छतरपुर। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलते हुए एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां एक सरकारी स्कूल पिछले 1 साल से बंद है और जिले के तमाम आला अधिकारियों को कोई खबर तक नही हुईं. दरअसल मामला छतरपुर जिले से लगभग 60 किलोमीटर दूर बड़ा मलहरा अनु विभाग के एक छोटे से गांव रानी खेरा का है, जहां का प्राइमरी स्कूल पिछले 1 साल से बंद है. MP Chhatarpur government school
अधिकारी सो रहे गहरी नींद: इस स्कूल में लगभग 20 बच्चे अध्ययनरत हैं, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस सरकारी स्कूल में पिछले 1 साल से ताला पड़ा हुआ है. मामला शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों तक पहुंचा तो अब, अधिकारी आनन-फानन में बीआरसी से लेकर सीएससी तक पर कार्रवाई की बात कह रहे हैं. Ajab Gjab MP
स्कूल पर क्यों लगा ताला: दरअसल 10 फरवरी को रानी खेड़ा स्कूल में पढ़ाने वाले मास्टर को किन्हीं कारणों के चलते जेल हुई थी, शिक्षक के जेल जाने के बाद से स्कूल पर ताला लग गया और शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों से लेकर जिले के तमाम अधिकारी स्कूल की ओर ध्यान देना भूल गए. अब आलम यह है की प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे पढ़ाई तो दूर शिक्षक का चेहरा तक भूल गए है. Chhatarpur school closed from one year
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शिक्षकों की लापरवाही पर होगी कार्रवाई: गांव में रहने वाले चंदू यादव एवं अन्य ग्रामीणों ने यह जानने की कोशिश की कि आखिरी स्कूल इतने महीनों से क्यों बंद है. इस पर डीपीसी (जिला परियोजना समन्वयक) शिक्षा विभाग ने ग्रामीणों से कहा कि, "ये गंभीर मामला है, इस पर कार्रवाई करेंगे." वहीं जब मामले पर ईटीवी भारत ने डीपीसी आरपी लखेरा से बात की तो उन्होंने कहा कि, "मामला बेहद गंभीर है, जानकारी लगी है बीआरसी एवं सीएससी पर कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा तत्काल प्रभाव से स्कूल खोला जाएगा, वरिष्ठ अधिकारियों को इसके बारे में बताया जाएगा और जिन भी शिक्षकों ने इस स्कूल को लेकर लापरवाही की है उन पर कार्रवाई की जाएगी."