छतरपुर। जिले की रियासतकालीन तालाबों पर इन दिनों भू माफियाओं ने अपना कब्जा जमा लिया है, इतना ही नहीं ज्यादातर तालाबों में भू माफियाओं ने अतिक्रमण कर प्लाटिंग भी शुरू कर दी है. पिछले 3 सालों से लगातार कुछ समाजसेवी संगठन जिला प्रशासन को इस मामले से अवगत करा रहे हैं, इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन तालाबों को अतिक्रमण मुक्त नहीं करा पा रहा है. जिले के 3 सबसे बड़े तालाबों पर भू माफियाओं ने अतिक्रमण कर लिया गया है, और उन पर प्लाटिंग काट कर लोगों को प्लाट भी मुहैया करा दिए गए हैं.
सैकड़ों वर्ष पुराने तालाबों की स्थिति आज तालाबों से बदलकर छोटे- छोटे टुकड़ों में तब्दील हो गई है. जिले के 3 बड़े तालाब किशोर सागर तालाब, बड़ा तालाब एवं संकट मोचन तालाब पूरी तरह से खत्म होने की कगार पर है. इन तालाबों पर भू माफियाओं ने बड़ी मात्रा में कब्जा कर रखा है, इन्होंने इन तालाबों में अतिक्रमण कर प्लाटिंग का काम शुरू कर दिया है.
छतरपुर एसडीएम अनिल सपकाले तालाबों पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने की बात कर रहे हैं. उनकी मानें तो उन्हें आए हुए अभी कुछ ही दिन हुए हैं और तालाबों का अतिक्रमण हटाने में उन्हें 2 से 3 हफ्ते लग जाएंगे. इसके लिए सर्वे कराया जा रहा है. वकील एवं समाजसेवी लखन राजपूत का कहना है कि प्रशासन को इन सभी तालाबों का सीमांकन कराकर इन्हें अतिक्रमण मुक्त कराना चाहिए.
बता दें 1 साल पहले कुछ समाजसेवियों ने तालाबों पर हो रहे अतिक्रमण का विरोध करने के संबंध में मुंडन कराकर एक रैली निकाली थी. और लोगों ने तालाबों की अर्थी एवं तेरहवी का भी आयोजन किया था, इसके बावजूद आज भी हालात जस के तस बने हुए हैं.