भोपाल। वक्त और तकनीक के साथ चुनाव प्रचार का तरीका भी बदलता जा रहा है. अबकी बार सियासी दलों ने प्रचार के अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं. एक तरफ जहां प्रत्याशियों के बीच जमीन पर टक्कर दिखाई दे रही है, वहीं दूसरी तरफ इन प्रत्याशियों के बीच ट्क्कर मोबाइल गेम और डिजिटल प्लेटफॉर्म में भी तेजी से देखने को मिल रही है. चुनावी समर में कई मोबाइल गेम लांच किए गए हैं, जिसमें कहीं मोदी फॉर इंडिया है, तो कहीं क्रिकेट की पिच पर मोदी-राहुल के बीच बैटिंग की प्रतिस्पर्धा दिखाई जा रही है.
इस बार के चुनाव में पहली बार मतदान करने वाले युवाओं की संख्या ज्यादा है. ऐसे में इन वोटरों को लुभाने के लिये सोशल मीडिया का सहारा लिया ही जा रहा है, जबकि मोबाइल गेम्स के जरिए भी इन्हें लुभाने की पूरी कोशिश की जा रही है. खास बात ये है कि राजनीति से जुड़े जो गेम्स लांच किए गए हैं, उनमें युवाओं की रूचि भी देखने को मिल रही है. यही वजह है कि कारोबारी नजरिए से भी इस तरह के मोबाइल गेम्स को लांच किया गया है.
बीजेपी प्रवक्ता महेश शर्मा का कहना है कि लोकसभा चुनाव का समय चल रहा है और ये चुनाव देश का सबसे बड़ा चुनाव है क्योंकि इस चुनाव के बाद केंद्र की सरकार तय होती है, इस दौरान व्यावसायिक गतिविधियां करने वाले लोग या व्यापारी भी लगातार सक्रिय रहते हैं. संचार क्रांति का दौर है तो निश्चित रूप से इस तरह के मोबाइल गेम उन लोगों द्वारा बनाए जा रहे हैं. जिससे युवा बेहद आकर्षित होते हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता स्वदेश शर्मा कहते हैं कि आज डिजिटल इंडिया का दौर है और हर व्यक्ति अपने दिमाग और व्यापार से पैसा कमाना चाहता है. इसलिए चुनाव के माहौल में इस तरह के वीडियो गेम्स बनाए गए हैं. इस तरह के गेम से उनका व्यवसाय बढ़ता है, लेकिन ऐसे गेम से चुनाव पर किसी भी प्रकार का प्रभाव न पहले पड़ता था और न ही कभी पड़ने वाला है.