भोपाल। चुनाव से पहले नेताओं की संपत्ति पर भी जनता की नजर रहती है और संपत्ति के ये आंकड़े जनता तक पहुंचाने की जिम्मेदारी एडीआर यानी एसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने अपने कंधों पर ले रखी है. एडीआर की रिपोर्ट पर नज़र डाली जाए तो नेताओं की संपत्ति का ग्राफ तेजी से बढ़ा है.
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 2014 के चुनावी हलफनामे के हिसाब से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की सलाना आय 2 करोड़ रुपये के हिसाब से बढ़ी है, जबकि सतना से सांसद गणेश सिंह की संपत्ति 2014 के चुनावी हलफनामे के अनुसार 413 फीसदी बढ़ी है. पांच साल में सांसद गणेश सिंह की संपत्ति तीन करोड़ चार लाख से ज्यादा बढ़ी है. इसी तरह गुना से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की संपत्ति में 40 लाख रुपये की बढ़ोतरी देखी गई है. जबकि जबलपुर सांसद राकेश सिंह, होशंगाबाद सांसद उदय प्रताप सिंह, बैतूल सांसद ज्योति धुर्वे, इंदौर सांसद सुमित्रा महाजन, ग्वालियर सांसद नरेंद्र सिंह तोमर, टीकमगढ़ सांसद वीरेंद्र खटीक की संपत्ति भी पांच सालों के दौरान 100 से 250 गुना तक बढ़ी है.
संपत्ति की इस दिन दूनी रात चौगनी बढ़ोतरी में विधायक भी सांसदों के कंधे से कंधा मिलाते दिख रहे हैं. रीवा जिले की सिरमौर विधानसभा से विधायक दिव्यराज सिंह की संपत्ति में सबसे ज्यादा 13 सौ गुना बढ़ोतरी हुई है. इसी तरह सीहोर विधायक सुदेश राय की संपत्ति में 564 फीसदी, पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह की संपत्ति में 500 फीसदी, मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी की संपत्ति में 473 फीसदी, महू विधायक उषा ठाकुर की संपत्ति में 429 फीसदी, धार विधायक नीना वर्मा की संपत्ति में 357 फीसदी, नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह पटेल की संपत्ति में 294 फीसदी, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव की संपत्ति में 262 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
नेताओं की इस तरह बढ़ती संपत्ति पर मध्यप्रदेश इलेक्शन वॉच कमीशन ने सवाल उठाया है. इलेक्शन वॉच कमीशन की समन्वयक रोली शिवहरे के मुताबिक कई सांसदों और विधायकों की संपत्ति तो बढ़ती जा रही है, लेकिन वे या तो आयकर रिटर्न भरते ही नहीं हैं या अपने शपथ पत्र में आधी अधूरी जानकारी देते हैं. इस मामले में इलेक्शन वॉच कमीशन ने चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग भी की है. सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती नेताओं की संपत्ति पर मध्यप्रदेश इलेक्शन वॉच कमीशन ने सवाल उठाया है, लेकिन सोचने वाली बात ये है कि इन आंकड़ों पर आयकर विभाग की नजर क्यों नहीं पड़ती.