ETV Bharat / state

जन्म देते ही जिसे मां ने मंदिर में छोड़ा उसे मिला 19 मांओं का प्यार, नाम रखा डॉ. नैना - nurses nourishing eight month baby as mother

जिस मां ने जन्म देने के बाद अपनी नवजात बेटी को मरने के लिए छोड़ दिया था, आज उस नवजात बच्ची को 19 मांओं के आंचल में प्यार-दुलार मिल रहा है. पढ़ें पूरी खबर.

nurses nourishing eight month baby as mother
19 मांओं के आंचल में मिल रहा प्यार-दुलार
author img

By

Published : Sep 25, 2020, 1:08 PM IST

Updated : Sep 25, 2020, 2:19 PM IST

छतरपुर। कहते हैं जन्म देने वाली से ज्यादा पालने वाली मां का दर्जा बड़ा होता है. कुछ ऐसा ही छतरपुर जिले के जिला अस्पताल में देखने को मिल रहा है, जहां 8 महीने पहले एक लावारिस नवजात बच्ची को पुलिस के हवाले से जिला अस्पताल के SNCU (सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट) वार्ड में भर्ती किया गया था. बच्ची जिस समय वार्ड में भर्ती की गई थी, उसकी हालत बेहद नाजुक थी, लेकिन SNCU वार्ड की नर्सों और डॉक्टरों ने न सिर्फ बच्ची की जान बचाई बल्कि अब उसे पिछले 8 महीनों से अपनी बेटी की तरह पाल-पोस भी रहे हैं.

19 मांओं का प्यार

चीटियों में लिपटी मिली थी नवजात

आज से ठीक 8 महीने पहले एक नवजात बच्ची मंदिर में पड़ी हुई थी. रोने की आवाज सुनने पर आसपास के लोग एकत्र हो गए और पुलिस को नवजात के बारे में सूचना दी. जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने देखा कि ठंड के मौसम में बच्ची बेहद नाजुक स्थिति में थी. उसके बदन पर चीटियां लगी हुई थी, लेकिन कहते हैं कि मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्ची को कब्जे में लिया और उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल के SNCU वार्ड में भर्ती करा दिया.

अपनी बच्ची की तरह पाल रहे डॉक्टर-नर्स

वार्ड में ज्यादातर महिला नर्स काम करती हैं, जिनकी संख्या करीब 18 से 19 हैं. इस वार्ड के प्रभारी डॉ ऋषि द्विवेदी ही बच्ची का इलाज करते हैं. वहीं इलाज करते- करते इन तमाम नर्सों और डॉक्टर का दिल बच्ची पर कुछ इस तरह आ गया कि उन्होंने मिलकर इस बच्ची को गोद ले लिया. भले ही औपचारिक रूप से इस बच्ची को गोद नहीं लिया गया हो लेकिन पिछले 8 महीनों से इस बच्ची को वार्ड की नर्स और डॉ ऋषि द्विवेदी ही अपनी बच्ची की तरह पाल-पोस रहे हैं.

nurses nourishing eight month baby as mother
19 मांओं के आंचल में मिल रहा प्यार-दुलार

नैना रखा नाम

बच्ची अब करीब 8 महीने की हो गई है और वह बेहद स्वस्थ और खूबसूरत है. वार्ड में रहते-रहते नर्सों ने बच्ची का नाम भी रख दिया है. अब सभी नर्स उसे डॉक्टर नैना के नाम से बुलाती हैं तो वहीं 8 साल की नैना भी नर्सों की बातों की प्रतिक्रिया देने लगी है.

ये भी पढ़ें- कोरोना संक्रमित महिला की मौत, परिजन ने अस्पताल पर लगाया लापरवाही का आरोप

डॉक्टर नैना कहकर पुकारता है पूरा स्टाफ

वार्ड में ही ड्यूटी करने वाली नर्स गीता सेन का कहना है कि बच्ची की आंखें बहुत प्यारी हैं, इसलिए हम सब ने मिलकर उसका नाम नैना रखा. हम सभी चाहते हैं कि नैना बड़े होकर डॉक्टर बने और लोगों की सेवा करे. रोज सुबह जब भी डॉ. ऋषि द्विवेदी या नर्स बच्ची के पास पहुंचती हैं तो उसके गले में स्टैथोस्कोप डाल देते हैं और सभी उसे डॉक्टर नैना कहकर बुलाते हैं.

सबका है अनोखा रिश्ता

बच्चे की देखभाल करने वाली एक और नर्स गायत्री रैकवार बताती हैं कि बच्ची का खाने-पीने से लेकर कपड़े पहनना और उसके ख्याल रखने की जिम्मेदारी हम सभी लोग मिलकर उठाते हैं. बच्ची हमारे लिए एक परिवार का हिस्सा है और यहां काम करने वाली हर एक नर्स का उससे कोई ना कोई रिश्ता है. कोई उसे अपनी बेटी मानता है तो कोई उससे खुद को मासी कहलवाता है. इसके अलावा कोई उसे अपनी छोटी बहन की तरह प्यार करता है.

छतरपुर। कहते हैं जन्म देने वाली से ज्यादा पालने वाली मां का दर्जा बड़ा होता है. कुछ ऐसा ही छतरपुर जिले के जिला अस्पताल में देखने को मिल रहा है, जहां 8 महीने पहले एक लावारिस नवजात बच्ची को पुलिस के हवाले से जिला अस्पताल के SNCU (सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट) वार्ड में भर्ती किया गया था. बच्ची जिस समय वार्ड में भर्ती की गई थी, उसकी हालत बेहद नाजुक थी, लेकिन SNCU वार्ड की नर्सों और डॉक्टरों ने न सिर्फ बच्ची की जान बचाई बल्कि अब उसे पिछले 8 महीनों से अपनी बेटी की तरह पाल-पोस भी रहे हैं.

19 मांओं का प्यार

चीटियों में लिपटी मिली थी नवजात

आज से ठीक 8 महीने पहले एक नवजात बच्ची मंदिर में पड़ी हुई थी. रोने की आवाज सुनने पर आसपास के लोग एकत्र हो गए और पुलिस को नवजात के बारे में सूचना दी. जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने देखा कि ठंड के मौसम में बच्ची बेहद नाजुक स्थिति में थी. उसके बदन पर चीटियां लगी हुई थी, लेकिन कहते हैं कि मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्ची को कब्जे में लिया और उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल के SNCU वार्ड में भर्ती करा दिया.

अपनी बच्ची की तरह पाल रहे डॉक्टर-नर्स

वार्ड में ज्यादातर महिला नर्स काम करती हैं, जिनकी संख्या करीब 18 से 19 हैं. इस वार्ड के प्रभारी डॉ ऋषि द्विवेदी ही बच्ची का इलाज करते हैं. वहीं इलाज करते- करते इन तमाम नर्सों और डॉक्टर का दिल बच्ची पर कुछ इस तरह आ गया कि उन्होंने मिलकर इस बच्ची को गोद ले लिया. भले ही औपचारिक रूप से इस बच्ची को गोद नहीं लिया गया हो लेकिन पिछले 8 महीनों से इस बच्ची को वार्ड की नर्स और डॉ ऋषि द्विवेदी ही अपनी बच्ची की तरह पाल-पोस रहे हैं.

nurses nourishing eight month baby as mother
19 मांओं के आंचल में मिल रहा प्यार-दुलार

नैना रखा नाम

बच्ची अब करीब 8 महीने की हो गई है और वह बेहद स्वस्थ और खूबसूरत है. वार्ड में रहते-रहते नर्सों ने बच्ची का नाम भी रख दिया है. अब सभी नर्स उसे डॉक्टर नैना के नाम से बुलाती हैं तो वहीं 8 साल की नैना भी नर्सों की बातों की प्रतिक्रिया देने लगी है.

ये भी पढ़ें- कोरोना संक्रमित महिला की मौत, परिजन ने अस्पताल पर लगाया लापरवाही का आरोप

डॉक्टर नैना कहकर पुकारता है पूरा स्टाफ

वार्ड में ही ड्यूटी करने वाली नर्स गीता सेन का कहना है कि बच्ची की आंखें बहुत प्यारी हैं, इसलिए हम सब ने मिलकर उसका नाम नैना रखा. हम सभी चाहते हैं कि नैना बड़े होकर डॉक्टर बने और लोगों की सेवा करे. रोज सुबह जब भी डॉ. ऋषि द्विवेदी या नर्स बच्ची के पास पहुंचती हैं तो उसके गले में स्टैथोस्कोप डाल देते हैं और सभी उसे डॉक्टर नैना कहकर बुलाते हैं.

सबका है अनोखा रिश्ता

बच्चे की देखभाल करने वाली एक और नर्स गायत्री रैकवार बताती हैं कि बच्ची का खाने-पीने से लेकर कपड़े पहनना और उसके ख्याल रखने की जिम्मेदारी हम सभी लोग मिलकर उठाते हैं. बच्ची हमारे लिए एक परिवार का हिस्सा है और यहां काम करने वाली हर एक नर्स का उससे कोई ना कोई रिश्ता है. कोई उसे अपनी बेटी मानता है तो कोई उससे खुद को मासी कहलवाता है. इसके अलावा कोई उसे अपनी छोटी बहन की तरह प्यार करता है.

Last Updated : Sep 25, 2020, 2:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.