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लोकसभा चुनावः युवा वोटरों को रिझाने का ये तरीका कहीं बदल न दे सियासी समीकरण

चुनावी समर में कई मोबाइल गेम लांच किए गए हैं, जिनका युवाओं में अच्छा प्रभाव दिख रहा है. इन गेम्स कही मोदी-राहुल में बैटिंग की प्रतिस्पर्धा दिखाई जा रही हैं. तो कुछ गेम्स बीजेपी-कांग्रेस के नाम से भी बनाए गए हैं.

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Published : May 10, 2019, 6:36 PM IST

मोदी-राहुल मोबाइल गेम्स से प्रभावित हो रहे लोग

भोपाल। वक्त और तकनीक के साथ चुनाव प्रचार का तरीका भी बदलता जा रहा है. अबकी बार सियासी दलों ने प्रचार के अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं. एक तरफ जहां प्रत्याशियों के बीच जमीन पर टक्कर दिखाई दे रही है, वहीं दूसरी तरफ इन प्रत्याशियों के बीच ट्क्कर मोबाइल गेम और डिजिटल प्लेटफॉर्म में भी तेजी से देखने को मिल रही है. चुनावी समर में कई मोबाइल गेम लांच किए गए हैं, जिसमें कहीं मोदी फॉर इंडिया है, तो कहीं क्रिकेट की पिच पर मोदी-राहुल के बीच बैटिंग की प्रतिस्पर्धा दिखाई जा रही है.

इस बार के चुनाव में पहली बार मतदान करने वाले युवाओं की संख्या ज्यादा है. ऐसे में इन वोटरों को लुभाने के लिये सोशल मीडिया का सहारा लिया ही जा रहा है, जबकि मोबाइल गेम्स के जरिए भी इन्हें लुभाने की पूरी कोशिश की जा रही है. खास बात ये है कि राजनीति से जुड़े जो गेम्स लांच किए गए हैं, उनमें युवाओं की रूचि भी देखने को मिल रही है. यही वजह है कि कारोबारी नजरिए से भी इस तरह के मोबाइल गेम्स को लांच किया गया है.

चुनावी समर में मोदी-राहुल के मोबाइल गेम्स की धूम

बीजेपी प्रवक्ता महेश शर्मा का कहना है कि लोकसभा चुनाव का समय चल रहा है और ये चुनाव देश का सबसे बड़ा चुनाव है क्योंकि इस चुनाव के बाद केंद्र की सरकार तय होती है, इस दौरान व्यावसायिक गतिविधियां करने वाले लोग या व्यापारी भी लगातार सक्रिय रहते हैं. संचार क्रांति का दौर है तो निश्चित रूप से इस तरह के मोबाइल गेम उन लोगों द्वारा बनाए जा रहे हैं. जिससे युवा बेहद आकर्षित होते हैं.

कांग्रेस प्रवक्ता स्वदेश शर्मा कहते हैं कि आज डिजिटल इंडिया का दौर है और हर व्यक्ति अपने दिमाग और व्यापार से पैसा कमाना चाहता है. इसलिए चुनाव के माहौल में इस तरह के वीडियो गेम्स बनाए गए हैं. इस तरह के गेम से उनका व्यवसाय बढ़ता है, लेकिन ऐसे गेम से चुनाव पर किसी भी प्रकार का प्रभाव न पहले पड़ता था और न ही कभी पड़ने वाला है.

भोपाल। वक्त और तकनीक के साथ चुनाव प्रचार का तरीका भी बदलता जा रहा है. अबकी बार सियासी दलों ने प्रचार के अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं. एक तरफ जहां प्रत्याशियों के बीच जमीन पर टक्कर दिखाई दे रही है, वहीं दूसरी तरफ इन प्रत्याशियों के बीच ट्क्कर मोबाइल गेम और डिजिटल प्लेटफॉर्म में भी तेजी से देखने को मिल रही है. चुनावी समर में कई मोबाइल गेम लांच किए गए हैं, जिसमें कहीं मोदी फॉर इंडिया है, तो कहीं क्रिकेट की पिच पर मोदी-राहुल के बीच बैटिंग की प्रतिस्पर्धा दिखाई जा रही है.

इस बार के चुनाव में पहली बार मतदान करने वाले युवाओं की संख्या ज्यादा है. ऐसे में इन वोटरों को लुभाने के लिये सोशल मीडिया का सहारा लिया ही जा रहा है, जबकि मोबाइल गेम्स के जरिए भी इन्हें लुभाने की पूरी कोशिश की जा रही है. खास बात ये है कि राजनीति से जुड़े जो गेम्स लांच किए गए हैं, उनमें युवाओं की रूचि भी देखने को मिल रही है. यही वजह है कि कारोबारी नजरिए से भी इस तरह के मोबाइल गेम्स को लांच किया गया है.

चुनावी समर में मोदी-राहुल के मोबाइल गेम्स की धूम

बीजेपी प्रवक्ता महेश शर्मा का कहना है कि लोकसभा चुनाव का समय चल रहा है और ये चुनाव देश का सबसे बड़ा चुनाव है क्योंकि इस चुनाव के बाद केंद्र की सरकार तय होती है, इस दौरान व्यावसायिक गतिविधियां करने वाले लोग या व्यापारी भी लगातार सक्रिय रहते हैं. संचार क्रांति का दौर है तो निश्चित रूप से इस तरह के मोबाइल गेम उन लोगों द्वारा बनाए जा रहे हैं. जिससे युवा बेहद आकर्षित होते हैं.

कांग्रेस प्रवक्ता स्वदेश शर्मा कहते हैं कि आज डिजिटल इंडिया का दौर है और हर व्यक्ति अपने दिमाग और व्यापार से पैसा कमाना चाहता है. इसलिए चुनाव के माहौल में इस तरह के वीडियो गेम्स बनाए गए हैं. इस तरह के गेम से उनका व्यवसाय बढ़ता है, लेकिन ऐसे गेम से चुनाव पर किसी भी प्रकार का प्रभाव न पहले पड़ता था और न ही कभी पड़ने वाला है.

Intro: (स्पेशल स्टोरी इलेक्शन )

युवा वोटर को लुभाने के लिए चढ़ रहा है मोबाइल गेम पर सियासी रंग


भोपाल | लोकसभा चुनाव में युवा वोटरों को लुभाने के लिए भाजपा कांग्रेस की चुनावी टककर मोबाइल गेम के रूप में भी दिखाई देने लगी है यह गेम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्सेस कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को फोकस कर लॉन्च किए गए हैं इसमें कहीं मोदी फॉर इंडिया है तो कहीं क्रिकेट की पिच पर मोदी व राहुल की बैटिंग प्रतिस्पर्धा दिखाई जा रही है इनमें से ज्यादातर मोबाइल गेम कुछ ही समय में लॉन्च किए गए हैं ताकि इलेक्शन फीवर को कारोबारी नजरिए से भी बुलाया जा सके


Body:लोकसभा चुनाव में इस बार युवाओं पर भी काफी बड़ी ही जवाबदारी है क्योंकि कई युवा ऐसे हैं जो 18 से 19 वर्ष के हो चुके हैं और उन्होंने प्रथम बार मतदान किया है और कुछ मतदान करने जा रहे हैं ऐसी स्थिति में आज इस तरह के मोबाइल गेम भी युवाओं को बेहद पसंद आ रहे हैं क्योंकि इस समय मोबाइल गेम का क्रेज काफी बढ़ गया है और हर युवा कुछ नए तरह के गेम खेलने के लिए उत्साहित रहता है यही वजह है कि कारोबारी नजरिए से भी इस तरह के मोबाइल गेम को लांच किया गया है हालांकि यह मोबाइल गेम लोगों में पसंद भी किए जा रहे हैं .


अभी तक कई तरह के गेम लॉन्च किए जा चुके हैं जिसमें प्रमुख रूप से मोदी रन नाम से गेम लॉन्च किया गया है इसमें मोदी को रन एंड फ्लाय ऑप्शन के साथ नोटबंदी जीएसटी राफेल महागठबंधन और जॉब की चुनौतियों से निपटना पड़ता है सबसे खतरनाक जोन राफेल और महागठबंधन का बताया गया है अलग-अलग स्टेट के जोन भी इस गेम में आते हैं .


मोदी वर्सेस राहुल इस गेम में पीएम की कुर्सी के लिए मोदी और राहुल के बीच दौड़ होती है यूजर्स मोदी या राहुल में से किसी एक को चुनकर यह गेम खेल सकता है .

मोदी फॉर इंडिया इस गेम में मोदी पर फोकस करके सफारी रन की तर्ज पर इस गेम को डेवलप किया गया है इस गेम में अलग-अलग जोन में कई बाधाएं सामने आती है यह बाधाएं मोदी को दौड़ते हुए पार करना होती है एक बार भी आउट होने पर गेम वापस शुरू से खेलना होता है .


रन मोदी एंड केजरी इस गेम में मोदी और केजरी की प्रतिश प्रताप दिखाई गई है इसमें कुर्सी तक पहुंचने के लिए दोनों की दौड़ दिखाई गई है .


क्रिकेट बैटल पॉलिटिक्स इस गेम में चार टीमों के बीच क्रिकेट मैच होता है मित्रों परिवार पार्टी मफलर पार्टी और वुमन पावर की टीमों को बैटिंग का एक-एक मौका मिलता है यूजर किसी भी टीम को चुन सकता है .


मोदी 3D रन इस गेम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 3D ज़ोन में बताया गया है हाई राइज बिल्डिंगों के बीच दौड़ते हुए मोदी को वोट कलेक्ट करने होते हैं अंत में सर्वाधिक वोट कलेक्ट होने पर जीत मिलती है .




Conclusion:इस तरह के गेम्स को लेकर बीजेपी प्रवक्ता महेश शर्मा का कहना है कि लोकसभा चुनाव का समय चल रहा है और यह चुनाव देश का सबसे बड़ा चुनाव है जो कि इस चुनाव के बाद ही केंद्र की सरकार तय होती है इस दौरान व्यवसायिक गतिविधियां करने वाले लोग या व्यापारी भी लगातार सक्रिय होते हैं अब संचार क्रांति का दौर है तो निश्चित रूप से इस तरह के मोबाइल गेम उन लोगों के द्वारा बनाए जा रहे हैं क्योंकि इन चीजों से आज का युवा बेहद आकर्षित होता है लेकिन यह पूरा काम व्यवसाय कंपनियां के द्वारा ही किया जा रहा है और इस तरह के गेम्स युवाओं पर बेहद प्रभाव डाल रहे हैं .


कांग्रेस प्रवक्ता स्वदेश शर्मा का कहना है कि आज डिजिटल इंडिया का दौर है और हर व्यक्ति अपने दिमाग और व्यापार से पैसा कमाना चाहता है .इसलिए चुनाव के माहौल में इस तरह के वीडियो गेम बनाए गए हैं .इस तरह के गेम से उनका व्यवसाय बढ़ता है लेकिन इस तरह के गेम्स से चुनाव पर किसी भी प्रकार का प्रभाव ना पहले पड़ता था ना ही कभी पड़ने वाला है उन्होंने कहा कि आज युवाओं के पास इतना समय नहीं है कि वह इस तरह के गेम से प्रभावित हो क्योंकि देश के अंदर लगातार बेरोजगारी बढ़ रही है जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि वे युवाओं को रोजगार देंगे लेकिन रोजगार तो नहीं मिल सका लेकिन बेरोजगारी की संख्या जरूर अलबत्ता और ज्यादा बढ़ गई है अब तो युवाओं का उत्थान तभी हो सकता है जब 2019 में कांग्रेस की सरकार केंद्र में आएगी .
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