छतरपुर। एमपी के छतरपुर जिले में हनुमान मंदिर के पुजारी नारायण दास उर्फ नत्थू कुशवाहा ने मंगलवार को समाधि ले ली. सूचना मिलते ही जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया, मौके पर पहुंचे जिला प्रशासन ने बाबा को बाहर निकाला. अब प्रशासन मामले को सुलझाने का प्रयास कर रहा है कि आखिर बाबा ने समाधि क्यों ली थी. शहर से लगे एक छोटे गांव गौरैया के रहने वाले 60 वर्ष के नारायण दास एक हनुमान मंदिर में पुजारी हैं और मंगलवार को उन्होंने 10 फीट गहरे गड्ढे में समाधि ले ली. बाबा ने यह समाधि 48 घंटे के लिए ली थी लेकिन जिला प्रशासन ने कुछ घंटे में ही बाबा को बाहर समाधि से बाहर निकाल लिया.
लोगोे ने समाधि लेने में की मदद: ग्रामीणों ने बाबा के कहने पर उन्हे समाधि लेने में मदद की. 10 फीट गहरे गड्ढे में बाबा लेट गए और ऊपर से लोहे की छड़ रख दी गई, जिसके बाद गड्ढे को बंद कर दिया गया और उसके ऊपर 5 मिट्टी के छोटे छोटे कलश और दीपक भी रख दिए गए. बाबा ने ग्रामीणों से कहा था कि एक दिन बाद यानी 29 तारीख को मैं समाधि से आवाज दूंगा तब मुझे बाहर निकाल लेना.
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बाबा ने जिला प्रशासन पर लगाए आरोप: बाबा नारायण दास ने जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर सरकारी जमीन पर बना है लेकिन कुछ लोग मंदिर की जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं. मंदिर की जमीन बचाने के लिए मैंने कई बार जिला प्रशासन को आवेदन दिए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. मजबूर होकर मुझे यह कदम उठाना पड़ा. नायब तहसीलदार सोभा अग्रवाल ने बताया की फिलहाल बाबा का मेडिकल कराया गया है. बाबा से बात कर उनकी समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जाएगा.