है. करंट लगने से जान जाने का भी खतरा रहता है.

नाबालिग से कराया जा रहा बाल श्रम

ADM ने दी टीम गठन करने की बात कही
कुछ महीनों पहले ही शादी समारोह के दौरान हादसा हो गया था. हादसे में एक मासूम की जान चली गई थी. डीएम प्रेम सिंह चौहान ने मामले को बेहद गंभीर मानते हुए श्रम विभाग के अधिकारियों से बात करने की बात कही. उन्होंने जल्द ही एक टीम का गठन कर बाल श्रम पर बैन लगाने की बात कही है.

Intro: जिले में बाल श्रम को एवं बाल मजदूरी को लेकर भले ही स्थानीय प्रशासन बड़े-बड़े दावे कर रही हो लेकिन हकीकत बेहद चौंकाने वाली है इन दिनों शादियों का सीजन है और इन शादियों में खुलेआम छोटे-छोटे बच्चे बाल श्रम करते हुए देखे जा सकते हैं लेकिन स्थानीय प्रशासन एवं जिले के आला अधिकारी आंख बंद किए इन बच्चों को काम करते हुए देख रहे हैं|


Body: शादियों के मौसम में छोटे-छोटे मासूम बच्चों को मजदूर बनाकर बैंड मास्टर एवं अन्य लोग बच्चों के माध्यम से तगड़ा मुनाफा कमा रहे हैं लेकिन इस मुनाफे में वह इन छोटे-छोटे मासूम बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ भी कर रहे हैं| शादियों में बारात के समय बारातियों के चारों ओर जिस लाइफ की रोशनी को आप देखते हैं उन्हें छोटे-छोटे बच्चे अपने हाथों से था में रहते हैं और इन बच्चों को मजदूरी के एवज में महज 200 से ₹300 ही दिए जाते हैं!

मजदूरी करने के लिए इन बच्चों को आस-पास के गांव से हल किया जाता है और उन्हें पैसे कमाने की लालच देकर बाल मजदूरी में धकेल दिया जाता है बाल मजदूरी करने वाले एक पाल श्रमिक ने बताया कि बात पास के ही एक गांव का रहने वाला है उसे 400 से ₹500 की बात कहकर बुलाया गया था लेकिन बाद में ₹200 ही दिए!

बाइट_बाल श्रमिक

आपको बता दें कि शादी में बारात के समय जिन लाइटों को यह बच्चे अपने हाथों में लेते हैं वह करंट से जलती है और ऐसे में कई बार इन मासूमों के साथ हाथ में भी हो जाते हैं जिले में कुछ महीनों पहले ही इसी प्रकार के शादी के दौरान एक मासूम की जान भी चली गई थी!

भले ही इन बच्चों के माध्यम से तगड़ा मुनाफा कमाने वाले कुछ माफिया इन्हें पैसों का लालच देकर बाल श्रम की ओर आकर्षित कर रहे हो लेकिन स्थानीय प्रशासन एवं श्रम विभाग को चाहिए कि ऐसे लोगों पर सख्त से सख्त कार्यवाही करें!

इस संबंध में जब हमने जिले के डीएम प्रेम सिंह चौहान से बात की उन्होंने इस मामले को बेहद गंभीर बताते हुए श्रम विभाग के अधिकारियों से बात करने की बात कही उन्होंने बताया कि जल्द ही एक टीम का गठन कर जिले में चल रहे इस प्रकार के बाल श्रम पर प्रतिबंध लगाया जाएगा जो भी व्यक्ति इस प्रकार के कार्यों में लिप्त पाया जाएगा उस पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी!

बाइट_एडीएम_प्रेम सिंह चौहान


Conclusion:भले ही स्थानीय प्रशासन अब इस प्रकार की बाल मजदूर पर कार्यवाही की बात कर रहा हो ऐसा नहीं है कि जिले के आला अधिकारी बच्चों को शादियों में इस प्रकार का काम करते हुए ना देख पा रहे हो जिले में लगातार शादियों में जिले के तमाम अधिकारियों का आना जाना होता है और कहीं ना कहीं अपने हाथों में यह मासूम लाइट लेकर दिखाई दे जाते हैं लेकिन फिर भी स्थानीय प्रशासन आंख बंद कर सिर्फ कार्यवाही की बात कर रहा है!
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