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नियमितीकरण नहीं होने से नाराज MP के संविदा कर्मचारी, कमलनाथ सरकार के खिलाफ हो रहे लामबंद

मध्यप्रदेश के संविदा कर्मचारी अब कमलनाथ सरकार के खिलाफ आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. दरअसल कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के वक्त प्रदेश के सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वचन दिया था, लेकिन सरकार बनने के 6 महीने बाद भी अब तक संविदा कर्मचारियों को नियमित नहीं किया गया है. इससे कर्मचारियों में नाराजगी है.

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Published : Jul 11, 2019, 1:56 PM IST

सीएम कमलनाथ

भोपाल। विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस ने वचन पत्र में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वचन दिया था. कांग्रेस ने सरकार बनने के तीन महीने बाद ही संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की बात कही थी, लेकिन 6 महीने बाद भी कमलनाथ सरकार संविदा कर्मचारियों की नियमितीकरण पर कोई फैसला नहीं ले पाई है, जिससे संविदा कर्मचारियों की नाराजगी बढ़ रही है और कर्मचारी आंदोलन का मन बना रहे हैं.

नियमितीकरण नहीं होने से नाराज MP के संविदा कर्मचारी

मध्यप्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि मध्यप्रदेश के सभी विभागों में काम करने वाले एक लाख संविदा कर्मचारी यह चाहते हैं. कि उन्हें नियमित करने का वचन दिया गया था. जिसे सरकार जल्द से जल्द पूरा करे. मध्यप्रदेश शासन ने संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए एक मंत्रिमंडल समिति का गठन किया था. जिसे 3 महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपनी थी. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि कमेटी को बने 6 महीने हो गए लेकिन रिपोर्ट तो दूर की बात इस मामले में अब एक और सब कमेटी बना दी गई है.

रमेश राठौर ने कहा कि फिर भी अभी तक संविदा कर्मचारियों के हित में अबतक कोई निर्णय सामने नहीं आया है. इससे संविदा कर्मचारियों में जमकर नाराजगी है. उन्होंने कहा कि हम सीएम कमलनाथ और मंत्री संविदा कर्मचारियों का मामला देख रहे हैं. उनसे निवेदन करते हैं कि जल्द से जल्द संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की सौगात दे दी जाए, नहीं तो अब हम आंदोलन की रणनीति बनाएंगे.

भोपाल। विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस ने वचन पत्र में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वचन दिया था. कांग्रेस ने सरकार बनने के तीन महीने बाद ही संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की बात कही थी, लेकिन 6 महीने बाद भी कमलनाथ सरकार संविदा कर्मचारियों की नियमितीकरण पर कोई फैसला नहीं ले पाई है, जिससे संविदा कर्मचारियों की नाराजगी बढ़ रही है और कर्मचारी आंदोलन का मन बना रहे हैं.

नियमितीकरण नहीं होने से नाराज MP के संविदा कर्मचारी

मध्यप्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि मध्यप्रदेश के सभी विभागों में काम करने वाले एक लाख संविदा कर्मचारी यह चाहते हैं. कि उन्हें नियमित करने का वचन दिया गया था. जिसे सरकार जल्द से जल्द पूरा करे. मध्यप्रदेश शासन ने संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए एक मंत्रिमंडल समिति का गठन किया था. जिसे 3 महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपनी थी. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि कमेटी को बने 6 महीने हो गए लेकिन रिपोर्ट तो दूर की बात इस मामले में अब एक और सब कमेटी बना दी गई है.

रमेश राठौर ने कहा कि फिर भी अभी तक संविदा कर्मचारियों के हित में अबतक कोई निर्णय सामने नहीं आया है. इससे संविदा कर्मचारियों में जमकर नाराजगी है. उन्होंने कहा कि हम सीएम कमलनाथ और मंत्री संविदा कर्मचारियों का मामला देख रहे हैं. उनसे निवेदन करते हैं कि जल्द से जल्द संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की सौगात दे दी जाए, नहीं तो अब हम आंदोलन की रणनीति बनाएंगे.

Intro:भोपाल। विधानसभा चुनाव के वक्त प्रदेश के संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का वचन देने वाली कमलनाथ सरकार अपना वचन निभाने में लेटलतीफी कर रही है। कमलनाथ ने सरकार बनने पर 3 महीने में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का वचन अपने वचन पत्र में दिया था। लेकिन सरकार बनी 6 महीने से ज्यादा वक्त बीत गया है और अभी तक संविदा कर्मचारियों को लेकर कमलनाथ सरकार फैसला नहीं कर पाई है। इस बात को लेकर संविदा कर्मचारियों की नाराजगी बढ़ रही है और कर्मचारी आंदोलन का मन बना रहे हैं।


Body:दरअसल विधानसभा चुनाव के वक्त कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र वचन पत्र में सरकार बनने पर 3 महीने के अंदर संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का वचन दिया था। वचन निभाने की दिशा में कमलनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए एक मंत्री मंडल कमेटी का गठन किया था। कमेटी को 3 महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी। लेकिन कमेटी ने रिपोर्ट ना सौंपकर एक और सब कमेटी का गठन किसी कमेटी के अंतर्गत किया है। अफसरों की बनाई गई सब कमेटी अब संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण में अपनी रिपोर्ट देगी, तब जाकर मंत्रिमंडल कमेटी अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कमलनाथ को सौंपेगी। इस बात को लेकर संविदा कर्मचारियों और अधिकारियों में नाराजगी बढ़ रही है। संविदा कर्मियों कहना है कि अगर कमलनाथ सरकार अपना वचन निभाने में ज्यादा देरी करती है,तो हम लोगों को मजबूरन आंदोलन की रणनीति बनाना पड़ेगी।


Conclusion:इस बारे में मध्यप्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि मध्यप्रदेश के सभी विभागों में काम करने वाले एक लाख संविदा कर्मचारी यह चाहते हैं कि जिस तरह वचन पत्र में संविदा कर्मचारियों के नियमित करने का वचन दिया गया था। उस वादे का पालन किया जाए और सभी कर्मचारियों को नियमित किया जाए। मध्यप्रदेश शासन संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए एक मंत्री मंडल समिति का गठन किया था। जिसे 3 महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपनी थी। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि कमेटी को बने 6 महीने हो गए लेकिन रिपोर्ट तो दूर की बात एक और सब कमेटी बना दी गई है। फिर भी अभी तक संविदा कर्मचारियों के हित में कोई निर्णय नहीं आ रहा है। जिससे संविदा कर्मचारियों में जमकर नाराजगी है। हम मुख्यमंत्री और जो मंत्री संविदा कर्मचारियों का मामला देख रहे हैं। उन सब से निवेदन करते हैं कि जल्द से जल्द संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की सौगात दें। जिससे संविदा कर्मचारियों की जय जयकार करें अन्यथा एक बैठक कर आंदोलन की रणनीति बनाएं।

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