छतरपुर। जिला अस्पताल स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल हैं, यहां अस्पताल के अंदर ना तो डॉक्टर ठीक से मरीजों से मिल रहे हैं और ना ही उनका इलाज हो रहा है, गंभीर हालत में आने वाले मरीज जिला अस्पताल के अंदर इलाज ना मिलने से आनन-फानन में दूसरी जगह पर जा रहे हैं. कई बार मरीजों को बेहद संदिग्ध हालातों में जिला अस्पताल से अंदर जाते हुए देखा गया है, जो स्वास्थ्य सिस्टम पर सवाल खड़े करते हैं.
महाराजपुर का रैकवार परिवार के बुजुर्ग व्यक्ति की दो दिन पहले तबीयत खराब हुई थी, जिसको लेकर परिजन इलाज के लिए जिला अस्पताल आए थे, परिवार के लोगों का कहना है कि भर्ती करने के बाद दो दिन बीत जाने के बाद भी जिला अस्पताल में ना तो कोई डॉक्टर देखने आया और ना ही बेहतर तरीके से उनका इलाज किया जा रहा था. परिजनों ने इलाज के संबंध में जब डॉक्टरों से बात की तो उन्होंने मरीज को रेफर करने की बात कह दी, जिसके बाद परिवार के लोग गंभीर हालत में मरीज को जिला अस्पताल से किसी दूसरे अस्पताल ले जाने लगे.
जिला अस्पताल प्रबंधन ने जिस वक्त मरीज को रेफर किया मरीज को ना एंबुलेंस उपलब्ध कराई ना ही स्ट्रेचर दिया और ना ही कोई वार्ड बॉय बाहर तक छोड़ने आया, मरीज को बोतलें लगी हुई थीं और परिवार के लोग बोतलों को पकड़कर ऑटो में ले जा रहे थे.
मामले में सिविल सर्जन आरएस त्रिपाठी का कहना है कि यह बात सच है कि जिला में लगातार कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं, लेकिन डॉक्टर जिला अस्पताल में अपनी ड्यूटी लगातार कर रहे हैं. बावजूद इसके अगर कोई दफ्तर लापरवाही करते हुए अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करता है तो वरिष्ठ अधिकारियों तक मामला पहुंचाया जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.