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भू-माफिया ने तालाबों पर कब्जा कर बेचा प्लाट, स्थानीय प्रशासन नहीं हटा पा रहा अतिक्रमण

जिले के 3 बड़े तालाब किशोर सागर तालाब, बड़ा तालाब एवं संकट मोचन तालाब पूरी तरह से खत्म होने की कगार पर है. इन तालाबों पर भू माफियाओं ने बड़ी मात्रा में कब्जा कर रखा है.

भू-माफिया ने तालाबों पर किया कब्जा
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Published : Jul 16, 2019, 6:17 PM IST

छतरपुर। जिले की रियासतकालीन तालाबों पर इन दिनों भू माफियाओं ने अपना कब्जा जमा लिया है, इतना ही नहीं ज्यादातर तालाबों में भू माफियाओं ने अतिक्रमण कर प्लाटिंग भी शुरू कर दी है. पिछले 3 सालों से लगातार कुछ समाजसेवी संगठन जिला प्रशासन को इस मामले से अवगत करा रहे हैं, इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन तालाबों को अतिक्रमण मुक्त नहीं करा पा रहा है. जिले के 3 सबसे बड़े तालाबों पर भू माफियाओं ने अतिक्रमण कर लिया गया है, और उन पर प्लाटिंग काट कर लोगों को प्लाट भी मुहैया करा दिए गए हैं.

सैकड़ों वर्ष पुराने तालाबों की स्थिति आज तालाबों से बदलकर छोटे- छोटे टुकड़ों में तब्दील हो गई है. जिले के 3 बड़े तालाब किशोर सागर तालाब, बड़ा तालाब एवं संकट मोचन तालाब पूरी तरह से खत्म होने की कगार पर है. इन तालाबों पर भू माफियाओं ने बड़ी मात्रा में कब्जा कर रखा है, इन्होंने इन तालाबों में अतिक्रमण कर प्लाटिंग का काम शुरू कर दिया है.

भू-माफिया ने तालाबों पर किया कब्जा

छतरपुर एसडीएम अनिल सपकाले तालाबों पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने की बात कर रहे हैं. उनकी मानें तो उन्हें आए हुए अभी कुछ ही दिन हुए हैं और तालाबों का अतिक्रमण हटाने में उन्हें 2 से 3 हफ्ते लग जाएंगे. इसके लिए सर्वे कराया जा रहा है. वकील एवं समाजसेवी लखन राजपूत का कहना है कि प्रशासन को इन सभी तालाबों का सीमांकन कराकर इन्हें अतिक्रमण मुक्त कराना चाहिए.

बता दें 1 साल पहले कुछ समाजसेवियों ने तालाबों पर हो रहे अतिक्रमण का विरोध करने के संबंध में मुंडन कराकर एक रैली निकाली थी. और लोगों ने तालाबों की अर्थी एवं तेरहवी का भी आयोजन किया था, इसके बावजूद आज भी हालात जस के तस बने हुए हैं.

छतरपुर। जिले की रियासतकालीन तालाबों पर इन दिनों भू माफियाओं ने अपना कब्जा जमा लिया है, इतना ही नहीं ज्यादातर तालाबों में भू माफियाओं ने अतिक्रमण कर प्लाटिंग भी शुरू कर दी है. पिछले 3 सालों से लगातार कुछ समाजसेवी संगठन जिला प्रशासन को इस मामले से अवगत करा रहे हैं, इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन तालाबों को अतिक्रमण मुक्त नहीं करा पा रहा है. जिले के 3 सबसे बड़े तालाबों पर भू माफियाओं ने अतिक्रमण कर लिया गया है, और उन पर प्लाटिंग काट कर लोगों को प्लाट भी मुहैया करा दिए गए हैं.

सैकड़ों वर्ष पुराने तालाबों की स्थिति आज तालाबों से बदलकर छोटे- छोटे टुकड़ों में तब्दील हो गई है. जिले के 3 बड़े तालाब किशोर सागर तालाब, बड़ा तालाब एवं संकट मोचन तालाब पूरी तरह से खत्म होने की कगार पर है. इन तालाबों पर भू माफियाओं ने बड़ी मात्रा में कब्जा कर रखा है, इन्होंने इन तालाबों में अतिक्रमण कर प्लाटिंग का काम शुरू कर दिया है.

भू-माफिया ने तालाबों पर किया कब्जा

छतरपुर एसडीएम अनिल सपकाले तालाबों पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने की बात कर रहे हैं. उनकी मानें तो उन्हें आए हुए अभी कुछ ही दिन हुए हैं और तालाबों का अतिक्रमण हटाने में उन्हें 2 से 3 हफ्ते लग जाएंगे. इसके लिए सर्वे कराया जा रहा है. वकील एवं समाजसेवी लखन राजपूत का कहना है कि प्रशासन को इन सभी तालाबों का सीमांकन कराकर इन्हें अतिक्रमण मुक्त कराना चाहिए.

बता दें 1 साल पहले कुछ समाजसेवियों ने तालाबों पर हो रहे अतिक्रमण का विरोध करने के संबंध में मुंडन कराकर एक रैली निकाली थी. और लोगों ने तालाबों की अर्थी एवं तेरहवी का भी आयोजन किया था, इसके बावजूद आज भी हालात जस के तस बने हुए हैं.

Intro:छतरपुर जिले की रियासत कालीन तालाबों पर इन दिनों भू माफियाओं का कब्जा है ज्यादातर तालाबों में भू माफियाओं ने अतिक्रमण कर प्लाटिंग शुरू कर दी है पिछले 3 सालों से लगातार कुछ समाजसेवी संगठन जिला प्रशासन को सजग कराते हुए मामले से अवगत करा रहे हैं बाबुल के स्थानीय प्रशासन तालाबों को अतिक्रमण मुक्त नहीं करा पा रहा है!


Body:छतरपुर जिले में रियासत कालीन तालाबों का अस्तित्व खतरे में है भू माफियाओं द्वारा तालाबों पर लगातार अतिक्रमण किया जा रहा है जिसके चलते सैकड़ों वर्ष पुराने तालाबों की स्थिति आज तालाबों से बदलकर छोटे-छोटे टुकड़ों में तब्दील हो गई है जिले के 3 सबसे बड़े तालाबों पर भू माफियाओं द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है और उन पर प्लाटिंग काट कर लोगों को प्लाट भी मुहैया करा दिए गए हैं हालांकि पिछले 3 सालों से जिले के कुछ समाजसेवी लगातार तालाबों के अस्तित्व को लेकर संघर्ष कर रहे हैं बावजूद इसके स्थानीय प्रशासन निष्क्रिय नजर आ रहा है!

1 साल पहले ही कुछ समाजसेवियों द्वारा तालाबों पर हो रहे अतिक्रमण का विरोध करने के संबंध में मुंडन कराकर एक रैली निकाली गई थी और लोगों ने तालाबों की अर्थी एवं तेरहबी का भी आयोजन किया था बावजूद इसके आज भी हालात जस के तस बने हुए हैं छतरपुर जिले के नए एसडीएम अनिल तालाबों पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने की बात कर रहे हैं उनकी मानें तो उन्हें आए हुए अभी कुछ ही दिन हुए हैं और तालाबों का अतिक्रमण हटाने में उन्हें 2 से 3 हफ्ते लग जाएंगे!

बाइट_अनिल सपकाले एसडीएम छतरपुर

लंबे समय से तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे वकील एवं समाजसेवी लखन राजपूत का कहना है कि जिले के लगभग सभी तालाब अतिक्रमण की चपेट में है जिले के 3 बड़े तालाब किशोर सागर तालाब बड़ा तालाब एवं संकट मोचन तालाब पूरी तरह से खत्म होने की कगार पर है इन तालाबों पर भू माफियाओं की नजर है इन्होंने ही तालाबों में अतिक्रमण कर प्लाटिंग का काम शुरू कर दिया है प्रशासन को चाहिए कि इन सभी तालाबों का सीमांकन कराकर इन्हें अतिक्रमण मुक्त कराया जाए!

बाइट_लखन राजपूत _वकील एवं समाजसेवी


पलामू के लिए लंबे समय से आंदोलन कर रहे सौरव मिश्रा का कहना है कि जिले में 18 तालाब थे लेकिन वर्तमान में तीन ताल आधी अस्तित्व में बचे हुए हैं लेकिन भू माफियाओं की नजर इन पर भी है अगर प्रशासन सही समय पर नहीं जागा तो इन तालाबों का भी अस्तित्व खत्म हो जाएगा!

बाइट_सौरभ मिश्रा समाजसेवी




Conclusion:जिले के तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए जिले के कई समाजसेवी लगातार संघर्ष कर रहे हैं लेकिन स्थानीय प्रशासन एवं अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं समाजसेवियों का कहना है कि जिले के नेता भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं यही वजह है कि भू माफियाओं द्वारा धीरे-धीरे इन सभी तालाबों पर अतिक्रमण कर लिया गया है और अगर ऐसे ही हालात रहे तो वह दिन दूर नहीं जब जिले से तालाबों का नाम और निशान मिट जाएगा!
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