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स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने किया जेपी अस्पताल का निरीक्षण, कहा-कमियों को जल्द दूर किया जाएगा

भोपाल के जेपी अस्पताल में कर्मचारियों की लापरवाही के चलते एक महिला ने फर्श पर ही बच्ची को जन्म दिया था, जहां बच्चे को सही समय पर इलाज न मिलने के चलते उसकी मौत हो गई थी. घटना के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने अस्पताल का निरीक्षण किया.

स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट
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Published : Jun 3, 2019, 5:59 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल के जेपी अस्पताल में कर्मचारियों की लापरवाही के चलते एक महिला ने फर्श पर ही बच्ची को जन्म दिया था. जहां सही समय पर इलाज न मिलने के कारण नवजात की मौत हो गई थी. घटना के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने सोमवार को अस्पताल का निरीक्षण कर वहां मौजूद कमियों को दूर करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.

स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने किया जेपी अस्पताल का निरीक्षण

ईटीवी भारत से बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि अस्पताल में जो भी घटना घटी है वह दुखद हैं. में भी पीड़ित परिवार के साथ है. में इस पूरे मामले में समीक्षा कर रहा हूं. प्रदेश की सभी सरकारी अस्पतालों में जो भी कमिया मिली है. उन्हें जल्द से जल्द दूर करवाया जाएगा. उन्होंने कहा कि जो भी घटना जेपी अस्पताल में घटी है ऐसी घटना भविष्य में दोबारा न हो इसका पूरा प्रयास किया जाएगा. प्रदेश की सभी सरकारी अस्पतालों से स्टाफ, संसाधन और डॉक्टर्स की कमी को जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश की जाएगी.

स्वास्थय मंत्री तुलसी सिलावट ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि हमें स्वास्थय विभाग जर्जर हालत में मिला है. इनकी कमियों को पूरा करने के लिए थोड़ा समय लगेगा. क्योंकि कांग्रेस की सरकार बनने के कुछ समय बाद ही आचार संहिता लग गई. जिससे हमें समय नहीं मिल पाया था. उन्होंने कहा कि हमने स्वास्थ्य विभाग में 38 बिंदुओ पर काम करने का फैसला किया है. जिसे पूरा किया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार वचन की सरकार है इसलिए जल्द ही इसे हम पूरा करेंगे.

भोपाल। राजधानी भोपाल के जेपी अस्पताल में कर्मचारियों की लापरवाही के चलते एक महिला ने फर्श पर ही बच्ची को जन्म दिया था. जहां सही समय पर इलाज न मिलने के कारण नवजात की मौत हो गई थी. घटना के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने सोमवार को अस्पताल का निरीक्षण कर वहां मौजूद कमियों को दूर करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.

स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने किया जेपी अस्पताल का निरीक्षण

ईटीवी भारत से बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि अस्पताल में जो भी घटना घटी है वह दुखद हैं. में भी पीड़ित परिवार के साथ है. में इस पूरे मामले में समीक्षा कर रहा हूं. प्रदेश की सभी सरकारी अस्पतालों में जो भी कमिया मिली है. उन्हें जल्द से जल्द दूर करवाया जाएगा. उन्होंने कहा कि जो भी घटना जेपी अस्पताल में घटी है ऐसी घटना भविष्य में दोबारा न हो इसका पूरा प्रयास किया जाएगा. प्रदेश की सभी सरकारी अस्पतालों से स्टाफ, संसाधन और डॉक्टर्स की कमी को जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश की जाएगी.

स्वास्थय मंत्री तुलसी सिलावट ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि हमें स्वास्थय विभाग जर्जर हालत में मिला है. इनकी कमियों को पूरा करने के लिए थोड़ा समय लगेगा. क्योंकि कांग्रेस की सरकार बनने के कुछ समय बाद ही आचार संहिता लग गई. जिससे हमें समय नहीं मिल पाया था. उन्होंने कहा कि हमने स्वास्थ्य विभाग में 38 बिंदुओ पर काम करने का फैसला किया है. जिसे पूरा किया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार वचन की सरकार है इसलिए जल्द ही इसे हम पूरा करेंगे.

Intro:भोपाल- कल राजधानी के जिला अस्पताल जेपी में हुई लापरवाही के चलते एक महिला ने फर्स्ट पर भी अपनी बच्ची को जन्म दिया और सही समय पर इलाज ना मिल पाने के कारण नवजात की मौत हो गई।
इस पूरे मामले का संज्ञान लेने के लिए आज प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट जेपी अस्पताल पहुंचे जहां उन्होंने अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और अधिकारियों से बैठक की।


Body:बैठक के बाद हुई बातचीत में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि ना केवल भोपाल बल्कि प्रदेश के जितने भी सरकारी अस्पताल में उनमें कई और कमियां हैं जिन्हें हमारी सरकार जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश करेगी।
इसके अलावा पीड़ित महिला हो उसके स्वस्थ होने तक सुबह इलाज, दवाइयों की सुविधा सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी। यह घटना बहुत ही दुखद है और ऐसा फिर से ना हो इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा और स्टाफ, संसाधन और डॉक्टर्स की कमी को जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश की जाएगी।


Conclusion:गौरतलब है कि कल पताल प्रबंधन की संवेदनशीलता और लापरवाही के चलते एक महिला ने फर्स्ट पर अपने बच्चे को जन्म दिया और जन्म के काफी समय के बाद भी कोई भी डॉक्टर महिला की स्थिति का संज्ञान लेने के लिए अस्पताल नहीं पहुंचे और प्रसव पीड़ा के दौरान ना ही महिला को स्ट्रेचर और ना ही वार्डबॉय की सुविधा उपलब्ध कराई गई इसके चलते मरीज को बहुत सी परेशानी का सामना करना पड़ा।
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