भोपाल। सीएम कमलनाथ ने दिल्ली पहुंचकर पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. बताया जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच प्रदेश के विकास के लिए हर मुद्दे पर चर्चा हुई है. खासकर इस मुलाकात के बाद मध्य प्रदेश में खरीदे गए समर्थन मूल्य पर गेहूं और पलायन रोकने के लिए मनरेगा का फंड जारी करने की उम्मीद जगी है.
भारत सरकार द्वारा खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली में प्रदेश में गेहूं उपार्जन पर वर्तमान में 67.25 लाख मीट्रिक टन की लिमिट तय की है. जबकि भारत सरकार द्वारा फरवरी में 75 लाख मीट्रिक टन की लिमिट स्वीकृत की थी. यह लिमिट 4 वर्ष पुराने उपार्जन के आंकड़ों के आधार पर तय की गई थी. मध्यप्रदेश में गेहूं उपार्जन की लिमिट 75 लाख मीट्रिक टन करने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है.
कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश के बुंदेलखंड एवं निमाड़ क्षेत्र में पर्याप्त बारिश न होने के कारण किसान और आम आदमी रोजगार के लिए पलायन कर रहा है. जिसे रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त मात्रा में मनरेगा के तहत सहायता करने का आग्रह भी सीएम ने पीएम से किया है. मनरेगा के तहत अभी तक स्वीकृत श्रमिक बजट जनवरी के पहले ही समाप्त हो जाता है. इस कारण तीन चार महीने से मजदूरों का भुगतान नहीं हो पा रहा है. जिसे लेकर भी पीएम से बात की गई है.
इसके अलावा भारत सरकार द्वारा 2008 में रीजनल सेंटर ऑफ इंडियन स्कूल ऑफ माइंस धनबाद को सिंगरौली में खोलने का निर्णय लिया गया था. जिसके लिए राज्य सरकार ने 163. 25 एकड़ जमीन भी आवंटित की थी. इस सेंटर को शीघ्र चालू करने का अनुरोध भी प्रधानमंत्री से किया गया है.