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सपने में आकर भगवान ने किसान को दिए दर्शन, जानें क्या है इस मंदिर का रहस्य

छतरपुर की बिजावर तहसील में हनुमान जी का एक ऐसा मंदिर है, जिसकी किवदंतिया आज भी आसपास के इलाकों में चर्चा का विषय है.

22 years old hanuman temple
भगवान हनुमान मंदिर
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Published : Jul 16, 2020, 10:52 AM IST

छतरपुर। बिजावर तहसील से 7 किलोमीटर दूर पाली गांव में एक ऐसा हुनमान मंदिर है, जहां कि कहानियां क्षेत्र में हमेशा से चर्चा का विषय रही हैं. इस मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति के अलावा भोलेनाथ की भी मूर्ति विराजमान है. स्थानीय लोग बताते हैं कि, यहां आने वाले हर एक भक्त की मनोकामना पूरी होती है.

भगवान हनुमान मंदिर

22 साल पहले हुई मंदिर की स्थापना

ग्रामीण बताते हैं कि, इस मंदिर की स्थापना 22 साल पहले साल 1998 में बिजावर विधानसभा क्षेत्र के पाली गांव में की गई थी. यहां रहने वाले एक किसान राजू अहिरवार को एक सपना आया था. जिसमें भगवान हनुमान ने किसान राजू को खेत से मूर्ति बाहर निकालने की बात कही थी. ये सपना देख राजू अहिरवार ने अपने परिवार को इस सपने के बारे में बताया, जिसे सुन उसके परिवारवालों ने एक सपना समझकर भूल जाने की बात कही.

22 years old hanuman temple
भगवान हनुमान

अगले कई दिन तक राजू को यही सपना बार-बार आता रहा, जिसके बाद उसने खुद ही अपने खेत में जाकर खुदाई शुरू कर दी. देखते ही देखते राजू ने पांच फीट की खुदाई कर दी, जहां उसे हनुमान जी की मूर्ति मिली. मूर्ति मिलने की खबर आग की तरह पूरे गांव में फैल गई, जिसके बाद पूरा गांव इकट्ठा हुआ और सबने मिलकर खुदाई की. आगे की खुदाई के दौरान भोलेनाथ की थी एक मूर्ति मिली. खुदाई करने पर बहुत प्राचीन सीढ़ियों वाला कुआं मिला, जिसे ग्रामीण बैहर कहते हैं.

22 years old hanuman temple
प्राचीन सीढ़ीयों वाला कुआं

ये भी पढ़ें- एक ही परिवार के 2 बच्चों सहित 6 की हत्या, एक आरोपी को भीड़ ने मार गिराया

मूर्तियों के मिलने के बाद राजू को फिर सपना आया, जिसमें कहा गया था कि, पाली गांव के कैथोरा धाम पर मंदिर का निर्माण कराया जाए, जिसके बाद आसपास के लोगों ने पैसा इकट्ठा कर मंदिर निर्माण कराया. इस मंदिर की किवदंती की चर्चा आज भी आसपास के इलाकों में खूब होती है.

छतरपुर। बिजावर तहसील से 7 किलोमीटर दूर पाली गांव में एक ऐसा हुनमान मंदिर है, जहां कि कहानियां क्षेत्र में हमेशा से चर्चा का विषय रही हैं. इस मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति के अलावा भोलेनाथ की भी मूर्ति विराजमान है. स्थानीय लोग बताते हैं कि, यहां आने वाले हर एक भक्त की मनोकामना पूरी होती है.

भगवान हनुमान मंदिर

22 साल पहले हुई मंदिर की स्थापना

ग्रामीण बताते हैं कि, इस मंदिर की स्थापना 22 साल पहले साल 1998 में बिजावर विधानसभा क्षेत्र के पाली गांव में की गई थी. यहां रहने वाले एक किसान राजू अहिरवार को एक सपना आया था. जिसमें भगवान हनुमान ने किसान राजू को खेत से मूर्ति बाहर निकालने की बात कही थी. ये सपना देख राजू अहिरवार ने अपने परिवार को इस सपने के बारे में बताया, जिसे सुन उसके परिवारवालों ने एक सपना समझकर भूल जाने की बात कही.

22 years old hanuman temple
भगवान हनुमान

अगले कई दिन तक राजू को यही सपना बार-बार आता रहा, जिसके बाद उसने खुद ही अपने खेत में जाकर खुदाई शुरू कर दी. देखते ही देखते राजू ने पांच फीट की खुदाई कर दी, जहां उसे हनुमान जी की मूर्ति मिली. मूर्ति मिलने की खबर आग की तरह पूरे गांव में फैल गई, जिसके बाद पूरा गांव इकट्ठा हुआ और सबने मिलकर खुदाई की. आगे की खुदाई के दौरान भोलेनाथ की थी एक मूर्ति मिली. खुदाई करने पर बहुत प्राचीन सीढ़ियों वाला कुआं मिला, जिसे ग्रामीण बैहर कहते हैं.

22 years old hanuman temple
प्राचीन सीढ़ीयों वाला कुआं

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मूर्तियों के मिलने के बाद राजू को फिर सपना आया, जिसमें कहा गया था कि, पाली गांव के कैथोरा धाम पर मंदिर का निर्माण कराया जाए, जिसके बाद आसपास के लोगों ने पैसा इकट्ठा कर मंदिर निर्माण कराया. इस मंदिर की किवदंती की चर्चा आज भी आसपास के इलाकों में खूब होती है.

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