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102 साल की कार सेवक हरबी बाई ने ईटीवी भारत से साझा की राम मंदिर आंदोलन की यादें - छतरपुर न्यूज

आज अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास होने वाला है. ईटीवी भारत पर राम मंदिर आंदोलन में हिस्सा लेने वाली 102 साल की हरबी बाई आंदोलन से जुड़ी यादें साझा की.

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सबसे बुजुर्ग कारसेवक ने साझा किए अनुभव
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Published : Aug 5, 2020, 8:54 AM IST

छतरपुर। राम भक्तों का सालों का इंतजार अब खत्म होने वाला है. अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए आज भूमि पूजन होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर का शिलान्यास करेंगे, लेकिन इस खुशी के लिए सैकड़ों कारसेवकों और रामभक्तों ने लंबी लड़ाई लड़ी है, कितनों ने बलिदान तक दिया है. मंदिर के लिए करोड़ों लोगों ने आंदोलन किए और गोलियां खाई. ऐसी ही एक कारसेवक हैं खजुराहो निवासी 102 साल की हरबी बाई. जिनके जहन में आज भी आंदोलन की यादें जिंदा हैं.

सबसे बुजुर्ग कारसेवक ने साझा किए अनुभव

102 साल की हरबी बाई एक ऐसी कार सेवक हैं, जो इस समय शायद सबसे बुजुर्ग कारसेवकों में से एक हैं. हरबी बाई बताती हैं कि उन्हें इस बात की बेहद खुशी है. सालों के संघर्ष के बाद आज अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास होना है. जिसको लेकर सभी जनमानस में बेहद खुशी है. वैसे तो हरबी बाई बहुत उम्र दराज हो चुकी हैं. उनकी याददाश्त भी कमजोर हो चुकी है, लेकिन राम मंदिर आंदोलन की बात जैसे ही आती है. हरबी बाई खुश हो जाती हैं. पुराने दिनों को याद करते हुए वह बताती हैं कि 1992 की उस घटना को वह कभी नहीं भूल सकती. जब हजारों की संख्या में लोग उमा भारती के साथ गए थे और विवादित ढांचे को तोड़कर सरयू नदी में फेंक दिया था.

'लाठी गोली खाएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे, रामलला हम फिर आएंगे' इसी नारे को याद करते हुए हरबी बाई ने कहा कि हजारों लोगों ने एक साथ गिरफ्तारी दी थी, कई लोगों को जेल भेजा गया तो कई लोगों को जंगल में छोड़ दिया गया था. लेकिन वह दिन भी एक ऐतिहासिक दिन था. उनका कहना है कि आज अयोध्या में राम मंदिर के लिए होने वाले भूमि पूजन की खुशी में वे अपने घर पर भी दिए जलाएंगी और आसपास के लोगों को भी दीपक जलाने के लिए कहेंगी. खजुराहो में हरबी बाई चाय की दुकान चलाती हैं, उनकी उम्र 102 साल की है, बावजूद इसके वह अपने खर्च के लिए किसी पर भी आश्रित नहीं हैं. इससे पहले भी कई बॉलीवुड कलाकार उनकी फोटो वीडियो अपने अपने टि्वटर अकाउंट और फेसबुक पर शेयर कर चुके हैं. खजुराहो के लोग उन्हें आज भी नेताजी कहकर बुलाते हैं.

छतरपुर। राम भक्तों का सालों का इंतजार अब खत्म होने वाला है. अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए आज भूमि पूजन होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर का शिलान्यास करेंगे, लेकिन इस खुशी के लिए सैकड़ों कारसेवकों और रामभक्तों ने लंबी लड़ाई लड़ी है, कितनों ने बलिदान तक दिया है. मंदिर के लिए करोड़ों लोगों ने आंदोलन किए और गोलियां खाई. ऐसी ही एक कारसेवक हैं खजुराहो निवासी 102 साल की हरबी बाई. जिनके जहन में आज भी आंदोलन की यादें जिंदा हैं.

सबसे बुजुर्ग कारसेवक ने साझा किए अनुभव

102 साल की हरबी बाई एक ऐसी कार सेवक हैं, जो इस समय शायद सबसे बुजुर्ग कारसेवकों में से एक हैं. हरबी बाई बताती हैं कि उन्हें इस बात की बेहद खुशी है. सालों के संघर्ष के बाद आज अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास होना है. जिसको लेकर सभी जनमानस में बेहद खुशी है. वैसे तो हरबी बाई बहुत उम्र दराज हो चुकी हैं. उनकी याददाश्त भी कमजोर हो चुकी है, लेकिन राम मंदिर आंदोलन की बात जैसे ही आती है. हरबी बाई खुश हो जाती हैं. पुराने दिनों को याद करते हुए वह बताती हैं कि 1992 की उस घटना को वह कभी नहीं भूल सकती. जब हजारों की संख्या में लोग उमा भारती के साथ गए थे और विवादित ढांचे को तोड़कर सरयू नदी में फेंक दिया था.

'लाठी गोली खाएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे, रामलला हम फिर आएंगे' इसी नारे को याद करते हुए हरबी बाई ने कहा कि हजारों लोगों ने एक साथ गिरफ्तारी दी थी, कई लोगों को जेल भेजा गया तो कई लोगों को जंगल में छोड़ दिया गया था. लेकिन वह दिन भी एक ऐतिहासिक दिन था. उनका कहना है कि आज अयोध्या में राम मंदिर के लिए होने वाले भूमि पूजन की खुशी में वे अपने घर पर भी दिए जलाएंगी और आसपास के लोगों को भी दीपक जलाने के लिए कहेंगी. खजुराहो में हरबी बाई चाय की दुकान चलाती हैं, उनकी उम्र 102 साल की है, बावजूद इसके वह अपने खर्च के लिए किसी पर भी आश्रित नहीं हैं. इससे पहले भी कई बॉलीवुड कलाकार उनकी फोटो वीडियो अपने अपने टि्वटर अकाउंट और फेसबुक पर शेयर कर चुके हैं. खजुराहो के लोग उन्हें आज भी नेताजी कहकर बुलाते हैं.

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