छिन्दवाड़ा। जिले के पांढुर्णा के किसानों को गोभी की फसल के एक रुपए से लेकर 50 पैसे दाम मिल रहे हैं, जिसके चलते किसान गुस्से में गोभी की फसल को उजाड़ कर मवेशियों को खिला रहे हैं.
बता दें कि पांढुर्णा क्षेत्र को फुलगोभी उत्पादन का हब कहा जाता है, इस क्षेत्र के 5 गांवों में गोभी की हर साल बंपर पैदावार होती है. पैदावार अच्छी होने के कारण यहां के किसान गोभी के उत्पादन से लाखों रुपये कमाते हैं. लेकिन कोरोना काल की मार झेल रहे किसानों को इस साल गोभी के दाम न के बारबर मिल रहे हैं, मंडी में एक रुपए से लेकर 50 पैसे प्रति किलों के हिसाब से दाम मिल रहे हैं.
- फसल की लागत नहीं निकाल पा रहे किसान
किसानों का कहना है कि इस वर्ष गोभी की फसल के दाम नहीं मिलने से उन्हें काफी नुकसान हुआ है, जिससे गोभी उत्पादन में लगी हुई लागत तक नहीं निकल पा रही है. जिसके कारण किसानों ने गोभी फसल पर रोटावेटर चलाकर पूरी खेती उजाड़ दी और खेत में जो शेष गोबी बची है, उसे मवेशियों को खिलाई जा रही है.
- नेपाल सहित देश के बड़े शहरों में पांढुर्णा से जाती है गोभी की खेप
किसान बताते हैं कि पांढुर्णा की गोभी की खेप नेपाल सहित बांग्लादेश, बिहार, नई दिल्ली, हैदराबाद, बनारस, छत्तीसगढ़, मुंबई, राजस्थान सहित अन्य शहरों में जाती है, लेकिन इस साल गोभी की खेप पर ब्रेक सा लग गया है.
- बाजारों में 5 रुपए किलो बिक रही गोभी
गोभी के दाम में अचानक गिरावट आने से नागपुर के बाजारों में दाम नहीं मिल रहे हैं, किसानों को महज 50 पैसे या एक रुपए प्रति किलो के दाम मिल रहे हैं. वहीं बजारों में गोभी 5 रुपए प्रति किलो के हिसाब से ग्राहकों को बेचे जा रहे हैं.
- पांढुर्णा के 5 गांव को कहा जाता है गोभी फसल का हब
पांढुर्णा में ऐसे 5 गांव ऐसे हैं जिसे गोभी की फसल का हब कहा जाता है, सबसे ज्यादा गोबी का बंपर उत्पादन ग्राम सिराठा, हिवरासेनड़वार, सिवनी, राजना, गोरलीखापा में किया जाता है.