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कड़ाके की ठंड से पान की फसल बर्बाद, किसानों ने सरकार से लगाई मुआवजे की गुहार - गढ़ीमलहरा न्यूज

छतरपुर में पान की खेती करने वाले किसानों पर मौसम की मार पड़ रही है. जिले में कड़ाके की ठंड और कोहरे की वजह से पान की फसल खराब हो गई है.

bitter cold ruined the betel crop in chhatarpur
कड़ाके की ठंड से पान की फसल बर्बाद
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Published : Jan 20, 2020, 11:07 PM IST

Updated : Jan 20, 2020, 11:36 PM IST

छतरपुर। जिले में पान की खेती करने वाले किसान एक बार फिर परेशान हैं. कड़ाके की ठंडी और कोहरे ने पान की खेती को पूरी तरह से तबाह कर दिया है. किसान अब सरकार से मुआवजे की आस लगाए हुए हैं. किसानों का कहना है कि ठंड और कोहरे की वजह से करीब 70 से 80 फीसदी फसल बर्बाद हो गई है. वहीं जिला प्रशासन लगातार मुआवजे की बात कर रहा हो, लेकिन अभी तक कोई भी सरकारी अमला उनके पास नहीं आया है.

कड़ाके की ठंड से पान की फसल बर्बाद

बता दें जिले के गढ़ीमलहरा और महाराजपुर में पान की खेती बड़े स्तर पर होती है. जहां से पान पूरे भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी भेजा जाता है. इस बार पान की खेती पूरी तरह से तबाह हो चुकी है. फसल के नाम पर पान के डंठल ही रह गए हैं.

पान की खेती करने वाले कई किसान खेती छोड़कर दूसरे कामों में लग गए हैं. किसानों का कहना है कि पान की खेती में लगातार नुकसान होता है. लेकिन सरकार इस तरफ कोई ध्यान नहीं देती. हालांकि महाराजपुर विधायक नीरज दीक्षित जल्द ही पान विकास निगम बनाने की बता कही थी. जिससे पान की खेती करने वाले किसानों को काफी राहत मिलेगी.

छतरपुर। जिले में पान की खेती करने वाले किसान एक बार फिर परेशान हैं. कड़ाके की ठंडी और कोहरे ने पान की खेती को पूरी तरह से तबाह कर दिया है. किसान अब सरकार से मुआवजे की आस लगाए हुए हैं. किसानों का कहना है कि ठंड और कोहरे की वजह से करीब 70 से 80 फीसदी फसल बर्बाद हो गई है. वहीं जिला प्रशासन लगातार मुआवजे की बात कर रहा हो, लेकिन अभी तक कोई भी सरकारी अमला उनके पास नहीं आया है.

कड़ाके की ठंड से पान की फसल बर्बाद

बता दें जिले के गढ़ीमलहरा और महाराजपुर में पान की खेती बड़े स्तर पर होती है. जहां से पान पूरे भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी भेजा जाता है. इस बार पान की खेती पूरी तरह से तबाह हो चुकी है. फसल के नाम पर पान के डंठल ही रह गए हैं.

पान की खेती करने वाले कई किसान खेती छोड़कर दूसरे कामों में लग गए हैं. किसानों का कहना है कि पान की खेती में लगातार नुकसान होता है. लेकिन सरकार इस तरफ कोई ध्यान नहीं देती. हालांकि महाराजपुर विधायक नीरज दीक्षित जल्द ही पान विकास निगम बनाने की बता कही थी. जिससे पान की खेती करने वाले किसानों को काफी राहत मिलेगी.

Intro:छतरपुर जिले में पान की खेती करने वाले किसान एक बार फिर परेशान हैं ठंडी एवं कोहरे ने पान की खेती को पूरी तरह से तबाह कर दिया है किसान की आस अब स्थानीय प्रशासन से है लेकिन प्रशासन ने अभी तक इस और किसी भी प्रकार का कोई ध्यान नहीं दिया है किसानों का कहना है कि भले ही जिला प्रशासन लगातार मुआबजे की बात को कह रहा हो लेकिन अभी तक कोई भी सरकारी अमला उनके पास नहीं आया है!


Body:छतरपुर जिले के गढ़ी मलहरा एवं महाराजपुर में पान की खेती बड़े स्तर पर होती है और यहां का पान पूरे भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी भेजा जाता है इस बार पान की खेती पूरी तरह से तबाह हो चुकी है जिसकी वजह ठंडी एवं कोहरा है किसानों का कहना है कि लगातार बड़ी ठंडी ने पान की खेती को बर्बाद करके रख दिया आलम यह है कि 90% तक फसल नष्ट हो चुकी है फसल के नाम पर पान के डंठल ही रह गए हैं जिनकी कीमत कुछ भी नहीं!

किसानों की माने तो बर्बाद हुई फसल के एवज में प्रशासन जो नुकसान देने की बात कर रहा है वह नुकसान के बदले दिया जाने वाला मुआवजा नाम मात्र का ही है इससे ना तो नुकसान की भरपाई हो सकती है और ना ही उन पैसों से भी जा सकता है ऐसे में मुआवजे के नाम पर मजाक ही है!

आपको बता दें कि पान की खेती करने वाले कई किसान पान की खेती को छोड़कर अन्य कामों में लग गए हैं किसानों का कहना है कि पान की खेती में लगातार नुकसान होता है लेकिन सरकार इस ओर किसी प्रकार का कोई ध्यान नहीं देती है!

इस संबंध में हमने कुछ दिनों पहले महाराजपुर विधानसभा के विधायक नीरज दीक्षित से बात की थी उन्होंने कहा था कि जल्द ही पान विकास निगम बन जाएगा जिससे पान की खेती करने वाले किसानों को काफी राहत मिलेगी लेकिन वन विकास निगम तो दूर की बात किसानों को उचित मुआवजा भी अभी नहीं मिल पा रहा है ऐसे में पान की खेती करने वाला किसान नासिर परेशान है बल्कि भारी आर्थिक संकट से भी जूझ रहा है और उसे अब उम्मीद है कि वक्त है बदलाव के नाम पर आई सरकार पान की खेती करने वाले किसानों के लिए क्या कर सकती है!


Conclusion:पान की खेती में हुए नुकसान के बाद अब पान की खेती करने वाले किसान स्थानीय जिला प्रशासन से आर्थिक मदद की आस में बैठे हुए हैं लेकिन अभी तक जिला प्रशासन ने इस ओर किसी भी प्रकार का कोई ध्यान नहीं दिया है!
Last Updated : Jan 20, 2020, 11:36 PM IST
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