भोपाल। प्रदेश में मासूम बच्चियों के साथ हुई दुष्कर्म की घटनाओं के बाद बीजेपी ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. राजधानी भोपाल में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में बढ़ रही दुष्कर्म की घटनाओं के विरोध स्वरूप एक सभा का आयोजन किया गया और कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा. शिवराज सिंह चौहान ने कैंडल मार्च भी निकाला.
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में लगातार अराजकता का माहौल बढ़ता जा रहा है, प्रदेश में कानून व्यवस्था कहीं दिखाई नहीं पड़ रही है कांग्रेस सरकार लगातार माहौल बिगाड़ने का काम कर रही है. आज फरियादी की शिकायत थानों में सुनी नहीं जा रही है पुलिस के द्वारा पीड़ित से उल्टे सीधे सवाल करें जा रहे हैं. यहां तक कि राजधानी में जब अपनी बच्ची की खोज करते हुए पीड़ित पिता थाने पहुंचा तो पुलिस कर्मियों ने उसे उल्टा जवाब देते हुए कहा कि कहीं भाग गई होगी यह किस तरह की संवेदनशीलता हमारी पुलिस में दिखाई दे रही है. समझ नहीं आ रहा. इसलिए ऐसे पुलिसवालों को निलंबित किया जाए.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जब प्रदेश में हमारी सरकार थी तब हमने ऐसे दुष्कर्मीयों को फांसी देने का कानून लाया था. जिसके तहत कई अपराधियों को फांसी की सजा हो चुकी है लेकिन किसी ना किसी कानूनी बाधा के कारण फांसी नहीं दी जा सकी है. उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर वे चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखेंगे ताकि अपराधियों को जल्द से जल्द फांसी दी जा सके पूर्व मुख्यमंत्री ने लोगों और बच्चों से भी इस अभियान में जोड़ने का आग्रह करते हुए कहा कि आप लोग भी सोशल मीडिया पर एक अभियान चलाएं जाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि सभी लोग मिलकर देश के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखते हुए इस तरह के अपराधियों को फांसी देने का निवेदन करें. उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोपियों का केस फास्ट ट्रेक कोर्ट में चलाकर आरोपियों तुरंत फांसी दिलाई जाए.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह कैंडल मार्च सामाजिक संगठनों और बच्चों के द्वारा निकाला जा रहा है और हम इसे पूरा सहयोग दे रहे हैं. क्योंकि जो घटनाएं बच्चों के साथ घटित हो रही हैं वह रुकनी चाहिए लगातार बच्चों के साथ दुष्कर्म और हत्या जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं. इस तरह की सभी घटनाओं को रोकना बेहद जरूरी है. यह कैंडल मार्च रोशनपुरा चौराहे से प्रारंभ होकर टीटी नगर थाने के समीप समाप्त हुआ. कैंडल मार्च में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ पूर्व राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता भोपाल महापौर आलोक शर्मा भी मुख्य रूप से मौजूद रहे.