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सीएम कमलनाथ को पीएम मोदी ने दिया आश्वासन! खरीदा जाएगा MP का पूरा गेहूं

सीएम कमलनाथ और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच हुई मुलाकात में प्रदेश के विकास कार्यों से संबंधित हर मुद्दे पर चर्चा हुई है. माना जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद केंद्र सरकार प्रदेश सरकार से पूरा गेहूं खरीदेगी.

कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा
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Published : Jun 7, 2019, 7:38 PM IST

भोपाल। सीएम कमलनाथ ने दिल्ली पहुंचकर पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. बताया जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच प्रदेश के विकास के लिए हर मुद्दे पर चर्चा हुई है. खासकर इस मुलाकात के बाद मध्य प्रदेश में खरीदे गए समर्थन मूल्य पर गेहूं और पलायन रोकने के लिए मनरेगा का फंड जारी करने की उम्मीद जगी है.

सीएम कमलनाथ को पीएम मोदी ने दिया आश्वासन गेहूं खरीदने का भरोसा
कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने बताया कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच हुई इस मुलाकात में कमलनाथ ने पीएम मोदी से केंद्र में प्रदेश की लंबित योजनाओं को स्वीकृति प्रदान करने और राशि जारी करने के लिए विस्तार से चर्चा की है. उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश की खनन-उत्खनन से संबंधित करीब 20 बड़ी परियोजना है, जो भारत सरकार की अनुमतियों के कारण लंबित हैं. इन पर भी सीएम कमलनाथ ने पीएम से आग्रह किया है कि प्रदेश की राजस्व आय बढ़ाने के लिए इन परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की जाए.

भारत सरकार द्वारा खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली में प्रदेश में गेहूं उपार्जन पर वर्तमान में 67.25 लाख मीट्रिक टन की लिमिट तय की है. जबकि भारत सरकार द्वारा फरवरी में 75 लाख मीट्रिक टन की लिमिट स्वीकृत की थी. यह लिमिट 4 वर्ष पुराने उपार्जन के आंकड़ों के आधार पर तय की गई थी. मध्यप्रदेश में गेहूं उपार्जन की लिमिट 75 लाख मीट्रिक टन करने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश के बुंदेलखंड एवं निमाड़ क्षेत्र में पर्याप्त बारिश न होने के कारण किसान और आम आदमी रोजगार के लिए पलायन कर रहा है. जिसे रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त मात्रा में मनरेगा के तहत सहायता करने का आग्रह भी सीएम ने पीएम से किया है. मनरेगा के तहत अभी तक स्वीकृत श्रमिक बजट जनवरी के पहले ही समाप्त हो जाता है. इस कारण तीन चार महीने से मजदूरों का भुगतान नहीं हो पा रहा है. जिसे लेकर भी पीएम से बात की गई है.

इसके अलावा भारत सरकार द्वारा 2008 में रीजनल सेंटर ऑफ इंडियन स्कूल ऑफ माइंस धनबाद को सिंगरौली में खोलने का निर्णय लिया गया था. जिसके लिए राज्य सरकार ने 163. 25 एकड़ जमीन भी आवंटित की थी. इस सेंटर को शीघ्र चालू करने का अनुरोध भी प्रधानमंत्री से किया गया है.

भोपाल। सीएम कमलनाथ ने दिल्ली पहुंचकर पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. बताया जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच प्रदेश के विकास के लिए हर मुद्दे पर चर्चा हुई है. खासकर इस मुलाकात के बाद मध्य प्रदेश में खरीदे गए समर्थन मूल्य पर गेहूं और पलायन रोकने के लिए मनरेगा का फंड जारी करने की उम्मीद जगी है.

सीएम कमलनाथ को पीएम मोदी ने दिया आश्वासन गेहूं खरीदने का भरोसा
कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने बताया कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच हुई इस मुलाकात में कमलनाथ ने पीएम मोदी से केंद्र में प्रदेश की लंबित योजनाओं को स्वीकृति प्रदान करने और राशि जारी करने के लिए विस्तार से चर्चा की है. उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश की खनन-उत्खनन से संबंधित करीब 20 बड़ी परियोजना है, जो भारत सरकार की अनुमतियों के कारण लंबित हैं. इन पर भी सीएम कमलनाथ ने पीएम से आग्रह किया है कि प्रदेश की राजस्व आय बढ़ाने के लिए इन परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की जाए.

भारत सरकार द्वारा खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली में प्रदेश में गेहूं उपार्जन पर वर्तमान में 67.25 लाख मीट्रिक टन की लिमिट तय की है. जबकि भारत सरकार द्वारा फरवरी में 75 लाख मीट्रिक टन की लिमिट स्वीकृत की थी. यह लिमिट 4 वर्ष पुराने उपार्जन के आंकड़ों के आधार पर तय की गई थी. मध्यप्रदेश में गेहूं उपार्जन की लिमिट 75 लाख मीट्रिक टन करने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश के बुंदेलखंड एवं निमाड़ क्षेत्र में पर्याप्त बारिश न होने के कारण किसान और आम आदमी रोजगार के लिए पलायन कर रहा है. जिसे रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त मात्रा में मनरेगा के तहत सहायता करने का आग्रह भी सीएम ने पीएम से किया है. मनरेगा के तहत अभी तक स्वीकृत श्रमिक बजट जनवरी के पहले ही समाप्त हो जाता है. इस कारण तीन चार महीने से मजदूरों का भुगतान नहीं हो पा रहा है. जिसे लेकर भी पीएम से बात की गई है.

इसके अलावा भारत सरकार द्वारा 2008 में रीजनल सेंटर ऑफ इंडियन स्कूल ऑफ माइंस धनबाद को सिंगरौली में खोलने का निर्णय लिया गया था. जिसके लिए राज्य सरकार ने 163. 25 एकड़ जमीन भी आवंटित की थी. इस सेंटर को शीघ्र चालू करने का अनुरोध भी प्रधानमंत्री से किया गया है.

Intro:भोपाल। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार मुलाकात करने पहुंचे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रदेश की समस्याओं और विकास कार्यों को लेकर चर्चा की है। करीब आधे घंटे चली इस मुलाकात के बाद मध्य प्रदेश सरकार को भरोसा जगा है कि प्रदेश की समस्याओं और विकास कार्यों के लिए प्रधानमंत्री दिल खोलकर मदद करेंगे। खासकर मध्य प्रदेश में खरीदे गए समर्थन मूल्य पर गेहूं और पलायन रोकने के लिए मनरेगा का फंड जारी करने की उम्मीद जगी है।


Body:प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच हुई इस मुलाकात में कमलनाथ ने पीएम मोदी से केंद्र में प्रदेश की लंबित योजनाओं को स्वीकृति प्रदान करने और राशि जारी करने के लिए विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मध्य प्रदेश की खनन उत्खनन से संबंध करीब 20 बड़ी परियोजना है, जो भारत सरकार की अनुमति यों के कारण लंबित हैं।उनको लेकर प्रधानमंत्री से आग्रह किया है प्रदेश की राजस्व आय बढ़ाने के लिए इन परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान करें।

भारत सरकार द्वारा खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली में प्रदेश में गेहूं उपार्जन पर वर्तमान में 67.25 लाख मीट्रिक टन की लिमिट तय की है। जबकि भारत सरकार द्वारा फरवरी में 75 लाख मीट्रिक टन की लिमिट स्वीकृत की थी। यह लिमिट 4 वर्ष पुराने उपार्जन के आंकड़ों के आधार पर तय की गई थी। मध्यप्रदेश में गेहूं उपार्जन की लिमिट 75 लाख मीट्रिक टन करने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है।

प्रदेश के बुंदेलखंड एवं निर्माण क्षेत्र में पर्याप्त वर्षा ना होने के कारण किसान और आम आदमी रोजगार हेतु शहर के तरफ पलायन कर रहा है। इस पलायन को रोकने के लिए और स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त मात्रा में मनरेगा के तहत सहायता करने का आग्रह किया है। मनरेगा के तहत अभी तक स्वीकृत श्रमिक बजट जनवरी के पहले ही समाप्त हो जाता है। इस कारण तीन चार महीने से मजदूरों का भुगतान नहीं हो पा रहा है। मुख्यमंत्री कमलनाथ में इस मामले में प्रधानमंत्री से जल्द निर्णय करने का आग्रह किया है।


Conclusion: मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि प्रधानमंत्री सड़क योजना के प्रस्तावित तृतीय चरण में वर्तमान सड़कों के अपग्रेडेशन के साथ साथ 2011 की जनगणना के आधार पर विभिन्न गांव और बसाहटों को इस योजना में शामिल किया जाए। इससे जो गांव छूट गए थे, उनको लाभ मिल सकेगा और वह पक्की सड़कों से जुड़ सकेंगे।

इसके अलावा भारत सरकार द्वारा 2008 में रीजनल सेंटर ऑफ इंडियन स्कूल ऑफ माइंस धनबाद का सिंगरौली में खोलने का निर्णय लिया गया था। जिसके लिए राज्य सरकार ने 163. 25 एकड़ जमीन भी आवंटित की थी। इस सेंटर को शीघ्र चालू करने का अनुरोध प्रधानमंत्री ने किया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को आश्वस्त किया है कि वह शीघ्र ही इन सब मामलों में संबंधित मंत्रालयों को दशा निर्देश जारी करेंगे।

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