भोपाल। सियासी गलियारों में प्रदेश कांग्रेस के नए फॉर्मूले की चर्चा के बाद कई नेताओं की नीद उड़ी हुई है. चर्चा ये है कि प्रदेश में जमीनी स्तर पर कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के लिए अब 40 से ज्यादा उम्र के लोगों को जिलाध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा. माना जा रहा है कि इस फैसले से पार्टी युवाओं को कमान सौंपने की तैयारी में है. अगर यह फॉर्मूला लागू होता है, तो पार्टी के 70 फीसदी से ज्यादा नेता जिला अध्यक्ष नहीं बन पाएंगे. इस खबर के बाद से ही कांग्रेस में हड़कंप मचा हुआ है, हालांकि प्रदेश कांग्रेस संगठन ने इस महज एक अफवाह बताया है.
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस संगठन की सर्जरी की तैयारियां हो रही हैं. यह तैयारियां आगामी विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर की जा रही हैं. इन्हीं तैयारियों की चर्चा इन दिनों राजनीतिक गलियारों में जमकर हो रही है. पार्टी के रणनीतिकारों ने तय किया है कि जमीनी स्तर पर युवाओं को जोड़ने के लिए उन्हें जिला कांग्रेस कमेटी में जगह दी जाएगी, जबकि 40 साल से ज्यादा उम्र का कोई भी नेता जिला अध्यक्ष नहीं बन पाएगा. इस खबर के चर्चा में आते ही कई नेता अपने भविष्य को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं. अभी तक कांग्रेस में सिर्फ एनएसयूआई और युवक कांग्रेस में उम्र का बंधन था, लेकिन जिला स्तर की कमेटियों में भी बदलाव की चर्चा तेज है.
मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर का कहना है कि यह खबर पूरी तरह से केवल अफवाह है. उन्होंने कहा कि उम्र का बंधन कांग्रेस पार्टी में किसी भी स्तर पर नहीं है. केवल युवक कांग्रेस में उम्र का बंधन है. इसमें 35 वर्ष से कम का व्यक्ति ही युवक कांग्रेस में सदस्य और पदाधिकारी बन सकता है. जहां तक जिला अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष और प्रदेश पदाधिकारियों की बात है, तो इसके लिए उम्र का कोई बंधन नहीं है.