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डिफाल्टर किसानों को भी मिलेगा ऋण, नहीं बढ़ेगा बिजली का बिलः कमलनाथ सरकार

प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने दो अहम फैसले लिए हैं. प्रदेश में लगातार हो रही बिजली कटौती के बाद भी प्रदेश सरकार ने बिजली के दामों को नहीं बढ़ाए जाने का फैसला लिया है, जबकि प्रदेश के सभी डिफाल्टर किसानों को भी इस साल ऋण दिए जाने का फैसला लिया गया है. यह जानकारी प्रदेश के उर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह और सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने दी है.

सीएम कमलनाथ
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Published : Jun 5, 2019, 11:50 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में हो रही बिजली कटौती पर प्रदेश सरकार पर विपक्ष जमकर निशाना साध रहा है. बिजली कटौती पर सीएम कमलनाथ ने अधिकारियों बैठक लेते जमकर नाराजगी व्यक्त की थी, जबकि बैठक में सरकार ने बिजली की दरें बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी रोक लगा दी है. जबकि एक और बड़ा फैसला राज्य सरकार द्वारा लिया गया है. मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने बताया है कि सरकार प्रदेश के डिफाल्टर किसानों को भी फसल ऋण देगी जिसके निर्देश कलेक्टरों को जारी कर दिए गए हैं.

मध्य प्रदेश में नहीं बढ़ेगे बिजली के दाम, डिफाल्टर किसानों को मिलेगा ऋण

प्रदेश की सभी विद्युत वितरण कंपनियों ने 4098 करोड़ का घाटा बताते हुए 12 फ़ीसदी तक बिजली के दाम बढ़ाने की सिफारिश की है. जिस पर फिलहाल कमलनाथ सरकार ने रोक लगा दी है. ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह से बताया कि बिजली कंपनियां हमेशा बिजली बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजती है. लेकिन उस पर आखरी मुहर सरकार की ही लगती है. इसलिए प्रदेश सरकार ने अभी फैसला लिया है कि अभी हम बिजली की दरें बढ़ाने के लिए तैयार नहीं है.

डिफाल्टर किसानों को भी मिलेगा फसल ऋण
राज्य सरकार ने डिफाल्टर किसानों को भी फसल ऋण देने का फैसला लिया है. सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने बताया कि डिफाल्टर किसानों को भी ऋण देने से बैंक मना नहीं कर सकेंगे. इसके आदेश सभी जिले के कलेक्टरों को भेज दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश भर से शिकायते मिल रही थी कि सोसायटियां किसानों का नया फसल ऋण देने से मना कर रही है. खासतौर से उन किसानों को ऋण नहीं दिया जा रहा था जो डिफाल्टर है.

मंत्री गोविंद सिंह ने बताया कि सोसायटियों के इस फैसले से किसानों के सामने बुवाई करने का संकट पैदा हो गया था. इसलिए मंत्रिमंडल की बैठक में तय किया गया कि प्रदेश सरकार डिफाल्टर किसानों को भी ऋण देगी. ताकि किसान समय पर फसल की बुवाई कर सके. मंत्री गोविंद सिंह ने बताया कि इसके संबंध में सभी विधायकों और मंत्रियों को भी पत्र भेजा जा रहा है ताकि वह अपने क्षेत्रों में शासन के इस आदेश का पालन करवाएं और किसानों को किसी तरह की समस्या पैदा ना हो.

प्रदेश के11 सहकारी बैंकों की हालत सुधरी, चार की चिंताजनक
सहकारिता मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने बताया कि प्रदेश के 11 सहकारी बैंकों की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है, यह बैंक अब किसानों को ऋण देने की स्थिति में आ गए हैं. उन्होंने बताया कि अभी भी प्रदेश के ग्वालियर, रीवा, दतिया और रायसेन की आर्थिक स्थिति कमजोर है. लेकिन सरकार इसे बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रही है उम्मीद है कि जल्द ही यह बैंक भी किसानों को ऋण देने की स्थिति में आ जाएंगे.

भोपाल। मध्यप्रदेश में हो रही बिजली कटौती पर प्रदेश सरकार पर विपक्ष जमकर निशाना साध रहा है. बिजली कटौती पर सीएम कमलनाथ ने अधिकारियों बैठक लेते जमकर नाराजगी व्यक्त की थी, जबकि बैठक में सरकार ने बिजली की दरें बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी रोक लगा दी है. जबकि एक और बड़ा फैसला राज्य सरकार द्वारा लिया गया है. मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने बताया है कि सरकार प्रदेश के डिफाल्टर किसानों को भी फसल ऋण देगी जिसके निर्देश कलेक्टरों को जारी कर दिए गए हैं.

मध्य प्रदेश में नहीं बढ़ेगे बिजली के दाम, डिफाल्टर किसानों को मिलेगा ऋण

प्रदेश की सभी विद्युत वितरण कंपनियों ने 4098 करोड़ का घाटा बताते हुए 12 फ़ीसदी तक बिजली के दाम बढ़ाने की सिफारिश की है. जिस पर फिलहाल कमलनाथ सरकार ने रोक लगा दी है. ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह से बताया कि बिजली कंपनियां हमेशा बिजली बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजती है. लेकिन उस पर आखरी मुहर सरकार की ही लगती है. इसलिए प्रदेश सरकार ने अभी फैसला लिया है कि अभी हम बिजली की दरें बढ़ाने के लिए तैयार नहीं है.

डिफाल्टर किसानों को भी मिलेगा फसल ऋण
राज्य सरकार ने डिफाल्टर किसानों को भी फसल ऋण देने का फैसला लिया है. सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने बताया कि डिफाल्टर किसानों को भी ऋण देने से बैंक मना नहीं कर सकेंगे. इसके आदेश सभी जिले के कलेक्टरों को भेज दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश भर से शिकायते मिल रही थी कि सोसायटियां किसानों का नया फसल ऋण देने से मना कर रही है. खासतौर से उन किसानों को ऋण नहीं दिया जा रहा था जो डिफाल्टर है.

मंत्री गोविंद सिंह ने बताया कि सोसायटियों के इस फैसले से किसानों के सामने बुवाई करने का संकट पैदा हो गया था. इसलिए मंत्रिमंडल की बैठक में तय किया गया कि प्रदेश सरकार डिफाल्टर किसानों को भी ऋण देगी. ताकि किसान समय पर फसल की बुवाई कर सके. मंत्री गोविंद सिंह ने बताया कि इसके संबंध में सभी विधायकों और मंत्रियों को भी पत्र भेजा जा रहा है ताकि वह अपने क्षेत्रों में शासन के इस आदेश का पालन करवाएं और किसानों को किसी तरह की समस्या पैदा ना हो.

प्रदेश के11 सहकारी बैंकों की हालत सुधरी, चार की चिंताजनक
सहकारिता मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने बताया कि प्रदेश के 11 सहकारी बैंकों की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है, यह बैंक अब किसानों को ऋण देने की स्थिति में आ गए हैं. उन्होंने बताया कि अभी भी प्रदेश के ग्वालियर, रीवा, दतिया और रायसेन की आर्थिक स्थिति कमजोर है. लेकिन सरकार इसे बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रही है उम्मीद है कि जल्द ही यह बैंक भी किसानों को ऋण देने की स्थिति में आ जाएंगे.

Intro:प्रदेश भर में बिजली कटौती को लेकर प्रदेश सरकार की जमकर किरकिरी हुई है सरकार अपने ही कार्यकर्ताओं की निशाने पर है। बिजली कटौती को लेकर अधिकारियों की बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी कड़ी नाराजगी जताई हालांकि बिजली को लेकर हुए हंगामे के बाद सरकार ने बिजली की दरें बढ़ाने के प्रस्ताव पर अपने कदम पीछे खींच लिए है।


Body:दरअसल प्रदेश की सभी विद्युत वितरण कंपनियों ने 4098 करोड़ का घाटा बताते हुए 12 फ़ीसदी तक दाम बढ़ाने की सिफारिश की है। बिजली कंपनियों ने इसके लिए सरकार को प्रस्ताव दिया है। बिजली कंपनियों ने फरवरी 2019 में मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग को भी दरें बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है। हालांकि बिजली के मुद्दे पर कमलनाथ सरकार की जिस तरह से किरकिरी हुई है और सरकार जिस तरह अपनों के ही निशाने पर आ गई है उसके बाद सरकार ने बिजली बढ़ोतरी की दरों से अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह से जब इसको लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा की कंपनियां हमेशा बिजली बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजती है लेकिन उस पर आखरी मोहर सरकार की ही लगती है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अभी सरकार बिजली की दरें बढ़ाने के लिए तैयार नहीं है।


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