छतरपुर। लॉकडाउन के चलते जिले के तमाम छोटे बड़े मंदिर बंद हैं. लेकिन जिले की सबसे प्राचीनतम हनुमान मंदिर की सुंदरता इन दिनों अलग ही दिखाई देती है.
शाम ढलते ही सूरज की रोशनी पूरे शहर में अपनी एक अलग ही छटा बिखेर देती है. मंदिर के आसपास लगे पेड़ों में पशु पक्षी आने लगते हैं.
धीरे-धीरे जैसे ही वातावरण ठंडा होता है, पक्षी अपने अपने घोंसलों की तरफ बढ़ने लगते हैं.
इस समय भले ही इस मंदिर में भक्तों की भीड़ नहीं आ रही हो, आरती के समय गीत संगीत के साथ जयकारों की गूंज भले ही ना हो रही हो, लेकिन शाम ढलते ही ऐसा प्रतीत होता है, मानों प्रकृति खुद इस मंदिर की आरती उतारती है.
शाम ढलते ही मंदिर और मंदिर के आसपास की सुंदरता बेहद बढ़ जाती है.
लॉक डाउन के चलते शहर में वाहनों पर प्रतिबंध लगा हुआ है, यही वजह है कि दूर- दूर तक साफ बादल एवं पेड़ पौधे दिखाई देते हैं,
हनुमान टोरिया मंदिर छतरपुर जिले का सबसे प्राचीनतम मंदिर है और यह अपने अद्भुत चमत्कारों के लिए जाना जाता है . शाम ढलते ही इस मंदिर की प्राकृतिक सुंदरता अपने आप बढ़ जाती है .
आसपास लगे पेड़ पौधे पहाड़ के ऊपर बने मंदिर से ढलता हुआ सूरज, अपने आप में एक मनोरम दृश्य पैदा करता है.