छतरपुर। शहर के एक व्यक्ति ने अपनी खाली अनुपयोगी पड़ी छत पर यूट्यूब से सीखकर जैविक पद्धति से बागवानी की खेती कर परिवार को स्वस्थ रख रहे हैं. जैविक पद्धति से हो रही खेती में युवा के द्वारा विभिन्न प्रकार की सब्जियां उगाई जा रही हैं.
शहर के चौबे कॉलोनी में रहने वाले 46 वर्षीय कृष्णकांत रायकवार ने सोशल मीडिया का सही उपयोग कर अपने परिवार को स्वस्थ एवं छत को हरा भरा बना दिया है. कृष्णकांत रायकवार ने पिछले वर्ष सितंबर-अक्टूबर माह में यूट्यूब में उद्यानिकी की खेती एवं उसके लाभ के बारे में देखा. इसके बाद उन्होंने उद्यानिकी की खेती करने के बारे में सोचा, लेकिन शहर में रहने के कारण खेती की जमीन रोड़ा बनी तो कृष्णकांत रायकवार ने अपने घर की छत पर ही खेती करने करने का निश्चय किया.
5 हजार स्क्वायर फिट छत पर बागवानी: कृष्णकांत रायकवार ने अपनी खाली पड़ी 5 हजार स्क्वायर फिट छत पर अक्टूबर नवंबर माह 2022 में बागवानी शुरू कर दी. कृष्णकांत ने अनुपयोगी पड़ी बोरी, पानी की टंकी, पुरानी बाल्टी, डिब्बों आदि में जैविक तरीके से सब्जी की खेती की, जिसमें इन्होंने टमाटर, मिर्च, मटर,पालक, मैथी, मूली, आलू, प्याज, लौकी, खीरा सहित कई प्रकार की अनेकों सब्जी उगाई जा रही हैं. कृष्णकांत के परिजन अब यही की उगी सब्जी खाते हैं, परिजनों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों से जब से छत पर उगी सब्जी को खाने में उपयोग कर रहे हैं, तब से परिवार के सदस्य स्वस्थ है और कोई बीमार नहीं हो रहा है."
पानी की कमी बनी समस्या तो ड्रिप तकनीक अपनाई: छत पर बागवानी को खेती करने में कृष्णकांत के सामने पानी की समस्या आई तो उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों को सलाह पर ड्रिप तकनीक अपनाई. ड्रिप तकनीक के तहत उन्होंने अपनी पूरी छत के किनारे उगी फसलों पर ड्रिप लगाकर कम पानी में भी अच्छी खेती कर रहे हैं.
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कृष्णकांत रायकवार ने बताया कि "यूट्यूब से देखकर जब से छत पर बागवानी की है, तब से अधिकांश ज्यादातर सब्जियां अपनी बागवानी की की खाने पिएं में उपयोग कर रहे हैं. जब से बागवानी की है तब से अपनी उगाई गई सब्जियों का ही सेवन कर रहे हैं, हालांकि पिछले कुछ दिनों से पड़ रही तेज गर्मी के कारण कुछ पौधे मुरझा गए हैं, लेकिन आने वाले कुछ दिनों में बारिश के मौसम के बाद एक बार फिर से पूरी बगिया हरी हो जाएगी. इस कार्य में मेरे पड़ोस में रहने वाले कपिल दुबे मेरा पूरा सहयोग करते है."