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ईटीवी भारत की मुहिम पर जागी सरकार, आवाम को जल्द मिलेगा पानी का अधिकार

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Published : Jul 19, 2019, 2:51 PM IST

गर्मी में बूंद-बूंद पानी को लाचार आवाम को पानी दिलाने के लिए ईटीवी भारत आगे आया और जल बिन जीवन की जंग अभियान चलाकर इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया, जिसके बाद प्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे ने ईटीवी भारत को आश्वासन दिया कि जल्द ही हर नागरिक की प्यास बुझाने के लिए राइट टू वाटर बिल लाएंगे.

डिजाइन फोटो

भोपाल। हृदय प्रदेश को नदियों का 'मक्का' कहा जाता है, इन्हीं नदियों की कलकल से बंजर धरती भी अपनी हरियाली पर इतराती थी, लेकिन धीरे-धीरे खत्म होते जल स्रोत नदियों के अस्तित्व के लिए खतरा बन रहे हैं. जिसकी वजह से ज्यादातर नदियां नाले में तब्दील होती जा रही हैं. पिछले महीने तक पूरा प्रदेश पानी की भीषण परेशानी से जूझ रहा था, गांव से लेकर शहर तक सब प्यास से बेहाल थे, तब ईटीवी भारत ने पानी की समस्या को लेकर 'जल बिन जीवन की जंग' मुहिम शुरू की. जिसके बाद प्रशासन की नींद खुली और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे ने 8 जुलाई को ईटीवी भारत को आश्वस्त किया कि जल्द ही हर नागरिक के लिए पानी का कानून बनाएंगे.

जल बिन जीवन की जंग

मंत्री ने जब ईटीवी भारत पर पानी का अधिकार कानून बनाने का आश्वासन दिया, तब जाकर प्रदेश के लोगों ने राहत की सांस ली और उनमें पानी मिलने की आस जगी क्योंकि गर्मी में आवाम की प्यास बुझाने में पीएचई विभाग नाकाम रहा और लोगों को पानी के लिए मीलों तक का सफर तय करना पड़ा, कई क्षेत्र ऐसे भी थे जहां पानी की एक-एक बूंद के लिए लोग तरस रहे थे. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम हर उस क्षेत्र में दस्तक दी, जहां लोग पानी की समस्या का जूझ रहे थे. इसी अभियान के बाद जल संकट वाले क्षेत्रों में तेजी से जल संचय का काम भी शुरू किया गया.

ईटीवी भारत की 'बिन पानी जीवन की जंग' मुहिम के बाद पीएचई मंत्री ने हर नागरिक को पानी का अधिकार दिलाने का आश्वासन दिया है. उम्मीद है कि जल्द पानी के अधिकार कानून का मसौदा तैयार कर सरकार विधानसभा में पेश करेगी और हर नागरिक को पानी का अधिकार देगी. ऐसा करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जहां पानी का अधिकार कानून लागू होगा.

भोपाल। हृदय प्रदेश को नदियों का 'मक्का' कहा जाता है, इन्हीं नदियों की कलकल से बंजर धरती भी अपनी हरियाली पर इतराती थी, लेकिन धीरे-धीरे खत्म होते जल स्रोत नदियों के अस्तित्व के लिए खतरा बन रहे हैं. जिसकी वजह से ज्यादातर नदियां नाले में तब्दील होती जा रही हैं. पिछले महीने तक पूरा प्रदेश पानी की भीषण परेशानी से जूझ रहा था, गांव से लेकर शहर तक सब प्यास से बेहाल थे, तब ईटीवी भारत ने पानी की समस्या को लेकर 'जल बिन जीवन की जंग' मुहिम शुरू की. जिसके बाद प्रशासन की नींद खुली और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे ने 8 जुलाई को ईटीवी भारत को आश्वस्त किया कि जल्द ही हर नागरिक के लिए पानी का कानून बनाएंगे.

जल बिन जीवन की जंग

मंत्री ने जब ईटीवी भारत पर पानी का अधिकार कानून बनाने का आश्वासन दिया, तब जाकर प्रदेश के लोगों ने राहत की सांस ली और उनमें पानी मिलने की आस जगी क्योंकि गर्मी में आवाम की प्यास बुझाने में पीएचई विभाग नाकाम रहा और लोगों को पानी के लिए मीलों तक का सफर तय करना पड़ा, कई क्षेत्र ऐसे भी थे जहां पानी की एक-एक बूंद के लिए लोग तरस रहे थे. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम हर उस क्षेत्र में दस्तक दी, जहां लोग पानी की समस्या का जूझ रहे थे. इसी अभियान के बाद जल संकट वाले क्षेत्रों में तेजी से जल संचय का काम भी शुरू किया गया.

ईटीवी भारत की 'बिन पानी जीवन की जंग' मुहिम के बाद पीएचई मंत्री ने हर नागरिक को पानी का अधिकार दिलाने का आश्वासन दिया है. उम्मीद है कि जल्द पानी के अधिकार कानून का मसौदा तैयार कर सरकार विधानसभा में पेश करेगी और हर नागरिक को पानी का अधिकार देगी. ऐसा करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जहां पानी का अधिकार कानून लागू होगा.

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भोपाल। हृदय प्रदेश को नदियों का 'मक्का' कहा जाता है, इन्हीं नदियों की कलकल से बंजर धरती भी अपनी हरियाली पर इतराती थी, लेकिन धीरे-धीरे खत्म होते जल स्रोत नदियों के अस्तित्व के लिए खतरा बन रहे हैं. जिसकी वजह से ज्यादातर नदियां नाले में तब्दील होती जा रही हैं. पिछले महीने तक पूरा प्रदेश पानी की भीषण परेशानी से जूझ रहा था, गांव से लेकर शहर तक सब प्यास से बेहाल थे, तब ईटीवी भारत ने पानी की समस्या को लेकर 'जल बिन जीवन की जंग' मुहिम शुरू की. जिसके बाद प्रशासन की नींद खुली और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे ने 8 जुलाई को ईटीवी भारत को आश्वस्त किया कि जल्द ही हर नागरिक के लिए पानी का कानून बनाएंगे.



मंत्री ने जब ईटीवी भारत पर पानी का अधिकार कानून बनाने का आश्वासन दिया, तब जाकर प्रदेश के लोगों ने राहत की सांस ली और उनमें पानी मिलने की आस जगी क्योंकि गर्मी में आवाम की प्यास बुझाने में पीएचई विभाग नाकाम रहा और लोगों को पानी के लिए मीलों तक का सफर तय करना पड़ा, कई क्षेत्र ऐसे भी थे जहां पानी की एक-एक बूंद के लिए लोग तरस रहे थे. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम हर उस क्षेत्र में दस्तक दी, जहां लोग पानी की समस्या का जूझ रहे थे. इसी अभियान के बाद जल संकट वाले क्षेत्रों में तेजी से जल संचय का काम भी शुरू किया गया.



ईटीवी भारत की 'बिन पानी जीवन की जंग' मुहिम के बाद पीएचई मंत्री ने हर नागरिक को पानी का अधिकार दिलाने का आश्वासन दिया है. उम्मीद है कि जल्द पानी के अधिकार कानून का मसौदा तैयार कर सरकार विधानसभा में पेश करेगी और हर नागरिक को पानी का अधिकार देगी. ऐसा करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जहां पानी का अधिकार कानून लागू होगा.


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