छतरपुर। जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, जिला अस्पताल में एक गर्भवती महिला एवं उसके पति के साथ मारपीट की गई. पीड़ित दंपती ने मारपीट का आरोप जिला अस्पताल के सिविल सर्जन जीएल अहिवार एवं अस्पताल में पदस्थ गार्डों पर लगाया है. घटना के बाद पीड़ित पक्ष ने थाना कोतवाली में एक शिकायती आवेदन देते हुए कार्रवाई की मांग की है.
ब्लड चढ़ाने अस्पताल आई थी गर्भवतीः हर्रई गांव की रहने वाली सविता कुशवाह 6 माह की गर्भवती है. वह अपने पति कमलेश कुशवाहा के साथ जिला अस्पताल आई थी. गर्भवती महिला के पति कमलेश कुशवाहा ने बताया कि उसकी पत्नी सविता को ब्लड की कमी थी, जिस वजह से उसे ब्लड चढ़ना था. वह उसे जिला अस्पताल आया था. उसके साथ गांव की आशा कार्यकर्ता भी थी. आशा कार्यकर्ता, कमलेश और उसकी पत्नी सविता 2 मंजिल पर बने लेवर वार्ड में गए. कमलेश वार्ड के बाहर रुक गया, तभी कुछ गार्ड और उनके साथ सिविल सर्जन जीएल अहिरवार आए और उसे वहां से जाने को कहा, जिसके बाद कमलेश सिविल सर्जन को बताया कि उसकी पत्नी को बोतल चढ़ रही है. कुछ देर बाद वह वहां से चला जाएगा. लेकिन बाद गार्ड एवं सिविल सर्जन ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी. इसी बीच कमलेश की पत्नी सविता वहां आई और उसने अपने पति को बचाने का प्रयास किया.
सविता बोली- सिविल सर्जन ने मारा धक्काः इस मामले में गर्भवती सविता का कहना है कि उसने अपने पति को बचाने की कोशिश की, जिसमें सिविल सर्जन एवं गार्ड ने उसे धक्का मार दिया और एक चांटा भी मारा. सविता का कहना है कि गर्भवती से अस्पताल के अंदर जो व्यवहार हुआ है. इसमें उसके साथ कोई भी अनहोनी हो सकती थी. सविता को अस्पताल लेकर आईं आशा कार्यकर्ता पार्वती रायकवार का कहना है कि वह सविता को लेकर अस्पताल आई थी, जब वह वार्ड से बाहर निकली तो उन्होंने देखा कुछ गार्ड और एक व्यक्ति इन दोनों के साथ मारपीट कर रहे थे.
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सिविल सर्जन- इस तरह की नहीं हुई कोई घटनाः घटना के बाद पीड़ित पक्ष ने थाना कोतवाली में एक शिकायती आवेदन देते हुए कार्रवाई की मांग की है.वहीं, इस मामले के संबंध में सिविल सर्जन जीएल अहिरवार ने कहा कि,''इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है. कमलेश गार्ड के साथ बहस कर रहा था उसे पकड़ कर बाहर किया गया है.''