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चुनाव परिणाम आने से पहले सीएम कमलनाथ को मिली यूपीए का कुनबा मजबूत करने की जिम्मेदारी

17 मई को प्रचार समाप्त होने के साथ ही सीएम कमलनाथ दिल्ली रवाना हो गए है. सोनिया गांधी ने कमलनाथ को लोकसभा चुनाव के परिणाम के पहले ही यूपीए का कुनबा मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी है.

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी
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Published : May 18, 2019, 6:31 PM IST

भोपाल। लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में मध्यप्रदेश में भी 8 सीटों पर मतदान 19 मई को होने जा रहा है. 17 मई को प्रचार समाप्त होने के साथ ही सीएम कमलनाथ दिल्ली रवाना हो गए है. बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी ने कमलनाथ को लोकसभा चुनाव के परिणाम के पहले ही यूपीए का कुनबा मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं कमलनाथ को करीब से जानने वाले नेताओं का कहना है कमलनाथ की छवि के चलते कमान क्षेत्रीय दलों के नेता हमेशा उनके संपर्क में रहते हैं.

मध्यप्रदेश कांग्रेस के संगठन महामंत्री राजीव सिंह का कहना है कि 23 मई को चुनाव परिणाम आने वाले हैं. परिणाम के पहले ही यह तय हो चुका है कि वर्तमान की केंद्र सरकार जाने वाली है और गठबंधन सरकार के आसार बन रहे हैं. ऐसे में चुनाव परिणाम के पहले ही गठबंधन मजबूत करने के प्रयास सभी राजनीतिक दल करते हैं. कमलनाथ एक अनुभवी नेता है, संसदीय कार्य मंत्री रहते हुए उन्होंने तमाम दलों के साथ समन्वय का काम किया है और उनके संपर्क काफी तगड़े हैं. इसलिए कांग्रेस आलाकमान उन्हें यूपीए का कुनबा बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी है.

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी

बता दें कमलनाथ एक अनुभवी और मजबूत संपर्क सूत्र वाले नेता के तौर पर जाने जाते हैं. एक नेता के अलावा एक उद्योगपति होने के कारण राजनीति में उनके संपर्क का फायदा कांग्रेस को जमकर मिलता है. इसलिए इससे पहले की यूपीए सरकार में उन्हें संसदीय कार्य मंत्री का जिम्मा सौंपा गया था. कमलनाथ में संसदीय कार्य मंत्री रहते हुए बेहतर फ्लोर मैनेजमेंट कर 5 साल तक सरकार चलाने में मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी की भरपूर मदद की थी. वहीं 2013 में मध्यप्रदेश विधानसभा और 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही कांग्रेस में जान फूंकने कमलनाथ को जिम्मेदारी सौंपी गई. जिसके बाद 15 साल बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस की वापसी हुई.

भोपाल। लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में मध्यप्रदेश में भी 8 सीटों पर मतदान 19 मई को होने जा रहा है. 17 मई को प्रचार समाप्त होने के साथ ही सीएम कमलनाथ दिल्ली रवाना हो गए है. बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी ने कमलनाथ को लोकसभा चुनाव के परिणाम के पहले ही यूपीए का कुनबा मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं कमलनाथ को करीब से जानने वाले नेताओं का कहना है कमलनाथ की छवि के चलते कमान क्षेत्रीय दलों के नेता हमेशा उनके संपर्क में रहते हैं.

मध्यप्रदेश कांग्रेस के संगठन महामंत्री राजीव सिंह का कहना है कि 23 मई को चुनाव परिणाम आने वाले हैं. परिणाम के पहले ही यह तय हो चुका है कि वर्तमान की केंद्र सरकार जाने वाली है और गठबंधन सरकार के आसार बन रहे हैं. ऐसे में चुनाव परिणाम के पहले ही गठबंधन मजबूत करने के प्रयास सभी राजनीतिक दल करते हैं. कमलनाथ एक अनुभवी नेता है, संसदीय कार्य मंत्री रहते हुए उन्होंने तमाम दलों के साथ समन्वय का काम किया है और उनके संपर्क काफी तगड़े हैं. इसलिए कांग्रेस आलाकमान उन्हें यूपीए का कुनबा बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी है.

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी

बता दें कमलनाथ एक अनुभवी और मजबूत संपर्क सूत्र वाले नेता के तौर पर जाने जाते हैं. एक नेता के अलावा एक उद्योगपति होने के कारण राजनीति में उनके संपर्क का फायदा कांग्रेस को जमकर मिलता है. इसलिए इससे पहले की यूपीए सरकार में उन्हें संसदीय कार्य मंत्री का जिम्मा सौंपा गया था. कमलनाथ में संसदीय कार्य मंत्री रहते हुए बेहतर फ्लोर मैनेजमेंट कर 5 साल तक सरकार चलाने में मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी की भरपूर मदद की थी. वहीं 2013 में मध्यप्रदेश विधानसभा और 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही कांग्रेस में जान फूंकने कमलनाथ को जिम्मेदारी सौंपी गई. जिसके बाद 15 साल बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस की वापसी हुई.

Intro:भोपाल। मध्यप्रदेश की सत्ता से लगातार 15 साल दूर रहने के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस संगठन की हालत यह हो गई थी। कि हताशा और निराशा में डूबे संगठन को उबारकर मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाना आसान नहीं था।लेकिन अनुभवी राजनेता कमलनाथ को कांग्रेस ने यह जिम्मेदारी सौंपी और उन्होंने वह कर दिखाया। जिस काम में मध्यप्रदेश के कई दिग्गज नेता फेल हो चुके थे। कमलनाथ ने समन्वय और समर्पण के साथ मध्यप्रदेश में कांग्रेस की वापसी की। हाल ही के लोकसभा चुनाव में कमलनाथ अपनी सीट से अपने बेटे नकुल नाथ को उतार चुके हैं और खुद विधानसभा उपचुनाव लड़का मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर काम करेंगे।लेकिन लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के पहले ही सरकार बनाने की कवायद में जुटी कांग्रेस के लिए सहयोगी ढूंढने का जिम्मा कमलनाथ को सौंपा गया है। खुद सोनिया गांधी ने कमलनाथ से बात कर उन्हें कल दिल्ली बुलाया था और कमलनाथ अपने संपर्कों के आधार पर यूपी का कुनबा मजबूत करने में जुट गए हैं।


Body:जहां तक कमलनाथ की बात करें तो वह पूरे देश में एक अनुभवी और मजबूत संपर्क सूत्र वाले नेता के तौर पर जाने जाते हैं। एक बेदाग छवि वाले नेता के अलावा एक उद्योगपति होने के कारण राजनीति में उनके संपर्क का फायदा कांग्रेस को जमकर मिलता है। इसीलिए यूपीए-2 सरकार में उन्हें संसदीय कार्य मंत्री का जिम्मा सौंपा गया था। कमलनाथ में संसदीय कार्य मंत्री रहते हुए बेहतर फ्लोर मैनेजमेंट कर 5 साल तक सरकार चलाने में मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी की भरपूर मदद की। 2013 में मध्यप्रदेश विधानसभा और 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही कांग्रेस में जान फूंकने कमलनाथ को जिम्मेदारी सौंपी गई।मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के महज 7 महीने पहले मिली जिम्मेदारी को तत्परता से संभालते हुए कमलनाथ ने जहां बेजान हो चुके मध्य प्रदेश कांग्रेस संगठन में जान लाने का काम किया। वही मोदी और शिवराज के जादू में डूबी मध्य प्रदेश की जनता को अपने पाले में लाने में भरपूर में मेहनत की। नतीजा यह हुआ कि 15 साल बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस की वापसी हुई और कांग्रेस संगठन में मजबूती आई। विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही कमलनाथ के पास जिम्मेदारी थी कि वह लोकसभा चुनाव 2014 में हुई कांग्रेस की करारी हार का बदला ले इसके लिए भी कमलनाथ ने भरपूर मेहनत की। मध्य प्रदेश की 29 सीटों पर कमलनाथ ने ऐसे प्रत्याशी खड़े किए कि आज की स्थिति में भाजपा दावा करने की स्थिति में नहीं है कि वह कितनी सीटें जीत रही है और कांग्रेस नहीं बल्कि आम आदमी को भरोसा है मध्यप्रदेश में 2014 के मुकाबले कांग्रेसका बेहतर प्रदर्शन होगा।


Conclusion:लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में मध्यप्रदेश में भी 8 सीटों पर मतदान 19 मई को होने जा रहा है 17 मई को प्रचार समाप्त होने के साथ ही कमलनाथ को दिल्ली से सोनिया गांधी का बुलावा आ गया बताया जा रहा है सोनिया गांधी ने कमलनाथ को लोकसभा चुनाव के परिणाम के पहले ही यूपीए का कुनबा मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है कमलनाथ को करीब से जानने वाले नेताओं का कहना है कमलनाथ की छवि के चलते कमान क्षेत्रीय दलों के नेता हमेशा उनके संपर्क में रहते हैं और कमलनाथ भी हमेशा उनकी मदद के लिए तत्पर रहते हैं।

मध्य प्रदेश कांग्रेस के संगठन महामंत्री राजीव सिंह का कहना है कि 23 मई को चुनाव परिणाम आने वाले हैं। परिणाम के पहले ही यह तय हो चुका है कि केंद्र की सरकार जाने वाली है और गठबंधन सरकार के आसार बन रहे हैं।ऐसे में चुनाव परिणाम के पहले ही गठबंधन मजबूत करने के प्रयास सभी राजनीतिक दल करते हैं। कमलनाथ जी एक अनुभवी नेता है, संसदीय कार्य मंत्री रहते हुए उन्होंने तमाम दलों के साथ समन्वय का काम किया है और उनके संपर्क काफी तगड़े हैं। इसलिए कांग्रेस आलाकमान उन्हें यूपीए का कुनबा बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी है।

बाइट- राजीव सिंह प्रदेश संगठन महामंत्री कांग्रेस।
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