छतरपुर। दिल्ली में संत रविदास के 600 साल पुराने मंदिर को तोड़े जाने पर बीजेपी के अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश महामंत्री दिलीप अहिरवार ने दिल्ली प्राधिकरण की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं, लेकिन दिल्ली प्राधिकरण बोर्ड ने जल्दबाजी में मंदिर को तोड़कर जमीन अपने कब्जे में कर लिया है, जिसकी वे कड़ी निंदा करते हैं. इसके संबंध में उन्होंने राष्ट्रपति के नाम जिले के कलेक्टर को आवेदन देने की बात कही है.
दिल्ली में संत रविदास के मंदिर तोड़े जाने के बाद उनके अनुयायियों में बेहद आक्रोश है. इसी क्रम में छतरपुर में रहने वाले बीजेपी के अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश महामंत्री दिलीप अहिरवार ने भी संत रविदास के मंदिर तोड़े जाने पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. मंत्री दिलीप अहिरवार का कहना है कि मंदिर तोड़ने से पहले समाज के लोगों को सूचित करना चाहिए था और उन्हें कुछ समय भी देना चाहिए था.
दिलीप अहिरवार का कहना है कि संत रविदास के करोड़ों समर्थक पूरे भारत में मौजूद हैं. मंदिर तोड़े जाने से सभी को ठेस पहुंची है और हम सभी मिलकर देश के राष्ट्रपति के नाम पुनर्विचार का आवेदन देंगे. इस देश में राष्ट्रपति ही एकमात्र ऐसे हैं, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी बदल सकते हैं. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत डीडीए ने तुगलकाबाद स्थित रविदास मंदिर को ढहा दिया था. इसके बाद से ही ये मुद्दा राजनीतिक रंग ले चुका है.