छतरपुर। गौरिहार में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिसके बाद सवाल उठने लगे हैं. गौरिहार निवासी 80 वर्षीय बुजुर्ग रामप्यारी पटेल महीनों से अस्पताल तक नहीं गईं और न ही कोरोना का उन्होंने सैंपल दिया और न ही कभी जांच कराई. इसके बावजूद कोरोना पॉजिटिव (80 year old woman found covid positive without test) बताकर प्रशासन ने उनके घर पर कंटेनमेंट एरिया का बैनर लगा दिया है, बुजुर्ग महिला को किसी तरह के लक्षण तक नहीं हैं.
बिना जांच घर के बाहर लगा कंटेनमेंट जोन का बैनर
बुजुर्ग रामप्यारी बताती हैं कि पिछले 5 महीनों से वह न तो अस्पताल गई हैं और न ही किसी प्रकार की कोई जांच कराई हैं, जबकि स्वास्थ्य विभाग की सरकारी सूची कहती है कि रामप्यारी पटेल 5 जनवरी को गौरिहार स्वास्थ्य केंद्र गई थीं और उनका कोविड-19 का सैंपल लिया गया था, सैंपल की जांच में पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद उनके घर को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है.
5 माह पहले चश्मा बनवाने अस्पताल गई थी बुजुर्ग
महिला गौरिहार में एक कच्चे मकान में रहती हैं, उसका कहना है कि जब वह सोकर जगीं तो देखा कि लोगों ने उससे बात करना बंद कर दिया, कोई उनके नजदीक भी नहीं आ रहा था, आसपास कुछ पोस्टर लगे थे. लोगों से पूछने पर पता चला कि उसको कोरोना हुआ है. वह 5 माह पहले आंखों के चश्मे के लिए अस्पताल गई थीं. रामप्यारी पटेल को कानों से कम सुनाई देता है, इसलिए कई बार पूछने पर वह सिर्फ एक ही जवाब दे रही थी कि उन्हें कोई बीमारी नहीं है.
बिना जांच कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट की होगी जांच
गौरिहार ब्लॉक के मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर एस प्रजापति ने कहा कि उन्होंने न सिर्फ स्टाफ को फटकार लगाई है, बल्कि जांच के आदेश भी दिए हैं. इस तरह की लापरवाही कहां और किसके द्वारा की गई है, जांच होने के बाद कार्रवाई की जाएगी. संबंधित मामले में भले ही स्वास्थ्य विभाग सफाई दे रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग खुद सवालों के घेरे में है. आखिर कैसे और कहां से बुजुर्ग महिला का सैंपल और डिटेल मिला, जिसके आधार पर उसे संक्रमित बता दिया.