भोपाल। महिला दिवस को ध्यान में रखते हुए राजधानी भोपाल के रविंद्र भवन में नाटक 'खुद मंटो' का मंचन किया गया. नाटक के माध्यम से समाज में महिलाओं के खिलाफ फैली कुरितियों को दिखाया गया. इस नाटक की परिकल्पना और निर्देशन प्रीति झा ने किया था.
'खुद मंटो' के नाम से रविंद्र भवन में आयोजित हुआ यह नाट्य मंचन मूल रूप से मंटो की कहानी 'लाइसेंस' पर आधारित है, जिसमें एक पुरुष प्रधान समाज में एक महिला को अपनी आजीविका और सम्मान के लिए किए गये संघर्ष को दिखाया गया था. नाटक का मुख्य पात्र एक स्त्री, इनायत है जिस के इर्द-गिर्द पूरी कहानी का ताना-बाना बुना गया है.
इनायत की कहानी आज से 60-70 साल पुरानी बताई जाती है, जिसमें बताया गया है कि वह अपने परिवार से बिछड़ जाती है, जहां से उसके संघर्ष की शुरुआत होती है. समाज लगातार इस स्त्री को बंधनों में बांधना चाहता है, लेकिन इनायत इन सभी बंधनों को तोड़कर आगे बढ़ती जाती है.
नाटक मंचन पर बताया कि इसका उद्देश्य केवल इतना था कि आज भी हमारे समाज में महिलाओं के प्रति कई तरह की कुरीतियां फैली हुई हैं, जिन्हें खत्म किया जाना चाहिए. साथ ही महिलाओं को सशक्त भी होना चाहिए क्योंकि जब इनायत नाम की यह महिला आज से 60-70 साल पहले समाज से नहीं डरी तो आज की महिलाओं को भी नहीं डरना चाहिए.