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नवरात्रि विशेष, सिर्फ नवरात्रि में खुलता है ये मंदिर, जानें क्या है इसकी विशेषता

शारदीय नवरात्रि में आदि शक्ति के नौ रूपों की उपासना होती है. जहां भक्त नौ दिन तक मां दुर्गा की भक्ति में लीन रहते हैं. नवरात्रि में मां दुर्गा के मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ गलती है. छतरपुर के खजुराहो में मां जगदंबा का एक अनोखा मंदिर है, जो केवल नवरात्रि में ही खुलता है.

Unique temple of Maa Jagdamba
मां जगदंबा का अनोखा मंदिर
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Published : Oct 22, 2020, 9:41 AM IST

Updated : Oct 7, 2022, 6:49 PM IST

छतरपुर। वैसे तो खजुराहो के मंदिर अपनी कामुक कलाकृतियों के लिए जाने जाते हैं, ज्यादातर खजुराहो में भगवान शिव के मंदिर हैं, इन तमाम मंदिरों के अलावा एक ऐसा मंदिर भी मौजूद है. जिसे लोग मां जगदंबा मंदिर के नाम से जानते हैं. ये मंदिर अपने आप में सबसे अनोखा है.

सिर्फ नवरात्रि में खुलता है ये मंदिर

इस मंदिर की खासियत ये है कि, ये मंदिर केवल नवरात्रि में ही खुलता है, बाकी के समय यहां ताला लगा रहता है. मंदिर के पीछे कई किवदंतियां और कहानियां प्रचलित हैं, इस मंदिर से जुड़ा एक ऐसा पहलू है, जिसकी वजह से लोग दूर- दूर से दर्शन करने के लिए आते हैं. ऐसा माना जाता है कि, जिन दंपत्ति को संतान सुख की प्राप्ति ना हो रही हो, वो इस मंदिर में अगर एक बार आ जाएं, तो संतान की प्राप्ति हो जाती है.

चंदेल शासकों ने बनवाया मंदिर

खजुराहो में भगवान शिव के अनेकों मंदिर मौजूद हैं, जिन्हें चंदेल शासकों के द्वारा बनाया गया था. इन मंदिरों में से एक मंदिर ऐसा है, जो अपने आप में सबसे अलग है और ऐसा माना जाता है कि, ये मंदिर आदिशक्ति माता पार्वती का है. माना जाता है कि, राजा प्रतापेश्वर और उनके वंशज इन्हीं देवी की आज्ञा के अनुसार शासन करते थे. ये मंदिर केवल नवरात्रों के समय खुलता है, बाकी के पूरे साल बंद रहता है, यह मंदिर पश्चिमी समूह मंदिरों के अंदर मौजूद है.

शिव के साथ का महत्व

पर्यटन विद डॉ. सुमित प्रकाश जैन बताते हैं कि, यह मंदिर अपने आप में अद्भुत और भव्य है. इस मंदिर की उपस्थिति ये बताती है कि, खजुराहो में वैसे तो कई भगवान शिव के मंदिर हैं, लेकिन इस मंदिर की उपस्थिति ये दर्शाती है कि, भगवान शिव के साथ शक्ति का कितना महत्व है. पूरे खजुराहो में अगर देवी मंदिरों की बात की जाए तो, हजारों वर्ष पुराने मंदिरों के साथ का ये एकमात्र ऐसा मंदिर है, जो देवी का है. जो ये दर्शाता है कि, भगवान शिव शक्ति के बिना अधूरे हैं, यही वजह है कि, पूरे खजुराहो में हजारों वर्ष पुराना मां जगदंबा का एकमात्र यह मंदिर मौजूद है.

छतरपुर। वैसे तो खजुराहो के मंदिर अपनी कामुक कलाकृतियों के लिए जाने जाते हैं, ज्यादातर खजुराहो में भगवान शिव के मंदिर हैं, इन तमाम मंदिरों के अलावा एक ऐसा मंदिर भी मौजूद है. जिसे लोग मां जगदंबा मंदिर के नाम से जानते हैं. ये मंदिर अपने आप में सबसे अनोखा है.

सिर्फ नवरात्रि में खुलता है ये मंदिर

इस मंदिर की खासियत ये है कि, ये मंदिर केवल नवरात्रि में ही खुलता है, बाकी के समय यहां ताला लगा रहता है. मंदिर के पीछे कई किवदंतियां और कहानियां प्रचलित हैं, इस मंदिर से जुड़ा एक ऐसा पहलू है, जिसकी वजह से लोग दूर- दूर से दर्शन करने के लिए आते हैं. ऐसा माना जाता है कि, जिन दंपत्ति को संतान सुख की प्राप्ति ना हो रही हो, वो इस मंदिर में अगर एक बार आ जाएं, तो संतान की प्राप्ति हो जाती है.

चंदेल शासकों ने बनवाया मंदिर

खजुराहो में भगवान शिव के अनेकों मंदिर मौजूद हैं, जिन्हें चंदेल शासकों के द्वारा बनाया गया था. इन मंदिरों में से एक मंदिर ऐसा है, जो अपने आप में सबसे अलग है और ऐसा माना जाता है कि, ये मंदिर आदिशक्ति माता पार्वती का है. माना जाता है कि, राजा प्रतापेश्वर और उनके वंशज इन्हीं देवी की आज्ञा के अनुसार शासन करते थे. ये मंदिर केवल नवरात्रों के समय खुलता है, बाकी के पूरे साल बंद रहता है, यह मंदिर पश्चिमी समूह मंदिरों के अंदर मौजूद है.

शिव के साथ का महत्व

पर्यटन विद डॉ. सुमित प्रकाश जैन बताते हैं कि, यह मंदिर अपने आप में अद्भुत और भव्य है. इस मंदिर की उपस्थिति ये बताती है कि, खजुराहो में वैसे तो कई भगवान शिव के मंदिर हैं, लेकिन इस मंदिर की उपस्थिति ये दर्शाती है कि, भगवान शिव के साथ शक्ति का कितना महत्व है. पूरे खजुराहो में अगर देवी मंदिरों की बात की जाए तो, हजारों वर्ष पुराने मंदिरों के साथ का ये एकमात्र ऐसा मंदिर है, जो देवी का है. जो ये दर्शाता है कि, भगवान शिव शक्ति के बिना अधूरे हैं, यही वजह है कि, पूरे खजुराहो में हजारों वर्ष पुराना मां जगदंबा का एकमात्र यह मंदिर मौजूद है.

Last Updated : Oct 7, 2022, 6:49 PM IST
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