भोपाल। नगर निगम भोपाल से कोलार क्षेत्र को 5 साल बाद फिर से नगर पालिका बनाए जाने की कवायद शुरू हो गई है. वहीं दूसरी तरफ इसका विरोध भी शुरू हो गया है. जहां कोलार के 6 वार्डों को नगर निगम से अलग कर नगर पालिका बनाए जाने का बीजेपी पार्षदों ने विरोध किया है, वहीं कांग्रेसी नेताओं द्वारा इस निर्णय का स्वागत किया जा रहा है.
नगर निगम से नगरपालिका बनाए जाने को लेकर लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. कुछ रहवासियों का कहना है कि यदि कोलार नगर निगम से अलग होता है तो यहां चल रहे पानी सीवरेज के बड़े प्रोजेक्टों पर असर पड़ सकता है. वहीं ज्यादातर लोग मान रहे हैं कि इन क्षेत्रों को एक बार फिर से नगरपालिका बनाना जरूरी है क्योंकि नगर निगम में जो विकास का सपना दिखाया गया था वह पूरा नहीं हो पाया है.
अनुसूची में अप वर्जित किए जाने वाले वार्ड
वार्ड क्रमांक 80 सर्वधर्म कोलार, वार्ड क्रमांक 81 कान्हा कुंज, वार्ड क्रमांक 82 दानिश कुंज, वार्ड क्रमांक 83 सन खेड़ी, वार्ड क्रमांक 84 रतनपुर सड़क, वार्ड क्रमांक 85 कटारा हिल्स सम्मिलित है. अप वर्जित किए जाने वाले क्षेत्र का वर्ग किलोमीटर 94.97 है.
कोलार क्षेत्र को फिर से नगर पालिका बनाए जाने पर लोगों की प्रतिक्रिया
कोलार क्षेत्र के बाद 81 के पार्षद पवन बोराना का कहना है कि नगर निगम में कोलार क्षेत्र को शामिल करने से यहां होने वाले विकास कार्यों को रफ्तार मिली है. इस क्षेत्र को मिलने वाला फंड भी काफी बढ़ गया है जिससे यह लगातार विकास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि नगर निगम से हटाकर फिर से नगरपालिका बनाया जाता है तो प्रस्तावित कई कार्यों पर संकट आ सकता है इसलिए कोलार क्षेत्र को नगर निगम में ही रहना चाहिए.
क्षेत्र के लोगों का कहना है कि कोलार क्षेत्र जब नगरपालिका था तब भी काफी विकास हुआ है लेकिन नगर निगम के आने से कई बड़ी योजनाएं क्षेत्र में आई है जिसका लाभ भी क्षेत्र के लोगों को मिल रहा है यदि फिर से नगरपालिका बनाया जाएगा तो कहा नहीं जा सकता है कि कोलार क्षेत्र को कितनी सुविधाएं मिल सकेंगी.
भोपाल कलेक्टर सुदाम खाड़े ने एक आदेश जारी किया है. जिसमें बताया गया है कि इस अधिसूचना के प्रकाशन से 10 दिन के भीतर आपत्ति दावा को जिला कलेक्टर कार्यालय स्थानीय निर्वाचन शाखा भोपाल एवं नगर पालिक निगम भोपाल योजना प्रकोष्ठ कक्ष माता मंदिर में प्रस्तुत कर सकेंगे.