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एमपी में पहले चरण के मतदान के बाद क्या हैं बीजेपी कांग्रेस के दावे

सबसे कम मतदान सीधी संसदीय सीट में 69.45 प्रतिशत हुआ है. छिंदवाड़ा में सबसे ज्यादा 82.00 फीसदी मतदान हुआ है. शहडोल में 74.70 फीसदी, जबलपुर में 69.42 फीसदी,मंडला में 77.45 फीसदी और बालाघाट में 77.02% मतदान हुआ है

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Published : Apr 30, 2019, 11:48 PM IST

बीजेपी-कांग्रेस के दावे

भोपाल: मध्य प्रदेश में भारी गर्मी के बीच हुए पहले चरण के मतदान का आंकड़ा 65 फीसदी के पार पहुंच गया है. तेज गर्मी की वजह से 60% मतदान को लेकर भी संशय की स्थिति थी, लेकिन लोकतंत्र के महापर्व में प्रदेश के 6 लोकसभा सीट के मतदाताओं ने उत्साह दिखाते हुए 74.82 फ़ीसदी से मतदान किया. सबसे ज्यादा मतदान छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर हुआ है तो सबसे कम मतदान सीधी में हुआ है.

सबसे कम मतदान सीधी संसदीय सीट में 69.45 प्रतिशत हुआ है. छिंदवाड़ा में सबसे ज्यादा 82.00 फीसदी मतदान हुआ है. शहडोल में 74.70 फीसदी, जबलपुर में 69.42 फीसदी,मंडला में 77.45 फीसदी और बालाघाट में 77.02% मतदान हुआ है. मतदान के बाद दोनों प्रमुख बीजेपी और कांग्रेस ने अपनी- अपनी जीत के दावे किए हैं. कांग्रेस का कहना है कि इस बार मतदान दलित आदिवासियों पर अत्याचार, नोटबंदी की पीड़ा और जीएसटी जैसे फरमानों के खिलाफ होगा. बीजेपी का दावा है कि 2014 में उम्मीदों का जनादेश मिला था और 2019 में उम्मीदों को अमलीजामा पहनाने का जनादेश मिलेगा.

एमपी में पहले चरण के मतदान के बाद क्या हैं बीजेपी कांग्रेस के दावे

मतदान को लेकर मध्य प्रदेश प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने छह की छह सीट जीतने का दावा किया है. कांग्रेस का कहना है कि पहले मोदी की हवा थी, इस बार मोदी की हवा नहीं है. मोदी सरकार ने अत्याचार किए हैं. इन सीटों में से दो आदिवासी सीटें हैं और एक तीसरी सीट में आदिवासी बड़ी तादाद में हैं. जिस तरह से मोदी सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून में आदिवासियों की जमीन छीनने की कोशिश की. तीन-तीन बार अध्यादेश लाए. हठधर्मिता के साथ आदिवासियों की जमीन छीनने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस के कारण सफल नहीं हो पाए. आखिरकार उन्हें कांग्रेस के भूमि अधिग्रहण कानून को मानना पड़ा.


भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि मोदी सरकार ने देश के लोगों को ठगा है. आज उन्हें नहीं दिखाई दे रहा है, लेकिन जनता को दिखाई दे रहा है कि नोटबंदी की लाइन में कोई अमीर नहीं लगा था. अमीरों की नोट पहले ही बदल चुकी थी. जनता को ऐसा आभास हो चुका है कि अमीरों की नोट घर जाकर बदली गई, लेकिन गरीब तो लाइन में खड़ा होकर मरा. भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि यही वजह है कि पीए मोदी नोटबंदी, जीएसटी के नाम पर वोट नहीं मांग रहे हैं. देश की जनता जानती है और वह अपना फैसला इन ही आधार पर देने वाली है.


बीजेपी के प्रवक्ता मनीष सक्सेना ने कहा है कि जिन 6 सीटों पर जो मतदान हुआ है, उसमें बीजेपी की जीत होने जा रही है. मनीष सक्सेना ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में एंट्री करते हुए कहा था कि बीजेपी को उम्मीद का जनादेश मिला है. अब 2019 में जो जनादेश मिलने वाला है, वह इन उम्मीदों को अमलीजामा पहनाने वाला जनादेश रहेगा. मनीष ने कहा कि छिंदवाड़ा पिछली बार छूट गया था, लेकिन कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद जिस विलासिता से शासन चल रहा हैं, उससे जनता का मोह भंग हो चुका है. छिंदवाड़ा में भी इस बार बीजेपी को अच्छा जनादेश मिलेगा.

भोपाल: मध्य प्रदेश में भारी गर्मी के बीच हुए पहले चरण के मतदान का आंकड़ा 65 फीसदी के पार पहुंच गया है. तेज गर्मी की वजह से 60% मतदान को लेकर भी संशय की स्थिति थी, लेकिन लोकतंत्र के महापर्व में प्रदेश के 6 लोकसभा सीट के मतदाताओं ने उत्साह दिखाते हुए 74.82 फ़ीसदी से मतदान किया. सबसे ज्यादा मतदान छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर हुआ है तो सबसे कम मतदान सीधी में हुआ है.

सबसे कम मतदान सीधी संसदीय सीट में 69.45 प्रतिशत हुआ है. छिंदवाड़ा में सबसे ज्यादा 82.00 फीसदी मतदान हुआ है. शहडोल में 74.70 फीसदी, जबलपुर में 69.42 फीसदी,मंडला में 77.45 फीसदी और बालाघाट में 77.02% मतदान हुआ है. मतदान के बाद दोनों प्रमुख बीजेपी और कांग्रेस ने अपनी- अपनी जीत के दावे किए हैं. कांग्रेस का कहना है कि इस बार मतदान दलित आदिवासियों पर अत्याचार, नोटबंदी की पीड़ा और जीएसटी जैसे फरमानों के खिलाफ होगा. बीजेपी का दावा है कि 2014 में उम्मीदों का जनादेश मिला था और 2019 में उम्मीदों को अमलीजामा पहनाने का जनादेश मिलेगा.

एमपी में पहले चरण के मतदान के बाद क्या हैं बीजेपी कांग्रेस के दावे

मतदान को लेकर मध्य प्रदेश प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने छह की छह सीट जीतने का दावा किया है. कांग्रेस का कहना है कि पहले मोदी की हवा थी, इस बार मोदी की हवा नहीं है. मोदी सरकार ने अत्याचार किए हैं. इन सीटों में से दो आदिवासी सीटें हैं और एक तीसरी सीट में आदिवासी बड़ी तादाद में हैं. जिस तरह से मोदी सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून में आदिवासियों की जमीन छीनने की कोशिश की. तीन-तीन बार अध्यादेश लाए. हठधर्मिता के साथ आदिवासियों की जमीन छीनने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस के कारण सफल नहीं हो पाए. आखिरकार उन्हें कांग्रेस के भूमि अधिग्रहण कानून को मानना पड़ा.


भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि मोदी सरकार ने देश के लोगों को ठगा है. आज उन्हें नहीं दिखाई दे रहा है, लेकिन जनता को दिखाई दे रहा है कि नोटबंदी की लाइन में कोई अमीर नहीं लगा था. अमीरों की नोट पहले ही बदल चुकी थी. जनता को ऐसा आभास हो चुका है कि अमीरों की नोट घर जाकर बदली गई, लेकिन गरीब तो लाइन में खड़ा होकर मरा. भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि यही वजह है कि पीए मोदी नोटबंदी, जीएसटी के नाम पर वोट नहीं मांग रहे हैं. देश की जनता जानती है और वह अपना फैसला इन ही आधार पर देने वाली है.


बीजेपी के प्रवक्ता मनीष सक्सेना ने कहा है कि जिन 6 सीटों पर जो मतदान हुआ है, उसमें बीजेपी की जीत होने जा रही है. मनीष सक्सेना ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में एंट्री करते हुए कहा था कि बीजेपी को उम्मीद का जनादेश मिला है. अब 2019 में जो जनादेश मिलने वाला है, वह इन उम्मीदों को अमलीजामा पहनाने वाला जनादेश रहेगा. मनीष ने कहा कि छिंदवाड़ा पिछली बार छूट गया था, लेकिन कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद जिस विलासिता से शासन चल रहा हैं, उससे जनता का मोह भंग हो चुका है. छिंदवाड़ा में भी इस बार बीजेपी को अच्छा जनादेश मिलेगा.

Intro:भोपाल। मध्यप्रदेश में आज भारी गर्मी के बीच हुए पहले चरण के मतदान का आंकड़ा 65 के ऊपर पहुंच गया है। पिछले दो-तीन दिनों से तेज गर्मी के कारण 60% मतदान को लेकर भी संशय की स्थिति थी। लेकिन लोकतंत्र के महापर्व में प्रदेश के 6 लोकसभा सीट के मतदाताओं ने उत्साह दिखाते हुए 66.52 फ़ीसदी मतदान किया। सबसे ज्यादा मतदान छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर हुआ है तो सबसे कम मतदान सीधी में हुआ है। सबसे कम मतदान सीधी संसदीय सीट में 57.32 प्रतिशत हुआ है।छिंदवाड़ा में सबसे ज्यादा 72.95 फीसदी मतदान हुआ है। इसके अलावा शहडोल में 68.76 फीसदी, जबलपुर में 64.05 फीसदी,मंडला में 67.09 फीसदी और बालाघाट में 70.42% मतदान हुआ है। मतदान के बाद दोनों प्रमुख बीजेपी और कांग्रेस ने अपनी- अपनी जीत के दावे किए हैं। कांग्रेस का कहना है कि इस बार मतदान दलित आदिवासियों पर अत्याचार, नोटबंदी की पीड़ा और जीएसटी जैसे फरमानों के खिलाफ होगा। वहीं बीजेपी का दावा है कि 2014 में उम्मीदों का जनादेश मिला था और 2019 में उम्मीदों को अमलीजामा पहनाने का जनादेश मिलेगा।


Body:मतदान को लेकर मध्यप्रदेश प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का दावा है कि हम छह की छह सीटें जीत रहे हैं और भाजपा की 6 सीटों पर पराजित होने जा रही है। 2014 के मुकाबले कांग्रेस के पक्ष में ऐसा क्या हो गया कि कांग्रेस अभी 6 सीटें जीतने का दावा कर रही है, इस सवाल पर कांग्रेस का कहना है कि पहले मोदी की हवा थी, इस बार मोदी की हवा नहीं है। मोदी सरकार ने अत्याचार किए हैं। इन सीटों में से दो आदिवासी सीटें हैं और एक तीसरी सीट में आदिवासी बहुत बड़ी मात्रा में है। जिस तरह से मोदी सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून में आदिवासियों की जमीन छीनने की कोशिश की। तीन-तीन बार अध्यादेश लाए, हठधर्मिता के साथ आदिवासियों की जमीन छीनने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस के कारण सफल नहीं हो पाए और आखिरकार उन्हें कांग्रेस के भूमि अधिग्रहण कानून को मानना पड़ा। आज जो आरक्षित समाज है, उसको जिस तरह सताने का पूरे देश में उपक्रम किया गया है। चाहे उनी हो, दादर हो या फिर ग्वालियर हो। सब जगह अत्याचारों दमन करने की कोशिश एससी-एसटी समाज पर की गई है। वह सबके सामने प्रकट है, इसकी अपनी प्रतिक्रिया है। देश का प्रधानमंत्री सब का प्रधानमंत्री होता है, लेकिन जब वह अमीरों को संरक्षण दे सकता है तो गरीबों को क्यों नहीं दे सकता। गरीबों को तो माब लिंचिंग में पिटाई हो रही है और हत्याएं हो रही हैं।अमीरों को पोषण दिया जा रहा है, यह जब समाज देखता है, तो समाज अपना मन बनाता है। उन्हें भले नहीं दिखाई पड़ रहा है, लेकिन जनता को दिखाई पड़ रहा है, जो रोज 77- 80 रुपए का पेट्रोल भरवाता है, उसे दिखाई दे रहा है कि मोदी सरकार ने उन्हें ठगा है। आज उन्हें नहीं दिखाई दे रहा है, लेकिन जनता को दिखाई दे रहा है कि नोटबंदी की लाइन में कोई अमीर नहीं लगा था, उनकी तो नोट पहले ही बदल चुकी थी। जनता को ऐसा आभास हो चुका है कि अमीरों की नोटे घर जाकर बदली गई, लेकिन गरीब तो लाइन में खड़ा होकर मरा, इस दर्द को कैसे भूल जाएंगे। इसीलिए तो मोदी जी हिम्मत नहीं कर रहे हैं, नोटबंदी को ऐतिहासिक निर्णय के बाद क्यों वोट नहीं मांग रहे हैं। जीएसटी के नाम पर क्यों वोट नहीं मांगते हैं। यह चीज है देश की जनता जानती है और वह अपना फैसला इन ही आधार पर देने वाली है।


Conclusion:वहीं बीजेपी के प्रवक्ता मनीष सक्सेना का कहना है कि आज 6 सीटों पर जो मतदान हुआ है। 42- 43 डिग्री तापमान में भी मतदाताओं ने जो उत्साह का परिचय दिया है, उससे बीजेपी की जीत होने जा रही है। 20 14 में नरेंद्र मोदी जी ने निर्वाचित होने के बाद जब संसद में प्रवेश किया था, तो उन्होंने कहा था कि हमें उम्मीद का जनादेश मिला है। अब हमें 2019 में जो जनादेश मिलने वाला है, वह इन उम्मीदों को अमलीजामा पहनाने वाला जनादेश रहेगा। निश्चित रूप से मध्यप्रदेश की 6 संसदीय सीटों पर आज जो मतदान हुआ है। उसमें भाजपा जबरदस्त जीत दर्ज करेगी। उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा पिछली बार छूट गया था। लेकिन कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद जिस विलासिता से शासन चल रहा है, उससे जनता का मोह भंग हो चुका है।तो आप देखेंगे कि छिंदवाड़ा में भी इस बार बीजेपी को अच्छा जनादेश मिलेगा।
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