भोपाल। राजधानी भोपाल से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पहली बार मीडिया से रू-ब-रू हुए. उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सीएम कमलनाथ को धन्यवाद देता हूं कि मुझे भोपाल सीट से चुनाव लड़ने योग्य समझा. दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुझे चुनौतियों का सामना करने की आदत है. उन्होंने कहा कि पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ा जाएगा और सामने कोई भी आए चुनाव जीतकर बताएंगे.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैंने राहुल गांधी से पहले ही कह दिया था कि पार्टी जहां से चुनाव लड़ने के लिए कहेगी मैं तैयार रहूंगा. उन्होंने कहा कि सीएम कमलनाथ ने मुझ से कहा था कि आप कठिन सीट से चुनाव लड़ो. ऐसे में पार्टी ने मुझे भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की जिम्मेदारी दी है. उन्होंने कहा कि मैं उस सीट से चुनाव लड़ रहा हूं, जहां से पूर्व राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा चुनाव लड़ते थे. दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैंने 1977 में जनता पार्टी की लहर में भी चुनाव जीता था, इसलिए मैं इस बात का ख्याल रखता हूं कि 'मैं जो भी कहता हूं वह करता हूं'.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मेरे ऊपर जिसने भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, मैंने उन आरोपों को प्रमाणित करने की चुनौती अपने विरोधियों को दी थी. कुछ ने खेद व्यक्त किया तो कुछ ने आरोप वापस ले लिए. जबकि उमा भारती ने भले ही आरोप वापस न लिए हों, लेकिन वे आरोपों को साबित भी नहीं कर पाईं. उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है. मैंने उन्हें खुलेआम बहस की चुनौती दी है. अगर शिवराज सिंह में दम है, तो मंच पर आएं और 15 साल बनाम 10 साल पर बहस करें.
सही बात करने से डरते हैं पीएम
वहीं पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि उनकी कथनी और करनी में फर्क है. गुजरात डेवलपमेंट मॉडल की बात करते हैं और उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाते हैं और गरीब जनता परेशान होती है. दिग्गी ने कहा कि मोदी सही बात करने से डरते हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की वैवाहिक स्थिति पर तंज कसते हुए कहा कि चुनाव में भरे जाने वाले नामांकन में उन्होंने अपना मैरिटल स्टेटस क्यों छुपाया, यहां तक कि वह कितना पढ़े हैं वह भी नामांकन पत्र में नहीं बताते हैं. दिग्गी ने कहा कि झूठे आंकड़े प्रस्तुत करना मोदी की आदत बन गई है.
दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी के 72 हजार के चुनावी वादे का सर्मथन करते हुए इसे एक अच्छा कदम बताया. उन्होंने प्रदेश की कांग्रेस सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि इस सरकार ने 76 दिन में वचन पत्र के 13 वादे पूरे किए हैं. उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव मैं नहीं बल्कि कांग्रेस संगठन के हजारों-लाखों कार्यकर्ता लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैंने सीएम रहते हुए भोपाल में कई काम किए हैं, मेरी लड़ाई व्यक्ति विशेष से नहीं विचारधारा से है.