छतरपुर। जाको राखे साइयां मार सके ना कोई. यह कहावत सच हुई है मध्य प्रदेश के छतरपुर में. 30 फीट बोरवेल में गिरी मासूम ने आखिरकार जिंदगी की जंग जीत ली है. शाम 4:00 बजे बोरवेल में गिरी बिजावर थाना क्षेत्र के ललपुर गांव की नैंसी को 6 घंटे के रेस्क्यू के बाद सही सलामत जिला प्रशासन ने बाहर निकाल लिया है. रेस्क्यू कर बाहर निकालने के बाद जिला प्रशासन तुरंत बच्ची को बिजावर स्वास्थ्य केंद्र ले गया जहां उसे भर्ती किया गया है. बच्ची की हालत स्थिर है और उसके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है.
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छतरपुर। मासूम ने जीती जिंदगी की जंग, बोरवेल से बच्ची को निकाला बाहर..
— ETVBharat MadhyaPradesh (@ETVBharatMP) February 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
- बच्ची को लेकर कलेक्टर @grsandeepias एवं एसपी सचिन शर्मा, डॉ. मुकेश प्रजापति एम्बुलेंस में लेकर बिजावर हॉस्पिटल पहुंचे. माता पिता भी साथ में हैं. डॉक्टरों ने स्वास्थ्य परीक्षण शुरू कर दिया है. pic.twitter.com/C2VWlrmIhW
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- बच्ची को लेकर कलेक्टर @grsandeepias एवं एसपी सचिन शर्मा, डॉ. मुकेश प्रजापति एम्बुलेंस में लेकर बिजावर हॉस्पिटल पहुंचे. माता पिता भी साथ में हैं. डॉक्टरों ने स्वास्थ्य परीक्षण शुरू कर दिया है. pic.twitter.com/C2VWlrmIhWछतरपुर। मासूम ने जीती जिंदगी की जंग, बोरवेल से बच्ची को निकाला बाहर..
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- बच्ची को लेकर कलेक्टर @grsandeepias एवं एसपी सचिन शर्मा, डॉ. मुकेश प्रजापति एम्बुलेंस में लेकर बिजावर हॉस्पिटल पहुंचे. माता पिता भी साथ में हैं. डॉक्टरों ने स्वास्थ्य परीक्षण शुरू कर दिया है. pic.twitter.com/C2VWlrmIhW
6 घंटे बाद बाहर आई नैंसी: बच्ची की मां रोशनी विश्वकर्मा ने बताया कि उसकी बेटी खेत पर खेल रही थी. तभी खेलते खेलते खेत में ही बने बोरवेल में जा गिरी कुछ देर तक हम लोग उसे ढूंढते रहे बाद में पता चला कि नैंसी बोरवेल में गिर गई है. 6 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद आखिरकार जिला प्रशासन ने बच्ची को सकुशल बाहर निकाल लिया रेस्क्यू के दौरान पुलिस प्रशासन के अलावा एनडीआरएफ की टीम भी लगी रहीं. जिला प्रशासन बोरवेल में फंसी बच्ची से लगातार संवाद कर रहा था. आखिर में एक रस्सी के फंदे के सहारे बच्ची को बाहर निकाल लिया गया.
सीएम शिवराज ने फोन पर जाना हालचाल: अधिकारियों ने जानकारी दी कि बच्ची ने बोरवेल के अंदर से इस बात की सहमति दी की वह रस्सी को पकड़ लेगी और आखिर में उसने रस्सी को पकड़ लिया से खींचकर बाहर निकाल लिया गया. फिलहाल बच्ची पूरी तरह से सुरक्षित है और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है. अपनी बच्ची को सही सलामत देखकर मां की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी नैंसी की मां से फोन पर उसका हालचाल जाना. सीएम ने ट्वीट करते हुए लिखा कि यह जानकर संतोष और आनंद हुआ कि बेटी स्वस्थ है. मामा शिवराज सदैव बेटी के साथ हैं, मेरी शुभकामनाएं और आशीर्वाद बेटी के साथ हैं.
जिले में पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना: कुछ महीनों पहले ही छतरपुर जिले के नारायणपूरा गांव में 5 साल का जितेंद्र यादव नाम का एक बच्चा खुले बोरवेल में जा गिरा था काफी मशक्कत के बाद आखिरकार जितेंद्र को बचा लिया गया था. जिसके बाद छतरपुर कलेक्टर संदीप जेआर ने शख्त आदेश दिए थे कि अगर कोई भी बोरवेल खुला हुआ पाया गया तो संबंधित तो संबंधित क्षेत्र के पटवारी एवं जिसके यहां बोरवेल है उस पर 304 A यानी गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाएगा. लेकिन एक बार फिर मामले में जिला प्रशासन की लापरवाही सामने आई है.
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जिंदगी की जंग हार गया था तन्मय: इससे पहले बैतूल जिले के मांडवी गांव में 6 दिसंबर 2022 को 6 साल का मासूम तन्मय बोरवेल में फंस गया था. 84 घंटे तक जिंदगी और मौत से जंग लड़ने के बाद आखिरकार वह जिंदगी की जंग हार गया था. 84 घंटे तक चले रेस्क्यू के बाद उसका शव बोरवेल से बाहर निकाला गया गया था. तन्मय की मौत ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया था. प्रदेश में खुले पड़े बोरवेल को लेकर सिस्टम पर सवाल पूछे जाने लगे हैं. बात बोरवैल की हो या शहरों में खुले पड़े मैनहोल की, जिनमें गिरकर अब तक सैंकड़ों मासूम अपनी जान गवां चुके हैं. लेकिन इन हादसों से प्रशासन कोई सबक नहीं ले रहा है.